ग्लूकोज-गैलेक्टोज मैलअब्जॉर्प्शन - Glucose-Galactose Malabsorption in Hindi

Dr. Pradeep JainMD,MBBS,MD - Pediatrics

January 07, 2021

January 13, 2021

ग्लूकोज-गैलेक्टोज मैलअब्जॉर्प्शन
ग्लूकोज-गैलेक्टोज मैलअब्जॉर्प्शन

ग्लूकोज-गैलेक्टोज मैलअब्जॉर्प्शन (जीजीएम) चयापचय से जुड़ी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर ग्लूकोज और गैलेक्टोज इन दोनों शुगर को अवशोषित नहीं कर पाता है। इस स्थिति में दस्त की गंभीर समस्या हो जाती है। आमतौर पर यह समस्या जब शिशु नवजात होता है तभी शुरू हो जाती है और गंभीर डायरिया की वजह से बच्चे का वजन कम होने लगता है और शरीर में पानी की कमी भी होने लगती है, जिससे स्थिति जानलेवा हो सकती है। इसके अलावा इस बीमारी में मूत्र में ग्लूकोज (माइल्ड ग्लूकोसुरिया) की कुछ मात्रा भी आ जाती है। दुर्लभ मामलों में, प्रभावित शिशुओं में किडनी में कैल्शियम जमा होने की वजह से किडनी स्टोन की समस्या भी हो सकती है। किडनी में कैल्शियम जमा होने की समस्या को नेफ्रोकैल्सिनोसिस कहते हैं।

इस स्थिति को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है:

ग्लूकोज गैलेक्टोज मैलअब्जॉर्प्शन डिफिशिएंसी, कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट इंटॉलेरेंस, कार्बोहाइड्रेट इंटॉलेरेंस ऑफ ग्लूकोज गैलेक्टोज।

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ग्लूकोज-गैलेक्टोज मैलअब्जॉर्प्शन के संकेत और लक्षण - Glucose-Galactose Malabsorption Symptoms in Hindi

आमतौर पर जन्म के बाद शुरुआती कुछ दिनों में ही इस बीमारी के लक्षण दिखने लगते हैं जब नवजात शिशु दूध पीता है और शिशु का शरीर  दूध को तोड़कर सिंपल शुगर में बदलने की कोशिश करता है। बीमारी के मुख्य लक्षणों में दस्त की गंभीर समस्या शामिल है, जिसकी वजह से शरीर में पानी और तरल पदार्थों की कमी हो जाती है और बच्चे का वजन बढ़ने में कठिनाई होने लगती है। डायरिया और डिहाइड्रेशन का अगर समय पर इलाज न हो तो ये जानलेवा साबित हो सकता है। एक बार जब लक्षणों का प्रबंधन हो जाता है तो प्रभावित बच्चे आमतौर पर सामान्य जीवन जी सकते हैं। जैसे जैसे रोगी की उम्र बढ़ने लगती है वैसे वैसे लक्षण कम गंभीर होते चले जाते हैं और शरीर शुगर को वापस से अवशोषित करने लगता है। इस कारण डाइट में थोड़ी बहुत शुगर को शामिल किया जा सकता है।

जीजीएम से ग्रस्त बच्चा जब बहुत अधिक शुगर वाली चीजें खाता या पीता है तो अक्सर उसे दस्त की समस्या हो सकती है। प्रभावित बच्चे के यूरिन में कुछ मात्रा में शुगर का आना यानी ग्लाइकोसुरिया इस बात का संकेत हो सकता है कि बच्चे के किडनी में पथरी बन रही है। वयस्कों में जीजीएम के लक्षणों में पेट फूलना, मतली, दस्त, पेट में ऐंठन, आंत में गैस की वजह से पेट से तेज आवाज आना और बार-बार पेशाब आना शामिल है।

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ग्लूकोज-गैलेक्टोज मैलअब्जॉर्प्शन का कारण - Glucose-Galactose Malabsorption Causes in Hindi

यह स्थिति अक्सर तब होती है जब शरीर में मौजूद छोटी आंत ग्लूकोज और गैलेक्टोज (शुगर) को अवशोषित करने और उसका सही से उपयोग करने में सक्षम नहीं हो पाती। ग्लूकोज और गैलेक्टोज की रासायनिक संरचनाओं में बहुत समानता होती है। एक ही प्रोटीन दोनों शुगर को आंतों तक ले जाता है। इसके बाद आंत इन सिंपल शुगर को अवशोषित करती है, जिसे पूरे शरीर में उपयोग किया जाता है। लेकिनि जब SLC5A1 नामक जीन में किसी कारण से गड़बड़ी आ जाती है तो ऐसे में एंजाइम शुगर को छोटी आंतों तक नहीं ले जा पाते हैं, जिससे जीजीएम की समस्या होती है।

SLC5A1 जीन सोडियम/ग्लूकोज कोट्रांसपोर्टर प्रोटीन 1 (SGLT1) नामक प्रोटीन का उत्पादन करने के लिए निर्देश देता है। यह प्रोटीन मुख्य रूप से इंटेस्टाइनल ट्रैक्ट और किडनी में पाया जाता है। इंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में, SGLT1 प्रोटीन शरीर को आहार से ग्लूकोज और गैलेक्टोज को अवशोषित करने में मदद करता है ताकि शरीर उनका उपयोग कर सके।

दूसरी तरफ, किडनी की कोशिकाओं में SGLT1 प्रोटीन ब्लड ग्लूकोज का लेवल सामान्य रखने में भूमिका निभाता है। किडनी खून से अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करती है और मूत्र के जरिये इन अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकाल देती है।

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ग्लूकोज-गैलेक्टोज मैलअब्जॉर्प्शन का निदान - Glucose-Galactose Malabsorption Diagnosis in Hindi

ग्लूकोज-गैलेक्टोज मैलअब्जॉर्प्शन का निदान इसके लक्षणों के आधार पर किया जाता है। जब बच्चे को गंभीर रूप से दस्त आने लगते हैं और किसी तरह के इंफेक्शन की आशंका से इनकार करने के बाद जब ग्लूकोज व गैलेक्टोज का सेवन बंद कर देने से लक्षणों में सुधार होने लगता है तो यह जानकारी जीजीएम के निदान में मदद करती है। इसके अलावा जेनेटिक ​टेस्टिंग की मदद से भी जीजीएम की पुष्टि की जा सकती है। जेनेटिक परीक्षण एक प्रकार का मेडिकल टेस्ट है जो गुणसूत्रों यानी क्रोमोसोम, जीनों या प्रोटीनों में गड़बड़ी की पहचान करता है।

ग्लूकोज-गैलेक्टोज मैलअब्जॉर्प्शन का इलाज - Glucose-Galactose Malabsorption Treatment in Hindi

जीजीएम के लिए कोई इलाज मौजूद नहीं है लेकिन इसके उपचार में ग्लूकोज व गैलेक्टोज युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बंद करना शामिल है। हालांकि, कई बच्चे वयस्क होने के बाद ग्लूकोज और गैलेक्टोज को सहन करने में सक्षम हो जाते हैं, हालांकि ऐसा क्यों होता है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ।

जिन बच्चों में जन्म के तुरंत बाद जीजीएम का निदान हो जाता है, उन्हें फ्रक्टोज बेस्ड फॉर्मूला मिल्क दिया जाता है और साथ ही ऐसे आहार जिनमें ग्लूकोज और गैलेक्टोज की मात्रा बेहद कम होती है। इसके बाद उनका शारीरिक विकास 'फ्रक्टोज बेस्ड सॉलिड डाइट' पर निर्भर करता है।

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