पर्सिस्टेंट जेनिटल अराउजल डिसऑर्डर (पीजीएडी) - Persistent Genital Arousal Syndrome in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

January 13, 2020

September 06, 2021

पर्सिस्टेंट जेनिटल अराउजल डिसऑर्डर
पर्सिस्टेंट जेनिटल अराउजल डिसऑर्डर

पीजीएडी क्या है?

पर्सिस्टेंट जेनिटल अराउजल डिसऑर्डर (पीजीएडी) को पर्सिस्टेंट सैक्सुअल अराउजल सिंड्रोम भी कहते हैं। इस तरह के डिसऑर्डर से ग्रसित मरीज बिना किसी कामुक गतिविधि अथवा उत्तेजना के हर वक्त कामोत्तेजित महसूस करता है। बिना किसी कामोत्तेजित गतिविधि के भी वो कामोत्तेजना के सारे लक्षण जैसे रोंगटे खड़े होना और योनि में सूजन को महसूस करते हैं।

ये लक्षण यहीं तक सीमित नहीं रहते कई बार मरीज को लगातार चरमसुख का आभास होता रहता है। इस तरह की कामोत्तेजना कई घंटों, दिनों और हफ्तों तक जारी रहती है। वैसे पीजीएडी अक्सर महिलाओं में ही देखा गया है पर पुरुषों में भी ऐसा ही एक डिसऑर्डर पाया जाता है जिसे प्रियापिज्म कहते हैं जिसमें बिना किसी कामोत्तेजित गतिविधि के लिंग घंटों उत्तेजित रहता है।

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पीजीएडी के लक्षण - Persistent Genital Arousal Syndrome Symptoms in Hindi

पीजीएडी के संकेत

  • बिना किसी कामुक गतिविधि के कामोत्तेजना
  • महिलाओं में योननांगों का उत्तेजित रहना जैसे क्लिटोरिस, योनि और योनि के होंठ और स्तनों में भी सूजन महसूस होती है।
  • पुरुषों को लिंग में दर्द और कई घंटों तक उत्तेजना महसूस होती है

अन्य आम लक्षण इस प्रकार हैं -

  • चेहरे और गर्दन का लाल हो जाना
  • हाई बीपी रहना
  • दिल की धड़कन अनियंत्रित रहना
  • गहरी और तेज सांसें आना
  • मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होना
  • धुंधला और धब्बेदार दिखना
  • यौन अंगों जैसे महिलाओं को क्लाइटोरिस और पुरुषों को लिंग में दर्द महसूस होना

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पीजीएडी के कारण - Persistent Genital Arousal Syndrome Causes in Hindi

पीजीएडी क्यों होता है?

पीजीएडी होने के कई कारण हो सकते हैं, इसके पीछे कोई एक निर्धारित कारण नहीं होता-

  • प्यूडेडल नस का दब जाना। ये नस हमें यौन अंगों के आस-पास होने वाली सनसनी को महसूस करवाती है।
  • ज्यादा देर तक क्लाइटोरिस का उत्तेजित रहना प्रियापिज्म पैदा कर सकता है, जो पीजीएडी का मुख्य कारण है।
  • वहीं पुरूषों में लिंग के अंदर और बाहर खून का अवरोधित प्रवाह प्रियापिज्म पैदा करता है।
  • मानसिक रोग जैसे तनाव, दबाव, बायपोलर और ओसीडी आमतौर पर पीजीएडी से ग्रसित पुरुषों और महिलाओं में देखे जाते हैं।
  • पुरुषों में नसबंदी की कॉम्प्लिकेशन और मूत्र मार्ग इन्फेक्शन की वजह से भी पीजीएडी हो जाता है।

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पीजीएडी के बचाव के उपाय - Prevention of Persistent Genital Arousal Syndrome in Hindi

पीजीएडी का उपचार

उत्तेजना के असली कारणों का पता लगने के बाद उपचार किया जाता है।

कुछ मामलों में देखा गया कि हस्थमैथुन इस उत्तेजना को कुछ समय के लिए कम कर सकता है, लेकिन ये तरीका ज्यादा समय तक असरदार नहीं रहता। कुछ समय तक ही इससे आराम मिल पाता है। कुछ मामलों में ये पाया गया कि ज्यादा हस्तमैथुन पीजीएडी के लक्षणों को बढ़ा सकता है। कई बार ये लक्षण बिगड़ कर और लंबे समय तक स्थिर हो जाते हैं। इसके लिए -

  • सुन्न करने वाले जेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (जो किसी मानसिक रोगी को बाइपोलर और तनाव के दौरान दी जाती है) दी जा सकती है।

  • ट्रांसक्युटेनिअस इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिमुलेशन (जो नसों को करंट के जरिए आराम पहुंचाने की कोशिश करता है) भी एक उपाय हो सकता है।

एक स्टडी के अनुसार जिन महिलाओं को तनाव था, उन्हें इलाज के दौरान दी जाने वाली दवाइयों से पीजीडी के कुछ लक्षणों से आराम मिला।

कुछ मेडिकेशन्स जो पीजीएडी के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल हो सकती हैं।

  • क्लोमिप्रामीन एक तरह की एंटीडिप्रेसेंट है जिसे ओसीडी के मरीजों को दिया जाता है।

  • फ्लुओजेटीन, एक एसएसआरआई (सिलेक्टिव सेरेटोनिन रिअपटेक इनहिबिटर) है जो डिप्रेसिव डिसऑर्डर, पैनिक डिसऑर्डर और ब्युलिमिया को ठीक करने के लिए इस्तेमाल होता है।

  • लाइनोकेन जेल जिसे लीडोकेन भी कहते हैं, शरीर के हिस्सों को सुन्न करने में मदद करता है।

पीजीएडी का निदान - Diagnosis of Persistent Genital Arousal Syndrome in Hindi

पीजीएडी का कैसे पता चलता है -

डॉक्टर से बात करें और पीजीएडी से जुड़े सारे लक्षण बताएं। डॉक्टर बीमारी की जांच के लिए निम्न सलाह दे सकते हैं -

  • किसी थेरेपिस्ट और किसी मानसिक रोग विशेषज्ञ से अपनी पूरी जांच करवाएं।
  • अपनी शारीरिक जांच करवाएं और पीजीएडी के पूरे पीरियड को नोट करें और अपने द्वारा ली गई हर दवा की जानकारी रखें।
  • अपने यौन अंगों का फिजीकल टेस्ट करवाएं।
  • कामोत्तेजना से पहले और बाद में यौन अंगों में खून के प्रवाह का चेकअप करवाएं।
  • अपने तंत्रिका तंत्र का पूरा चेकअप करवाएं, ताकि किसी भी नस को पहुंची हानि का पता लगाया जा सके।


संदर्भ

  1. Manju Aswath et al. Persistent Genital Arousal Disorder Indian Journal of Psychological Medicine, 2016 Jul-Aug; 38(4): 341–343. PMCID: PMC4980903.
  2. S. Leiblum et al. Psychological, medical, and pharmacological correlates of persistent genital arousal disorder. Journal of Sexual Medicine, 2007 Sep;4(5):1358-66. PMID: 17680784.
  3. Seth D. Cohen. Diagnosis and Treatment of Persistent Genital Arousal Disorder. Reviews in Urology, 2017; 19(4): 265–267. PMID: 29472831.
  4. Boston University School of Medicine. [Internet] Boston (MA). US; Persistent Sexual Arousal Syndrome
  5. Facelle TM et al. Persistent genital arousal disorder: characterization, etiology, and management. The Journal of Sexual Medicine. 2013 Feb;10(2):439-50. PMID: 23157369.
  6. Jackowich RA et al. Persistent Genital Arousal Disorder: A Review of Its Conceptualizations, Potential Origins, Impact, and Treatment. Sexual Medicine Reviews. 2016 Oct;4(4):329-42. PMID: 27461894.

पर्सिस्टेंट जेनिटल अराउजल डिसऑर्डर (पीजीएडी) के डॉक्टर

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पर्सिस्टेंट जेनिटल अराउजल डिसऑर्डर (पीजीएडी) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Persistent Genital Arousal Syndrome in Hindi

पर्सिस्टेंट जेनिटल अराउजल डिसऑर्डर (पीजीएडी) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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