पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन भारत पहुंच गया है। खबर है कि यहां इसके पहले छह मामलों की पुष्टि हो गई है। समाचार एजेंसी एएनआई ने कुछ देर पहले बताया है कि हाल ही में यूनाइटेड किंगडम (यूके) से लौटे छह लोगों में नया कोरोना वायरस स्ट्रेन पाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से एएनआई ने बताया है कि इन छह संक्रमितों में से तीन के सैंपलों की जांच बेंगलुरु के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज में की गई थी। दो मरीजों के सैंपल हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी भेजे गए थे। वहीं, एक सैंपल पुणे के चर्चित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाइरोलॉजी में पॉजिटिव निकला है। सभी ने सैंपलों में नए स्ट्रेन के होने की बात कही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी लोगों को कोरोना वायरस के नियंत्रण व रोकथाम के लिए राज्य सरकारों द्वारा विशेष रूप से तैयार किए गए केंद्रों में आइसोलेट किया गया है। टेस्टिंग रिपोर्ट सामने आने के बाद इनके करीबी संपर्क में आए लोगों की भी ट्रेसिंग शुरू कर दी गई है। उन्हें ढूंढकर क्वारंटीन में भेज दिया गया है। साथ ही, संक्रमितों के साथ यात्रा करने वाले लोगों की भी खोजबीन की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि अन्य लोगों की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है ताकि पता चल सके कि नए म्यूटेशन के साथ और कितने लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।

(और पढ़ें - कोविड-19: भारत में 1.48 लाख से ज्यादा मौतें, लेकिन स्वस्थ मरीजों का आंकड़ा भी 98 लाख के पार)

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, बीती 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच यूके से आए करीब 33 हजार लोग एयरपोर्टों से निकलकर भारत के अलग-अलग इलाकों में पहुंचे हैं। केंद्र और राज्य सरकारें इन सभी की ट्रेसिंग करने में लगी हुई हैं। बताया गया है कि संक्रमण की स्पष्ट पुष्टि के लिए सभी के आरटी-पीसीआर टेस्ट किए जा रहे हैं। अभी तक केवल 114 लोगों के टेस्ट पॉजिटिव आए हैं। हालांकि अन्य मीडिया रिपोर्टों में यह संख्या 233 बताई जा रही है। वहीं, यूके से लौटने वाले लोगों का आंकड़ा भी एएनआई में उल्लिखित संख्या से ज्यादा है। बहरहाल, टेस्टिंग में पॉजिटिव आने वाले लोगों के ब्लड सैंपल जांच के लिए देश के कई मेडिकल व रिसर्च संस्थानों में भेजे जा रहे हैं, यह पता लगाने के लिए उनमें मौजूद वायरस नए स्ट्रेन वाला है या पुराने वैरिएंट के साथ आया है।

(और पढ़ें - कोविड-19: व्लादीमिर पुतिन को लगेगी रूसी वैक्सीन स्पुतनिक 5)

गौरतलब है कि बीती 14 दिसंबर को ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने वहां की सरकार को बताया था कि उन्हें कोविड-19 महामारी की वजह बने सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस के नए रूप यानी स्ट्रेन का पता चला है। इसके छह दिन बाद ब्रिटिश सरकार ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया कि यूके में कोरोना वायरस नए म्यूटेशन के साथ मौजूद है और बहुत तेजी के साथ फैल रहा है। रिपोर्टों में बताया गया है कि इस नए स्ट्रेन की संक्रमण फैलाने की क्षमता सार्स-सीओवी-2 के पिछले वैरिएंट्स से 50 से 70 गुना ज्यादा है। यूके में कोविड-19 से जुड़े मौजूदा आंकड़े इसकी गवाही देते हैं। यहां नया स्ट्रेन सामने आने के बाद प्रतिदिन दर्ज होने वाले केसों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।

(और पढ़ें - कोरोना वायरस अगले दस साल तक हमारे साथ रहेगा, सामान्य जीवन की नई परिभाषा की जरूरत')

सोमवार को यूके में 41 हजार 385 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इससे पहले इस यूरोपीय देश में आज तक एक दिन में कोरोना संक्रमण के इतने मामलों की पुष्टि नहीं हुई है। इस बढ़ोतरी से ब्रिटेन समेत पूरे यूके में कोविड-19 के मरीजों की संख्या 23 लाख के पार (करीब 23.30 लाख) चली गई है। इसके अलावा, बीते 24 घंटों में यहां 357 लोग इस बीमारी के चलते मारे गए हैं। इससे अब तक हुई मौतों की संख्या 71 हजार से आगे चली गई है। इस मामले में केवल इटली ही यूके से आगे है, जहां 72 हजार 370 लोग वायरस का शिकार बने हैं। हाल में यहां भी कोरोना वायरस के नए म्यूटेशन का मामला सामने आया था। वहीं, मरीजों के मामले में केवल फ्रांस यूके से आगे है। यहां 25 लाख 62 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं। हालांकि मौजूदा ट्रेंड देखकर लग रहा है कि यूके जल्दी ही उससे आगे निकल जाएगा।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें भारत में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की पुष्टि, छह लोगों में नए म्यूटेशन के साथ मिला सार्स-सीओवी-2 है

ऐप पर पढ़ें