हाई ब्लड प्रेशर को "साइलेंट किलर" भी कहा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण कम ही नजर आते हैं. फिर भी इसके कुछ ऐसे लक्षण हैं, जिनकी पहचान कर हाई बीपी का पता लगाया जा सकता है. खासकर, अगर किसी को पहले से बीपी की समस्या है, तो उसे और सावधान रहना चाहिए. अक्सर चक्कर आने को भी हाई बीपी के लक्षण से जाेड़कर देखा जाता है. आमतौर पर बीपी कम होने पर ही चक्कर आने जैसी समस्या होती है, लेकिन हाई बीपी में भी ऐसा होने से पूरी तरह से इंकार नहीं किया जा सकता.

अगर आप हाई बीपी का आयुर्वेदिक इलाज तलाश रहे हैं, तो यहां दिए लिंक पर क्लिक करें.

आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि हाई बीपी और चक्कर आने के बीच कोई लिंक है या नहीं -

(और पढ़ें - क्या हाई बीपी से सिरदर्द होता है)

  1. क्या हाई ब्लड प्रेशर के कारण चक्कर आते हैं?
  2. ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन क्यों होता है?
  3. हाई बीपी या लो बीपी के कारण चक्कर आने का इलाज
  4. सारांश
क्या हाई बीपी में चक्कर आता है? के डॉक्टर

लेनॉक्स हिल अस्पताल, न्यूयॉर्क में हृदय रोग विशेषज्ञ एमडी एशिता द्विवेदी का कहना है कि प्रत्यक्ष रूप से उच्च रक्तचाप के चलते मरीज को चक्कर नहीं आता है. हां, अगर बीपी बहुत ज्यादा हो जाए, तो यह स्थिति स्ट्रोक का कारण बन सकती है और चक्कर आ सकता है. इसके अलावा, हाई बीपी की दवाओं से या ब्लड प्रेशर में अचानक बदलाव आने से भी चक्कर आ सकते हैं.

बेशक, चक्कर आना हाई बीपी का प्रत्यक्ष लक्षण नहीं है, लेकिन हाई बीपी के मरीज निम्न स्थितियों में चक्कर आने का अनुभव कर सकते हैं:

(और पढ़ें - हाई बीपी कम करने के घरेलू उपाय)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Hridyas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
BP Tablet
₹899  ₹999  10% छूट
खरीदें

जब हम लेटते या बैठते हैं, तो गुरुत्वाकर्षण के चलते शरीर के ऊपरी हिस्से से रक्त शरीर के निचले हिस्से में चला जाता है और पैरों व पेट में जमा हो जाता है. इससे मस्तिष्क में खून का प्रवाह अस्थायी रूप से कम होता है. फिर जब हम जैसे ही उठते हैं, तो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने वाला ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ने का संकेत देता है. इससे दिल तेजी से धड़कने लगता है और अधिक रक्त पंप करता है. इससे रक्त जल्दी से वहां पहुंचता है, जहां उसे जाने की जरूरत होती है और इस तरह ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है. कभी-कभी यह सिस्टम ठीक तरह से काम नहीं करता और परिणामस्वरूप ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन की समस्या हाे सकती है.

(और पढ़ें - नॉर्मल ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए)

यदि किसी को हाई बीपी है और चक्कर आने या ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन की समस्या हो रही है, तो इस संबंध में जल्द से जल्द डॉक्टर को बताना चाहिए. साथ ही लाइफस्टाइल में भी कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है, जैसे -

  • लंबे समय तक एक ही पोश्चर में रहने से बचें और पोश्चर बदलते समय थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए. उदाहरण के लिए सुबह सोकर उठने के बाद कुछ मिनट आराम से बैठें और फिर बेड से नीचे उतरें.
  • कभी खाली पेट न रहें. थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाते रहें और एक बार में ज्यादा खाने से बचें.
  • दिन भर में खूब पानी पिएं, ताकि शरीर डिहाइड्रेशन का शिकार न हो.
  • कम्प्रेशन सॉक्स या एब्डॉमिनल बाइंडर्स पहने से भी फायदा हो सकता है. इससे शरीर के निचले हिस्से में खून जमने की समस्या कम हो सकती है और ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन से बचा जा सकता है.

(और पढ़ें - हाई बीपी में सेक्स)

Spirulina Capsules
₹539  ₹599  10% छूट
खरीदें

इस लेख से यह तो स्पष्ट होता है कि हाई बीपी और चक्कर आने के बीच कोई डायरेक्ट लिंक नहीं है, लेकिन ये दोनों समस्या आपस में जुड़ी हुई हैं. इससे बचने के लिए जरूरी है कि अपनी सेहत पर ध्यान दिया जाए. साथ ही लंबे समय तक एक ही पोश्चर में रहने से बचें और शरीर को हाइड्रेट बनाए रखें. अगर फिर भी ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव होता है और चक्कर आते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

(और पढ़ें - हाई बीपी के बारे में ये बातें जानना है जरूरी)

Dr. Farhan Shikoh

Dr. Farhan Shikoh

कार्डियोलॉजी
11 वर्षों का अनुभव

Dr. Amit Singh

Dr. Amit Singh

कार्डियोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr. Shekar M G

Dr. Shekar M G

कार्डियोलॉजी
18 वर्षों का अनुभव

Dr. Janardhana Reddy D

Dr. Janardhana Reddy D

कार्डियोलॉजी
20 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें