हैंटावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम (चूहों से होने वाला संक्रमण) - Hantavirus Pulmonary Syndrome (HPS) in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

December 13, 2019

March 06, 2020

हैंटावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम
हैंटावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम

हैंटावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम क्या है?

हैंटावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम (एचपीएस) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर संक्रमण है, इसे चूहों से होने वाला संक्रमण भी कहा जा सकता है। यदि इस बीमारी का इलाज समय पर नहीं किया गया, तो यह खतरनाक रूप ले सकती है। इसके लक्षण फ्लू की तरह हो सकते हैं और ये लक्षण जल्दी भयंकर रूप ले सकते हैं। पेशाब, मल या चूहों के सलाइवा से संक्रमित हवा में सांस लेने से एचपीएस होता है। जंगली चूहों में कई तरह के वायरस पाए जाते हैं, लेकिन यह वायरस इन कतरने वाले जानवरों को बीमार नहीं बनाते हैं। यह सिंड्रोम मुख्य रूप से हृदय, फेफड़ों और गुर्दे को प्रभावित करता है।

हैंटावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम के लक्षण

इसके शुरुआती लक्षण बहुत ज्यादा जुकाम या फ्लू की तरह लग सकते हैं। एचपीएस से प्रभावित व्यक्ति को बुखार और सिरदर्द भी हो सकता है। इसके अन्य लक्षण हैं: 

एचपीएस के निम्न संकेत दिखने के चार से 10 दिनों के बाद ये गंभीर रूप लेना शुरू कर देते हैं। 

हैंटावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम का कारण

एचपीएस कई प्रकार के वायरस के कारण होता है, जो विभिन्न तरह के चूहों द्वारा फैल सकता है। इन चूहों में शामिल हैं:

  • सफेद पूंछ वाला चूहा
  • कॉटन रैट
  • राइस रैट

यह वायरस तब फैलता है जब चूहों के अपशिष्ट (मल-मूत्र) से दूषित हवा में सांस लेते हैं।

हैंटावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम का इलाज

इस वायरस को खत्म करने के लिए कोई इलाज या उपचार नहीं है। जब कोई व्यक्ति एचपीएस से ग्रस्त होता है, तो उसे आमतौर पर अस्पताल में रखा जाता है और उसे ऑक्सीजन थेरेपी दी जाती है ताकि सांस लेने में दिक्क्त न हो और फेफड़ों से तरल पदार्थ को बाहर निकाला जा सके। सांस लेने के लिए नाक या मुंह ब्रीदिंग ट्यूब लगाई जाती है।
अत्यंत गंभीर मामलों में, एक मशीन के माध्यम से खून को पंप किया जाता है, इससे ऑक्सीजन को अंदर खींचने और कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ने में मदद मिलती है। इसे "एक्सट्रॉस्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन" कहा जाता है।