दांत टूटना - Broken or Chipped Tooth in Hindi

Dr Razi AhsanBDS,MDS

September 07, 2018

March 06, 2020

दांत टूटना
दांत टूटना

परिचय:

ऐसी कई स्थितियां हैं जिनसे दांत टूट सकता है, जैसे कोई कठोर भोजन चबाना, एक्सीडेंट के दौरान दांत पर कुछ लगना या फिर दांत पीसने की आदत के कारण भी दांत टूट सकता है। यदि आपके दांत का कोई छोटा हिस्सा टूट गया है, तो हो सकता है आपको किसी प्रकार का दर्द महसूस ना हो। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि दांत का थोड़ा बहुत हिस्सा टूटने से दांत की अंदरुनी नसें दिखाई नहीं देती। दांत के अंदरुनी हिस्से में नसों के ऊतक और रक्त वाहिकाएं होती हैं यदि इनमें सूजन या लालिमा आदि हो जाए तो असहनीय दर्द होने लग जाता है। 

(और पढ़ें - दांत में दर्द के लक्षण)

यदि आपका दांत टूट गया है या दांत में दरार आ गई है तो जल्द से जल्द डेंटिस्ट (दांतों के डॉक्टर) को दिखाना बहुत जरूरी होता है, ताकि डॉक्टर स्थिति की जांच कर सकें और आवश्यकता पड़ने पर इसका इलाज कर सकें। डॉक्टर आपके लक्षणों के आधार पर समस्या का पता लगाते हैं और आपके दांतों का परीक्षण करते हैं। 

भोजन के अलावा अपने दांतों के साथ किसी अन्य चीज को चबाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, जैसे पेन और बोतल का ढक्कन आदि। यदि आपको दांत पीसने आदत है, तो उससे छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर की मदद लें। 

टूटे हुए दांत के उपचार में दांत के गायब हुए हिस्से को एक विशेष प्रकार के पदार्थ के साथ भर दिया जाता है और यदि दांत का बड़ा हिस्सा टूट गया है तो दांत का एक आकार बनाकर उसे दांत पर लगा दिया जाता है, इसे क्राउन (Crown) कहा जाता है। 

जैसे हड्डियां टूटने पर अपने आप जुड़ जाती हैं, दांत ऐसा नहीं कर पाते। यहां तक कि अगर समय पर इलाज ना किया जाए तो कुछ प्रकार की दरारें बढ़ने लग जाती हैं। लगातार दरार बढ़ने के कारण अंत में पूरा दांत निकल जाता है।

(और पढ़ें - दांत दर्द के घरेलू उपाय)

दांत टूटना क्या है - What is Broken or Chipped Tooth in Hindi

दांत टूटना क्या है?

दांत का कोई छोटा या बड़ा टुकड़ा जब टूट कर दांत से अलग हो जाता है या दांत में कोई मामूली दरार आ जाती है, तो उस स्थिति को दांत टूटना कहा जाता है। दांत में आने वाली दरार कई बार इतनी सूक्ष्म होती है कि उसका पता भी नहीं चल पाता और इलाज की जरूरत भी नहीं पड़ती। हालांकि यदि दरार बड़ी है, तो डेंटिस्ट द्वारा उसकी जांच करवानी जरूरी होती है, डेंटिस्ट जरूरत पड़ने पर दरार में एक विशेष प्रकार का पदार्थ भर देते हैं। 

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दांत टूटने के लक्षण - Broken or Chipped Tooth Symptoms in Hindi

दांत टूटने के क्या लक्षण होते हैं?

दांत टूटने के संकेतों का पता लगाना मुश्किल हो सकता है और इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। यदि आपका दांत टूटा है या उसमें दरार आ गई है, तो कुछ चबाने के दौरान दर्द हो सकता है। दर्द खासकर तब होता है, जब आप प्रभावित दांत से कुछ दबाने की कोशिश करते हैं। 

कुछ अन्य लक्षण भी हैं, जैसे:

  • दर्द का बार-बार आना व जाना, बहुत की कम मामलों में दर्द लगातार महसूस होता है
  • प्रभावित दांत के आस-पास के मसूड़ों में सूजन होना
  • दांत व मसूड़े के आस-पास तकलीफ महसूस होना, जिसकी सटीक जगह का पता लगाना मुश्किल हो
  • दांत को कुछ अधिक ठंडा या गर्म लगने पर अचानक से दर्द होना
  • मीठे के प्रति अतिसंवेदनशीलता होना (मीठा खाने के दौरान दांत के प्रभावित हिस्से में दर्द होना)

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डेंटिस्ट को कब दिखाना चाहिए?

यदि कुछ कठोर चीज को दांत से चबाने या दबाने पर आपको कोई तड़क जैसी आवाज आती है और उसके बाद आपको तीव्र दर्द महसूस होता है, तो उसी समय आपको डेंटिस्ट के पास चले जाना चाहिए। 

यदि किसी एक्सीडेंट या दांत पर चोट लगने का कारण आपका दांत टूट गया है या आपके दांत में दरार आ गई है, तो आपके बिना देरी किए डेंटिस्ट के पास चले जाना चाहिए।

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दांत टूटने के कारण और जोखिम कारक - Broken or Chipped Tooth Causes & Risk Factors in Hindi

दांत क्यों टूटता है?

दांत टूटने की कई वजह हो सकती हैं, जैसे:

  • जबड़े दबाना, दांत पीसना या किसी कठोर वस्तु को दांत के साथ दबाने की कोशिश करने से दांतों की ऊपरी परत (एनेमल) क्षतिग्रस्त हो सकती है या दांत में दरार आ सकती है। 
  • किसी कठोर भोजन का चबाना जैसे कोई कठोर कैंडी, बर्फ या सूखे मेवे आदि। (और पढ़ें - बर्फ के फायदे)
  • मुंह पर चोट लगना जैसे गिरना, फिसलना, खेल के दौरान चोट लगना, वाहन दुर्घटना या शारीरिक हिंसा के दौरान मुंह पर वार होना आदि की स्थिति में दांत टूट सकता है। 
  • मुंह के अंदर के तापमान में तेजी से बदलाव होना, जैसे अत्यधिक गर्म भोजन खाने के बाद तुरंत बर्फ या बर्फ वाला पानी पीना। 

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दांत टूटने का खतरा कब बढ़ता है?

कुछ ऐसे कारक हैं, जो दांत टूटने का खतरा बढ़ाते हैं:

  • 50 साल या उससे अधिक उम्र होने से दांत कमजोर हो जाते हैं और उनमें दरार आने या टूटने का खतरा बढ़ जाता है। 
  • दांत अधिक भरवाने से भी दांत हिलने लग जाते हैं और उनके टूटने की संभावना बढ़ जाती है। 
  • दांत का रूट कनैल ट्रीटमेंट (Root canal treatment) करवाना (और पढ़ें - रूट कैनाल क्या है)
  • मुंह की ठीक से सफाई ना रखना
  • मसूड़ों के रोग, जिनसे मसूड़ों की हड्डियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इस स्थिति में दांतों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और उनके जड़ों से टूटने के जोखिम कम हो जाते हैं।
  • कुछ ऐसे अनुवांशिक रोग जिनके कारण आपके दांत कमजोर हो जाते हैं। 

(और पढ़ें - दांतों में झनझनाहट के लक्षण)

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दांत टूटने से बचाव - Prevention of Broken or Chipped Tooth in Hindi

दांत टूटने से बचाव - Prevention of Broken or Chipped Tooth in Hindi

दांत टूटने से कैसे बचाव करें?

आप कुछ सावधानी बरत सकते हैं, जिससे दांत के टूटने या उनमें दरार पड़ने की आशंका कम हो जाती है:

  • कठोर चीजों का ना चबाएं जैसे बर्फ, बिना पके अनाज के दाने और कठोर कैंडी
  • घर में फिसलने व गिरने जैसी जगहों पर हैंडल व अन्य सुरक्षा उपकरण लगाएं
  • मुंह व दांतों को स्वच्छ रखें, जैसे दिन में दो बार ब्रश करें, एक बार धागे से साफ करें (फ्लॉसिंग) और हर 6 महीने में एक बार डेंटिस्ट को दिखाएं।
  • शारीरिक हिंसा (जैसे लड़ाई, मारपीट) होने से बचें।
  • कार आदि चलाते समय हमेशा सीट-बेल्ट का उपयोग करें और बच्चों को सुरक्षित रखें।
  • दांत पीसने की आदत छोड़ दें। (और पढ़ें - बच्चों के दांत निकलने के लक्षण)
  • यदि आपको रात  के समय दांत पीसने की आदत है, तो डेंटिस्ट से इस बारे में बात करें, इसके लिए डेंटिस्ट दांतों में लगाने के लिए आपको एक उपयुक्त उपकरण दे सकते हैं, जैसे “माउथ गार्ड” या “रिटेनर”।
  • दांत में आने वाली दरार दांत की जड़ तक भी जा सकती है और नहीं भी। इसलिए प्रभावित दांत में ठंडा व गर्म लगने से बचाव करना चाहिए और ना ही उसे छूना चाहिए। ऐसा करने दांत की दरार बढ़ने से रोका जाता है, जो दांत की जड़ तक जा सकती है। 
  • खेल-कूद के दौरान चोट लगने से बचाव करने के लिए माउथ गार्ड पहनें। 

(और पढ़ें - चोट की सूजन का इलाज)

दांत टूटने का परीक्षण - Diagnosis of Broken or Chipped Tooth in Hindi

दांत टूटने की जांच कैसे की जाती है?

स्थिति का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर आपकी पिछली मेडिकल स्थिति के बारे में पूछेंगे, साथ में डॉक्टर यह भी पूछेंगे कि आपको कौन से लक्षण महसूस हो रहे हैं। डॉक्टर लेंस या माइक्रोस्कोप के द्वारा लेंस के साथ दांतों की जांच करते हैं कि क्या दांत में कोई सूक्ष्म दरार है या दांत का कोई छोटा सा हिस्सा टूट तो नहीं गया है। 

परीक्षण के दौरान डेंटिस्ट एक “डेंटल एक्पलरर” (Dental explorer) नामक उपकरण का उपयोग भी कर सकते हैं। यदि दांत की ऊपरी सतह में किसी प्रकार की दरार आ गई है, तो इस उपकरण की मदद से उसका पता लगाया जा सकता है। (और पढ़ें - एक्स रे क्या है)

डेंटिस्ट कुछ जांच उपकरणों की मदद से मसूड़ों में सूजन व लालिमा की भी जांच करते हैं। इस दौरान दांत में लंबी दरारों का पता लगाया जाता है, जो मसूड़ों में भी परेशानी पैदा कर देती हैं। 

एक विशेष प्रकार की डाई का इस्तेमाल करना जिसे ‘‘डेंटल डाई’’ कहा जाता है। जब इस डाई को प्रभावित दांत पर लगाया जाता है, तो इससे दांत की दरार स्पष्ट दिखाई देने लग जाती है। (और पढ़ें - मैमोग्राफी क्या है)

यदि आपका दांत टूट गया है या उसमें दरार आ गई है, तो चबाने आदि के दौरान दांत पर दबाव पड़ने से आपको दर्द महसूस हो सकता है। यह लक्षण दांत टूटने का परीक्षण करने में मदद करता है। इस लक्षण की जांच करने के लिए डॉक्टर आपको किसी कठोर चीज को दबाने के लिए कह सकते हैं।

(और पढ़ें - मसूड़ों में सूजन के घरेलू उपाय)

दांत टूटने का इलाज - Broken or Chipped Tooth Treatment in Hindi

दांत टूटने का इलाज - Broken or Chipped Tooth Treatment in Hindi

दांत टूटने का इलाज कैसे करें?

दांत का जितना बड़ा हिस्सा टूटा है या जितनी बड़ी दरार आई है, उसके आधार पर ही स्थिति का इलाज किया जाता है। इसके अलावा दांत टूटने का इलाज कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे:

  • दांत किस जगह से टूटा है?
  • दरार कितनी है या कितना बड़ा हिस्सा टूटा है?
  • क्या दरार मसूड़ों तक गई है?
  • कौन-कौन से लक्षण महसूस हो रहे हैं?

(और पढ़ें - बच्चों को कैविटी से बचने के उपाय)

डेंटिस्ट के पास जाने से पहले की जाने वाली देखभाल

  • हल्के गर्म पानी के साथ कुल्ला कर लें
  • अगर दांत के किसी हिस्से से खून बह रहा है, तो किसी रुई के टुकड़े को उस जगह पर रख लें और दस मिनट तक रखें ऐसा करने से खून बहना बंद हो जाता है। अगर रुई से खून बहना बंद ना हो, तो उसकी जगह पर टी बैग का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। 
  • टूटे दांत के ऊपर वाले होंठ या गाल पर ठंडी सिकाई करें। ऐसा करने से सूजन कम हो जाती है और दर्द से आराम मिलता है। 
  • यदि दांत का कोई टुकड़ा टूट कर दांत से अलग हो गया है, तो डेंटिस्ट के पास जाते समय उस टुकड़े को अपने साथ ले जाएं। 
  • सोते समय अपने सिर को हृदय की ऊंचाई के स्तर से ऊपर रखें। टूटे हुए दांत से जुड़ी नसों में सूजन व लालिमा काफी दर्दनाक स्थिति होती है, जिससे होने वाला दर्द असहनीय होता है। सोते समय सिर को बाकी शरीर से ऊंचाई पर रखने से दर्द वाले क्षेत्र में दबाव कम हो जाता है। 
  • दर्द बहुत हो तो पेन किलर गोली भी ली जा सकती है। 

(और पढ़ें - सिकाई करने के फायदे)

डेंटिस्ट के क्लिनिक में किये जाने वाले इलाज

  • दांत की ऊपरी परत जिसे एनेमल कहा जाता है, यदि वह प्रभावित हुई है तो बहुत ही कम मामलों में इलाज करवाने की जरूरत पड़ती है। जहां से परत उतरी हुई है, डेंटिस्ट वहां पर पॉलिश कर के खुरदरापन दूर कर देते हैं। 
  • यदि दांत की परत या दांत के किसी हिस्से में डेंटिस्ट द्वारा भरा गया पदार्थ उतर जाता है, तो डेंटिस्ट फिर से नए पदार्थ को भर देते हैं। इस पदार्थ का रंग भी दांत के रंग के समान होता है, जो दांत के टूटे हुए भाग पर चिपक कर दांत के आकार को पूरा करता है। 
  • यदि आपके सामने वाला दांत टूट गया है, तो डेंटिस्ट के पास जाते समय उस टूटे हुए टुकड़े को अपने साथ ले जाएं। ऐसा इसलिए जरूरी होता है, क्योंकि डेंटिस्ट एक विशेष प्रकार के पदार्थ का उपयोग करके उस टुकड़े को वापस चिपका सकते हैं, इसे डेंटल सिमेंट कहा जाता है। यदि दांत गंभीर रूप से टूट गया है और आप उसी दांत को ठीक करवाना चाहते हैं, तो “डेंटल वेनीर” (Dental veneer) का उपयोग किया जा सकता है। डेंटल वेनीर में दांत के ही आकार की एक कठोर परत होती है, जिसे दांत पर चढ़ाने के बाद वह बिलकुल दांत जैसी ही दिखती है। 
  • यदि आपकी दांत की ऊपरी परत थोड़ी बहुत क्षतिग्रस्त हो गई है, तो डेंटिस्ट उस में विशेष प्रकार का पदार्थ भर देते हैं या दांत पर टोपी जैसा कृत्रिम दांत चढ़ा देते हैं। ऐसा करने से दांत बाहर से सामान्य दिखाई देता है और उसकी अंदरुनी परत सुरक्षित रहती है। अंदरुनी परत को सुरक्षित जरूरी होता है, क्योंकि उसमें ठंडा व गरम लगने से दर्द होता है और संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। 
  • यदि आपका दांत का बड़ा टुकड़ा टूट गया है और जिसका कारण से दांत के अंदर की नस दिखाई दे रही है। ऐसी स्थिति में रूट कनैल उपचार की मदद से प्रभावित नस को निकाल दिया जाता है और फिर दांत के ऊपर कवर चढ़ा दिया जाता है।
  • कई बाद दांत गंभीर रूप से टूट जाता है, जिसको ठीक नहीं किया जाना संभव नहीं होता। यदि दरार मसूड़ों तक गई हुई है, तो भी इस स्थिति का इलाज नहीं किया जा सकता है। इन स्थितियों में दांत को बचाना संभव नहीं होता इसलिए उसको निकालना पड़ता है। पहले दांत के टूटे हुए हिस्से को भरने की कोशिश की जाती है, यह प्रयास सफल ना हो पाए तो दांत को निकाल दिया जाता है। 

(और पढ़ें - दांत के मैल के लक्षण)

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दांत टूटने की जटिलताएं - Broken or Chipped Tooth Complications in Hindi

दांत टूटने से क्या जटिलताएं होती हैं?

टूटे हुऐ ज्यादातर दांतों का इलाज होने के बाद वे ठीक तरीके से काम करने लग जाते हैं और कई साल तक चबाने आदि से उन दांतों में दर्द नहीं होता है। हालांकि टूटे दांत से कुछ प्रकार की जटिलताएं हो सकती हैं जैसे:

  • यदि टूटे हुए दांत का इलाज ना करवाया जाए तो टूटे हुए दांत की जगह पर कचरा फंसने लग जाता है। ऐसा होने के कुछ हफ्ते या महीने के बाद दांतों में सड़न शुरू हो जाती है। 
  • टूटे हुए दांत और उसके आस-पास के मसूड़ों में संक्रमण भी हो सकता है। 
  • इलाज के बाद भी दांत की दरार बदतर हो सकती है और दांत निकवालने का खतरा बढ़ सकता है।

(और पढ़ें - दांतों के संक्रमण का इलाज)