सेरेब्रल पाल्सी - Cerebral Palsy in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

June 20, 2018

February 01, 2024

सेरेब्रल पाल्सी
सेरेब्रल पाल्सी

सेरेब्रल पाल्सी क्या है?

सेरेब्रल पाल्सी, शरीर के विभिन्न अंगों और माशपेशियों में गतिविधि या उनकी बनावट का विकार है। यह ज्यादातर जन्म से पहले मस्तिष्क में चोट लगने के कारण होता है।  

शिशुओं में या चार साल की उम्र से पहले बच्चों में इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते है। आम तौर पर, सेरेब्रल पाल्सी में इनमें से एक या एक से अधिक समस्या साथ में देखने को मिलती हैं - माशपेशियों या अन्य अंगो का अकड़ना, ढीला पड़ना, उनकी अधूरी या गलत बनावट, उन्हें सही से नियंत्रित ना कर पाना, असामान्य मुद्रा, सही ढंग से न चल पाना।  

सेरेब्रल पाल्सी वाले लोगों को निगलने में कठिनाई हो सकती है और आमतौर पर आंख की मांसपेशियाँ असंतुलित होती हैं। मांसपेशियों में जकड़न के कारण जोड़ों की गतिविधि (मूवमेंट) कम हो जाती है।  

कार्यों को करनें की क्षमताओं पर सेरेब्रल पाल्सी का प्रभाव कम या ज्यादा हो सकता है। कुछ लोग चलने में सक्षम होते हैं जबकि कुछ नहीं होते हैं। कुछ लोगों की बौद्धिक क्षमता (सोचने और समझने की क्षमता) सामान्य या करीब-करीब सामान्य होती है, लेकिन कुछ में बौद्धिक विकलांगता भी देखने को मिल सकती है। साथ ही मिर्गी, अंधापन या बहरापन भी हो सकता है।

सेरेब्रल पाल्सी वाले लोगों में अक्सर दिमागी असामान्यताएं होती हैं, जो आसानी से यूँ तो दिखाई नहीं पड़ती है लेकिन समय के साथ विकसित होती हैं।

सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण - Cerebral Palsy Symptoms in Hindi

इसके लक्षण काफी भिन्न हो सकते हैं। सेरेब्रल पाल्सी से जुडी संतुलन क्रियाएं और गतिविधियों की दिक्कतें इस प्रकार हैं - 

  • मांसपेशियों के खिंचाव में भिन्नताएं, जैसे कि बहुत कम या ज़्यादा खिंचाव होना 
  • कठोर मांसपेशियाँ और साथ ही उनका सिकुड़ना, जिसे "स्पास्टिसिटी" (spasticity) भी कहा जाता है
  • कठोर मांसपेशियाँ जिनमे सुकड़न न हो, जिसे "रिजिडीटी" (rigidity) भी कहा जाता है
  • मांसपेशियों में संतुलन की कमी, जिसे "अटैक्सिआ" (ataxia) भी कहा जाता है
  • अपने आप शरीर में गतिविधियाँ होना, जिसे "ट्रेमर" (tremour) भी कहा जाता है
  • गतिविधियों को कम रफ़्तार से कर पाना और उन्हें करते वक़्त दर्द का आभास होना, जिसे "एथेटोसिस" (athetosis) भी कहा जाता है)
  • मासपेशियों से संबंधित गतिविधियों को कर पाने में सामान्य से अधिक समय लगना, जैसे कि बाजुओं के सहारे उठ पाना, बिना सहारे खुद बैठ पाना या घुटनों के बल चल पाना (और पढ़ें - मांसपेशियों में दर्द)
  • शरीर के एक तरफ के हिस्से को दूसरी तरफ के मुकाबले में कम उपयोग कर पाना, जैसे कि किसी एक हाथ का दूसरे के मुकाबले कम या ज़्यादा इस्तेमाल करना या घुटनों के बल चलने में एक टांग को घसीटना
  • चलने में कठिनाई, जैसे कि पैर की उंगलियों पर चलना, झुकी हुई चाल, कैंची की तरह घुटनों को अंदर की तरफ मोड़ के चलना
  • अत्यधिक लार का आना और निगलने में कठिनाई होना  
  • चूसने या खाने में कठिनाई
  • बोलना शुरू करने में देरी या बोलने में कठिनाई
  • क्रेयॉन या चम्मच उठाने जैसे काम सही से न कर पाना 

सेरेब्रल पाल्सी से जुड़ी विकलांगता, मुख्य रूप से शरीर के किसी अंग या शरीर के एक तरफ सीमित हो सकती है, या यह पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है। मस्तिष्क में जिस गड़बड़ी की वजह से सेरेब्रल पाल्सी हुई है, उसमें समय के साथ कोई बदलाव नहीं आता हैं। इसलिए आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ लक्षण नहीं बढ़ते हैं। हालांकि, मांसपेशियों के छोटेपन और कठोरता का इलाज जरूर  और जल्दी किया जाना चाहिए, वरना ये समस्या बढ़ सकती है।  

अन्य दिमाग सम्बन्धी समस्याएं

सेरेब्रल पाल्सी से जुड़ी दिमागी असामान्यताओं की वजह से दूसरी "न्यूरोलॉजिकल" (neurological: तंत्रिका तंत्र सम्बन्धी) समस्याएं भी हो सकती है। 

(और पढ़ें - मानसिक रोग)

सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित लोगों में निम्न लक्षण भी दिख सकते हैं - 

डॉक्टर को दिखाने का सही समय -

किसी भी गतिविधि सम्बन्धी समस्या या आपके बच्चे के विकास में हुई देरी को सही समय पर डॉक्टर को दिखाना महत्वपूर्ण है। यदि आपके दिमाग में बच्चे की मांसपेशी के टोन (खिंचाव), गतिविधि, संतुलन या अन्य विकास संबंधी समस्या को लेकर संदेह है तो डॉक्टर को दिखाएं।  

सेरेब्रल पाल्सी के कारण - Cerebral Palsy Causes in Hindi

सेरिब्रल पाल्सी क्यों होती है?

सेरेब्रल पाल्सी आमतौर पर बच्चे के जन्म से पहले, मस्तिष्क के विकास में असामान्यता या रुकावट होने के कारण होता है। कई मामलों में, इस असामान्यता का सटीक कारण पता नहीं चलता है।  

मस्तिष्क के विकास में आई समस्याएँ, इन वजहों से हो सकती हैं - 

  • मस्तिष्क के विकास को नियंत्रित करने वाले जीन (gene) में अचानक होने वाला परिवर्तन
  • माँ को संक्रमण होना - जो विकसित होने वाले भ्रूण को प्रभावित करता है। (और पढ़ें - यौनि में बैक्टीरियल इन्फेक्शन)
  • फीटल स्ट्रोक -  विकासशील मस्तिष्क में खून का सही से न पहुँच पाना।  
  • कठिन श्रम या प्रसव के कारण, मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी। ऐसे केस बहुत ही कम देखने को मिलते हैं।    
  • शिशु को संक्रमण होना - जिससे मस्तिष्क में या उसके आसपास सूजन हो जाती है।  
  • मोटर वाहन दुर्घटना में या गिरने से शिशु को सिर में घातक चोट लग जाना।
    (और पढ़ें - मानसिक रोग के घरेलू उपाय)

सेरिब्रल पाल्सी होने की सम्भावना किन कारणों से बढ़ जाती है - 

इसकी कई वजहें हो सकती हैं - 

1. माँ का स्वास्थ्य
गर्भावस्था के दौरान हुए कुछ संक्रमणों से या कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण बच्चे को सेरेब्रल पाल्सी होने की सम्भावना बढ़ जाती है। निम्न लिखे संक्रमणों का खतरा अधिक रहता है - 

​(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में मूड में बदलाव)

2. शिशु को बीमारी होना 
एक नवजात शिशु में निम्न लिखीं बीमारियां, सेरेब्रल पाल्सी होने की सम्भावना बढ़ा देती हैं - 

3. गर्भावस्था और जन्म से जुड़ी अन्य वजहें - 

  • समय से पहले जन्म -  
    एक सामान्य गर्भावस्था 40 सप्ताह तक चलती है। गर्भावस्था में 37 सप्ताह से कम उम्र के शिशुओं को सेरेब्रल पाल्सी का जोखिम अधिक होता है। समय से जितने पहले बच्चे का जन्म होता है, सेरेब्रल पाल्सी का खतरा उतना ही ज़्यादा होता है। (और पढ़ें - समय से पहले बच्चे का जन्म)
     
  • जन्म के वक़्त, शिशु के वजन मे कमी होना -
    2.5 किलो से कम वजन वाले शिशुओं में सेरेब्रल पाल्सी होने का खतरा अत्यधिक होता है। वजन जितना कम होता है, ये खतरा उतना ही अधिक होता जाता है। 
     
  • ब्रीच बर्थ (breech birth) -
    बच्चे के सीधे पैदा होने (पहले पैर बाहर आना) को ब्रीच बर्थ कहते हैं। सेरेब्रल पाल्सी वाले शिशुओं का ब्रीच बर्थ होने की ज्यादा सम्भावना होती है।
     
  • एक साथ, एक से अधिक बच्चों का जन्म - 
    सेरेब्रल पाल्सी का जोखिम गर्भाशय को साझा करने वाले बच्चों की संख्या के साथ बढ़ता है। यदि एक या अधिक बच्चे मर जाते हैं, तो जीवित रहने वाले बच्चों में सेरेब्रल पाल्सी होने की सम्भावना बढ़ सकती है।

(और पढ़ें - जुड़वा बच्चे होने का कारण)

सेरेब्रल पाल्सी से बचाव - Prevention of Cerebral Palsy in Hindi

सेरेब्रल पाल्सी के अधिकांश मामलों को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन आप इसका खतरा कम कर सकते हैं। यदि आप, बच्चे को जन्म देने वाले हो या जन्म देने की सोच रहे हों, तो जटिलताओं को कम करने के लिए निम्न कदम उठा सकते हैं :

सुनिश्चित करें कि आपने टीकाकरण करा लिया है -

टीकाकरण से रूबेला जैसी बीमारियों से होने वाले संक्रमण को रोककर, भ्रूण के मस्तिष्क को नुकसान पहुंचने से बचाया जा सकता है।

(और पढ़ें - गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर से चेकअप)

अपना ख्याल रखें  

गर्भावस्था में महिला जितनी स्वस्थ रहती है, बच्चे में सेरिब्रल पाल्सी होने की सम्भावना उतनी ही कम हो जाती है।  

शुरुआती और निरंतर प्रसव से पहले देखभाल 

गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर से नियमित मिलें, ऐसा करने से आप हर तरह की बीमारी से दूर रहने में मदद मिल सकती है। नियमित रूप से डॉक्टर को दिखाने से और भी कई चीज़ो का खतरा कम हो जाता है जैसे कि समय से पहले बच्चे का जन्म होना, बच्चे का कम वज़न होना और संक्रमण होने का खतरा। 

(और पढ़ें - प्रसव का सही समय)
 
बच्चे की सुरक्षा का ख़ास ख्याल रखें - 

अपने बच्चे को कार में सीट बेल्ट का उपयोग करवाएं, साइकिल चलाते वक़्त हेल्मेट पहनाएं, छोटे  का ख़ास ध्यान रखे की वो बैड से न गिरे और ध्यान रखें की बच्चे को  कोई गहरी चोट न लगें (खासकर सर पर) 

(और पढ़ें - गर्भावस्था में देखभाल)

सेरेब्रल पाल्सी का परिक्षण - Diagnosis of Cerebral Palsy in Hindi

अगर आपके डॉक्टर को संदेह है कि आपके बच्चे को सेरेब्रल पाल्सी है, तो वे आपके बच्चे के लक्षणों की जांच करेंगे, बच्चे के पहले हुए सभी डॉक्टरी इलाज की जानकारी लेंगे, साथ ही उसका शारीरिक जांच करेंगे। डॉक्टर आपको मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र की स्थिति से संबंधित डॉक्टर से संपर्क करने को कह सकते हैं।  

डॉक्टर, सेरिब्रल पाल्सी की जांच के साथ-साथ, उसके अन्य संभावित कारणों को जानने के लिए कुछ परीक्षण करेंगे, जैसे कि - 

1. मस्तिष्क का स्कैन

मस्तिष्क-इमेजिंग टेक्नोलॉजी से मस्तिष्क में हुई क्षति या असामान्य विकास वाली जगह का पता लग सकता है। इन परीक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  • एमआरआई (MRI) - 
    एमआरआई, आपके बच्चे के मस्तिष्क में किसी भी घाव या असामान्यता का पता लगा सकता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल सबसे ज़्यादा किया जाता है।  
     
  • क्रैनियल अल्ट्रासाउंड (Cranial Ultrasound) - 
    अल्ट्रासाउंड एक विस्तृत छवि नहीं बनाता है, लेकिन इसका उपयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि यह तेज़ और सस्ता है, और यह मस्तिष्क की महत्वपूर्ण शुरूआती जांच करता है।
     
  • सीटी स्कैन (CT Scan) -
    आपके बच्चे के मस्तिष्क में असामान्यताओं का पता लगाने के लिए, सीटी स्कैन करवाया जा सकता है।

2. ईईजी (EEG)

अगर आपके बच्चे को दौरा पड़ा है, तो आपका डॉक्टर ईईजी के द्वारा मिर्गी की जांच कर सकता है क्योंकि सेरेब्रल पाल्सी के साथ इसके होने की सम्भावना अत्यधिक होती है। 

लैब टेस्ट - 

 

आपके बच्चे के खून की कुछ मात्रा लेकर, उसकी जांच की जा सकती है जिससे अन्य बीमारी ना होने की पुष्टि की जा सके, जैसे खून का थक्का जमने से संबंधित विकार जिससे स्ट्रोक्स होने का ख़तरा बना रहता है। 

(और पढ़ें - सीआरपी ब्लड टेस्ट)

 3. अतिरिक्त परीक्षण
अगर जांच के बाद बच्चे को सेरेब्रल पाल्सी होने की पुष्टि हो जाती है, तो संभवतः आपको बीमारी से जुड़ी अन्य स्थितियों के आकलन के लिए विशेषज्ञों के पास भेजा जाएगा। परीक्षणों से निम्न समस्याओं की पहचान की जायेगी - 

  • देखने में परेशानी 
  • सुनने में परेशानी (और पढ़ें - कान दर्द)
  • बोलना शुरू करने में देरी या दिक्कत 
  • सोचने और समझने की क्षमता में कमी  
  • शरीर में विकास सम्बन्धी परेशानी 
  • हिलने-डुलने में समस्या  

(और पढ़ें - आखों की बीमारी)

सेरेब्रल पाल्सी का इलाज - Cerebral Palsy Treatment in Hindi

वर्तमान में सेरेब्रल पाल्सी के लिए कोई इलाज नहीं है, लेकिन इस स्थिति में लोगों की ज़िन्दगी को आसान करने और उसे ज़्यादा से ज़्यादा स्वतंत्र बनाने के लिए उपचार उपलब्ध हैं।

1. दवा

सेरेब्रल पाल्सी के कई लक्षणों से छुटकारा पाने में मदद करने वाली दवाइयां उपलब्ध हैं, जिसमें शामिल है:

  • मांसपेशी की कठोरता के लिए दवाएं - जैसे डायजेपाम (diazepam) या बाकलोफेन (baclofen) - जो गोली या सिरप के रूप में उपलब्ध है।   
  • बोटुलिनम टॉक्सिन इंजेक्शन - ऐसा इंजेक्शन जो कुछ मांसपेशियों या मांसपेशियों के समूहों को एक समय में कुछ महीनों तक आराम देते हैं
  • नींद की कठिनाइयों के लिए मेलाटोनिन नामक एक दवा (और पढ़ें - अच्छी नींद आने के उपाय)
  • मिर्गी के लिए एंटी-सीज़र दवा
  • कब्ज के लिए रेचक (लैक्सेटिव) (और पढ़ें - कब्ज दूर करने के घरेलू उपाय)
  • दर्द या असुविधा के लिए दर्दनिवारक दवाइयां (painkillers) (और पढ़ें - मांसपेशियों में दर्द के उपाय)
  • ऐसी दवाएं जो लार आने को कम करती है

ऐसा ज़रूरी नहीं है कि आपको या आपके बच्चों को ये सारी दवाइयाँ लेनी पड़ें।  

2. थेरेपी (therapy)

विभिन्न प्रकार की थेरेपी कार्यात्मक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए पीड़ित व्यक्ति की मदद कर सकती हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • फिज़िकल थेरेपी - 
    मांसपेशियों की ट्रैनिग और अभ्यास से आपके बच्चे की ताकत, लचीलापन, संतुलन, क्रियात्मक विकास और गतिशीलता में मदद मिल सकती है। आप यह भी सीखेंगे कि घर पर अपने बच्चे की रोजमर्रा की ज़रूरतों का सुरक्षित तरीके से कैसे ख्याल रखें, जैसे कि बच्चे को स्नान कराना या खिलाना।
     
  • ऑक्युपेशनल थेरेपी -
    अलग-अलग तरीकों और उपकरणों का उपयोग करके, ऑक्युपेशनल थेरेपिस्टघर, स्कूल और समुदाय में दैनिक गतिविधियों और दिनचर्या में आपके बच्चे की स्वतंत्र भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं।
     
  • स्पीच (बोलने से संबंधित) और लैंग्वेज (भाषा) थेरेपी - 
    स्पीच-लैंगुएज थेरेपिस्ट, स्पष्ट रूप से बोलने या साइन लैंग्वेज का उपयोग करके संवाद करने की क्षमता में सुधार करने में आपके बच्चे की मदद कर सकते हैं। स्पीच थेरेपिस्ट खाने और निगलने में उपयोग की जाने वाली मांसपेशियों की समस्या को हल करने में मदद करते है।

3. सर्जिकल या अन्य प्रक्रियाएँ 

मांसपेशी मजबूती को कम करने या स्पास्टेंसी के कारण हड्डी की असामान्यताओं को सही करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। इन उपचारों में शामिल हैं:

  • आर्थोपेडिक सर्जरी -
    जिन बच्चों को हड्डियों या जोड़ों की बनावट में अत्यधिक दिक्कत होती है, उनकी यह सर्जरी की जाती है ताकि उनकी बाहें, कूल्हें और पैरों को सही स्थिति में लाया जा सके।

    सर्जिकल प्रक्रियाएं, उन मांसपेशियों और टेंडन्स (हड्डियों और मांसपेशियों का जोड़) जो आकार में नार्मल से छोटी होती हैं, उनको बढ़ाने में मदद करती हैं। ये सुधार, दर्द को कम करता है और गतिशीलता को बढ़ाता है। ये प्रक्रियाएं वॉकर, ब्रेसिज़ (दांतो का आकार सही करने के लिए मुँह में लगाया जाता है) या कृचिस (बैसाखी) के उपयोग को आसान बनाती हैं।
     
  • नसों को काटना -
    कुछ गंभीर मामलों में, जब अन्य उपचारों से  मदद नहीं मिलती है, तो सर्जन, सेलेक्टिव डोर्जल रहिज़ोटॉमी (selective dorsal rhizotomy) प्रक्रिया की मदद से स्पास्टिक मांसपेशियों वाली नसों को काट सकते हैं। यह मांसपेशियों को आराम देता है और दर्द को कम करता है, लेकिन इससे सुन्नपन भी आ सकता है। 

सेरेब्रल पाल्सी की जटिलताएं - Cerebral Palsy Complications in Hindi

मांसपेशियों में कमजोरी, मांसपेशियों की गतिशीलता और संतुलन बनाये रखने की समस्याएं बचपन के दौरान या बाद में वयस्कता के दौरान कई जटिलताएँ पैदा कर सकती हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:

  • कॉन्ट्रेक्चर (Contracture)
    मांसपेशियाँ अत्यधिक टाइट होने के कारण (स्पास्टिटी), उनका आकार छोटा हो जाता है। इससे हड्डियों का विकास रुक जाता है, वे मुड़ने लगती हैं, साथ ही जोड़ों की बनावट खराब हो जाती है या वे अपनी जगह से कुछ या पूरी तरह सरक जाते हैं।  
     
  • कुपोषण
    जिस व्यक्ति को सेरिब्रल पाल्सी हो, उसे निगलने या खाने की समस्याएं हो सकती है, खास तौर पर एक शिशु को, जिसे पोषक तत्वों की खास जरूरत होती है। इससे विकास में परेशानी और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। पर्याप्त पोषण के लिए आपके बच्चे को फीडिंग ट्यूब (एक नली जिसके सहारे खाना खिलाया जाता है) की आवश्यकता हो सकती है। (और पढ़ें - कुपोषण का इलाज)
     
  • मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति -  
    सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित लोगों में मानसिक स्वास्थ्य (मनोवैज्ञानिक) समस्यााएँ हो सकती हैं, जैसे डिप्रेशन (अवसाद)। सामाजिक अलगाव (अलग रहना) और विकलांगता से निपटने की चुनौतियों के कारण डिप्रेशन हो सकता है। (और पढ़ें - ऑटिज़्म क्या है?)
     
  • फेफड़ों की बीमारी - 
    सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित लोगों में फेफड़ों की बीमारी और सांस लेने के विकार विकसित हो सकते हैं। (और पढ़ें - किडनी रोग, सांस लेने में दिक्कत का इलाज)
     
  • न्यूरोलॉजिकल स्थितियां -
    सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित लोगों में समय के साथ, गतिविधि विकारों या न्यूरोलॉजिकल (दिमाग से सम्बंधित) दिक्कतों के लक्षण विकसित होने की अधिक संभावना रहती है। 
     
  • औस्टेऑर्थराइटिस  -
    जोड़ों पर दबाव पड़ने या स्पास्टिसिटी के कारण हुए जोड़ों के असामान्य आकार से दर्दनाक हड्डी रोग,  औस्टेऑर्थराइटिस का प्रारंभिक रूप दिख सकता है।  


संदर्भ

  1. Apexa G. Vyas et al. Etiopathological study on cerebral palsy and its management by Shashtika Shali Pinda Sweda and Samvardhana Ghrita. Ayu. 2013 Jan-Mar; 34(1): 56–62. PMID: 24049406
  2. Cerebral Palsy Alliance. Facts about cerebral palsy. Australia; [Internet]
  3. Indian Institute of Cerebral Palsy. .What is Cerebral Palsy?. Kolkata; [Internet]
  4. U.S. Department of Health & Human Services. 11 Things to Know about Cerebral Palsy. Centre for Disease Control and Prevention
  5. : M. Wade Shrader et al. Cerebral Palsy. The Nemours Foundation. [Internet]

सेरेब्रल पाल्सी की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Cerebral Palsy in Hindi

सेरेब्रल पाल्सी के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

दवा का नाम

कीमत

₹1380.0

Showing 1 to 0 of 1 entries