पीठ मांसपेशियों, लिगामेंट, टेंडन, डिस्क और हड्डियों से बनी होती है. ये शरीर को सहारा देने के लिए एक साथ काम करते हैं और व्यक्ति को चलने-फिरने में मदद करते हैं. इनमें से किसी भी एक में समस्या होने पर कमर दर्द महसूस हो सकता है. वैसे तो महिलाएं कमर के दर्द से अधिक परेशान रहती हैं, लेकिन कुछ मामलों में कमर का दर्द पुरुषों को भी परेशान कर सकता है. तनाव, खराब शारीरिक पोश्चर व डिस्क में दिक्कत कमर दर्द के मुख्य कारण हो सकते हैं.

इस लेख में हम पुरुष में कमर दर्द के कारण और इलाज के बारे में जानेंगे -

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  1. पुरुषों में कमर दर्द के कारण
  2. सारांश
  3. पुरुषों में कमर दर्द का इलाज
पुरुषों में कमर दर्द के कारण व उपचार के डॉक्टर

कमर दर्द महिला व पुरुष किसी को भी हो सकता है और इसके कारण भी लगभग एक जैसे ही होती हैं. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है कमर का दर्द भी बढ़ने लगता है. पुरुषों में कमर दर्द के कारण निम्न प्रकार से हो सकते हैं -

रीढ़ की हड्डी का झुकना

रीढ़ की हड्डी के झुकने की स्थिति को स्कोलियोसिस कहा जाता है. जब रीढ़ की हड्डी असामान्य तरीके से झुकती है, तो कमर दर्द हो सकता है. इसके अलावा, साइटिका भी पीठ और कमर दर्द का कारण बन सकता है.

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ऑस्टियोपोरोसिस

ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और आसानी से टूट सकती है. इसकी वजह से रीढ़ व कूल्हों में फ्रैक्चर आसानी से हो सकता है. यह पुरुषों के कमर में दर्द का एक कारण बन सकता है.

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गठिया

गठिया आजकल की एक सामान्य समस्या बन गई है. ऑस्टियोअर्थराइटिस पीठ के निचले हिस्से को प्रभावित कर सकता है. इसकी वजह से पुरुषों को कमर में दर्द महसूस हो सकता है. इसके अलावा, गठिया रीढ़ की हड्डी के आसपास की जगह को भी संकुचित कर सकता है. इससे व्यक्ति को कमर में दर्द हो सकता है.

डिस्क में समस्या

डिस्क, रीढ़ की हड्डी के बीच कुशन का काम करती है. डिस्क के अंदर की नरम चीज (न्यूक्लियस पल्पोसस) में उभार आ सकता है या फिर टूट सकती है. यह नसों पर दबाव डालती है, इसकी वजह से किसी भी व्यक्ति को कमर का दर्द हो सकता है.  

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कंप्यूटर या डेस्क वर्क

डेस्क वर्क करने वाले पुरुषों को फील्ड वर्क करने वालों की तुलना में कमर दर्द अधिक परेशान कर सकता है. डेस्क वर्क में लोगों को 8-9 घंटे तक एक ही पोजीशन में बैठे रहना होता है. इसका असर कमर की मसल्स पर भी पड़ता है, जिससे दर्द का अहसास हो सकता है.

सही पोजीशन में न बैठना

बैठने, लेटने और उठने के दौरान खराब पोजीशन होना भी कमर में दर्द का मुख्य कारण हो सकता है. खराब पोजीशन से कमर पर लगातार दबाव पड़ता है. इसकी वजह से कमर की मांसपेशियों में दर्द महसूस हो सकता है. कंप्यूटर का उपयोग करते समय झुकी हुई पोजीशन में बैठने से पीठ, कमर व कंधों की समस्या बढ़ सकती है.

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भारी सामान उठाना

बार-बार भारी सामान उठाने से कमर की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी के लिगामेंट में खिंचाव आ सकता है. इससे पुरुषों को कमर में दर्द महसूस हो सकता है.

महिलाओं की तुलना में पुरुष कमर दर्द की शिकायत कम करते हैं, लेकिन कुछ पुरुषों को कमर का दर्द असहनीय हो सकता है. इसके कुछ कारण आम, तो कुछ गंभीर हो सकते हैं. अगर सुन्नता या झुनझुनी के साथ कमर दर्द होता है, तो डॉक्टर से मिलना चाहिए. कमर दर्द के संकेतों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.   

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वैसे तो कमर दर्द का इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है, लेकिन कुछ दवाइयों, एक्सरसाइज और इंजेक्शन की मदद से कमर के दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है. तो यहां जानते हैं कमर दर्द का इलाज कैसे करें -

सर्जरी

कमर दर्द के लिए सर्जरी सिर्फ गंभीर मामलों में की जाती है. अगर किसी व्यक्ति को गंभीर बीमारी की वजह से कमर दर्द होता है, तो डॉक्टर सर्जरी का सुझाव दे सकते हैं.

ट्रांसक्यूटेनियस इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिमुलेशन

यह कमर दर्द के रोगियों के लिए लोकप्रिय चिकित्सा है. इससे शरीर में एंडोर्फिन का उत्पादन होता है, जिससे मस्तिष्क में जाने वाले दर्द के संकेतों को रोका जा सकता है. एंडोर्फिन तनाव व दर्द को दूर करने के लिए शरीर में बनने वाला केमिकल है.

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी कमर दर्द को कम करने में मदद कर सकती है. इस थेरेपी में रिलेक्सेशन तकनीक फॉलो की जाती है. साथ ही फिजिकली भी एक्टिव रखा जाता है.

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कोर्टिसोन इंजेक्शन

अगर दवाइयों से व्यक्ति को दर्द में आराम नहीं मिलता है, तो डॉक्टर कोर्टिसोन इंजेक्शन दे सकते हैं. कोर्टिसोन एक एंटीइंफ्लेमेटरी दवा है, जो नसों के आसपास की सूजन को कम करने में मदद करती है. इंजेक्शन से दर्द वाले जगह को सुन्न किया जा सकता है. इसके अलावा, बोटॉक्स इंजेक्शन भी कमर दर्द में रामबाण हो सकता है. यह इंजेक्शन लगभग 3-4 महीने तक प्रभावी हो सकता है.

एक्सरसाइज

कमर की मांसपेशियों को फ्लैक्सिबल बनाने और ताकत देने के लिए एक्सरसाइज करना शुरू कर सकते हैं. इसके लिए एरोबिक एक्टिविटी की जा सकती है. इससे पीठ की ताकत और सहनशक्ति बढ़ सकती है. मसल्स पेन कम हो सकता है.  

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मसल्स रिलैक्स तकनीक

कमर के दर्द को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक सिमुलेशन का सहारा लिया जा सकता है. इससे पीठ की मांसपेशियां कोमल बनती हैं. इससे दर्द में आराम भी मिल सकता है.

दवाइयां

डॉक्टर मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाइयों को लिख सकते हैं. ऐसे में कोडीन या हाइड्रोकोडोन, एमिट्रिप्टिलाइन दवा दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं.

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गर्म या ठंडा सेक

कमर के दर्द को गर्म सिकाई या ठंडी सिकाई से भी कम किया जा सकता है. कमर में गर्म सेक लगाने से मांसपेशियों को कमजोर होने से रोका जा सकता है. साथ ही दर्द को दूर किया जा सकता है.

पेन किलर

कमर दर्द को कम करने के लिए ओवर-द-काउंटर पेन किलर ली जा सकती है. नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स जैसे इबुप्रोफेन दर्द को कम करने में असरदार हो सकती है.

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