भारत में नए कोरोना वायरस स्ट्रेन का पहला मामला सामने आने का संदेह जताया गया है। खबर है कि इस महीने यूनाइटेड किंगडम (यूके) से लौटे एक 28 साल के युवक में संदिग्ध रूप से नया कोरोना वायरस स्ट्रेन हो सकता है। समाचार एजेंसियों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में यह बात कही गई है। बता दें कि वीयूआई 2020/12 नाम के इस नए कोरोना वायरस म्यूटेशन से यूके में बहुत तेजी के साथ कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। भारत में अभी तक इससे किसी व्यक्ति के संक्रमित होने की पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि अब एक संदिग्ध मामला सामने आ गया है। बताया जा रहा है कि पीड़ित नागपुर का रहने वाला है और इसी महीने यूके से लौटा था।

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खबर के मुताबिक, नागपुर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में इस कोरोना पॉजिटिव युवक का टेस्ट किया गया था। यहां के सुपरिटेंडेंट डॉ. अविनाश गवांडे ने मीडिया को बताया है कि युवक बीती 29 नवंबर को यूके से भारत लौटा था। उनकी मानें तो उस समय उसका एयरपोर्ट पर ही टेस्ट किया गया था, लेकिन तब वह नेगेटिव पाया गया था। डॉ. अविनाश ने आगे कहा, 'सात दिनों के बाद उसने लक्षण होने की बात कही और सूंघने की क्षमता के खोने की शिकायत की। तब नंदनवन पब्लिक हेल्थ क्लिनिक में उसका फिर टेस्ट किया गया। उसके रैपिड एंटीजन टेस्ट (का परिणाम) 15 दिसंबर को आया था।'

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नागपुर के जीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट ने आगे बताया, 'मंगलवार को उसका आरटी-पीसीआर टेस्ट किया गया था। बुधवार को वह पॉजिटिव पाया गया। मरीज के स्वैब सैंपलों को आगे की जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाइरोलॉजी में भेज दिया गया है।' इसके बाद डॉ. अविनाश ने कहा, 'हमें नहीं पता कि यह पुराना वायरस म्यूटेंट है या नया। उसमें (मरीज) हल्के लक्षण थे और एहतियात के तहत उसे गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के एक अलग वॉर्ड में रखा गया है।' अस्पताल का कहना है कि पीड़ित के परिवार के कुछ सदस्यों के भी टेस्ट किए गए हैं। उन्हें घर में क्वारंटीन कर निगरानी की जा रही है। इसके साथ अस्पताल ने अपील की है कि जो भी लोग हाल में यूके की यात्रा करके लौटे हैं, वे आगे आकर अपने कोरोना वायरस टेस्ट करवाएं।

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गौरतलब है कि बीती 14 दिसंबर को यूके के अधिकारियों ने वहां कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के होने की रिपोर्ट दी थी। इसके छह दिन बाद यानी 20 दिसंबर को प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आधिकारिक रूप से पुष्टि की कि यूके में सार्स-सीओवी-2 के नए म्यूटेशन का पता चला है, जो अपने पूर्ववर्ती स्ट्रेन्स से ज्यादा संक्रामक है। हालांकि वीयूआई 2020/12 नाम का यह स्ट्रेन कितना जानलेवा है, इसे लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। फिलहाल मौजूदा आंकड़ों के आधार पर ज्यादातर विशेषज्ञों का यही कहना है कि इस नए वायरस में संक्रमण ट्रांसमिट करने की क्षमता काफी ज्यादा है, लेकिन इसके जानलेवा होने के सबूत नहीं हैं।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें भारत में कोरोना वायरस के नए म्यूटेशन का पहला मामला सामने आने का संदेह, नागपुर के युवक में हो सकता है स्ट्रेन है

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