दिल का दौरा - Heart Attack in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

June 28, 2017

February 03, 2024

दिल का दौरा
दिल का दौरा

दिल का दौरा (हृदयाघात) तब पड़ता है जब हृदय तक जाने वाले ऑक्सीजन युक्त खून का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। यह वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के कारण होता है जो हृदय तक खून पहुँचाने वाली धमनियों (कोरोनरी धमनियों) में प्लेक (Plaque; एक चिपचिपा जमाव) बनाकर उन्हें अवरुद्ध करते हैं। बाधित रक्त प्रवाह के कारण हृदय को ऑक्सीजन नहीं मिलता है और यदि हृदय को ऑक्सीजन जल्दी ना मिले तो हृदय की मांसपेशियां नष्ट हो जाती हैं। 

भारत में हर 33 सेकंड्‌स में एक व्यक्ति की मृत्यु दिल के दौरे के कारण होती है। भारत में 1 साल में दिल के दौरे के लगभग 20 लाख मामले होते हैं। 

दिल का दौरा के प्रकार - Types of Heart Attack in Hindi

दिल के दौरे 3 प्रकार के होते हैं:

  1. एसटी सेगमेंट एलिवेशन माइओकार्डियल इन्फार्कशन (स्टेमी) (ST Segment Elevation Myocardial Infarction (STEMI)): स्टेमी (STEMI) से छाती के बीच में दर्द होता है। इसमें तीव्र दर्द नहीं होता है बल्कि दबाव और जकड़न महसूस होती है। कुछ लोगों को बाहों, गले, जबड़े और पीठ में भी दबाव और जकड़न महसूस होती है। 
  2. नोन-एसटी सेगमेंट एलिवेशन माइओकार्डियल इन्फार्कशन (एनस्टेमी) (Non-ST Segment Elevation Myocardial Infarction (NSTEMI)): एनस्टेमी (NSTEMI) में कोरोनेरी धमनियां आंशिक रूप से अवरुद्ध होती हैं। एनस्टेमी (NSTEMI) से एलेक्ट्रोकार्डिओग्राम में एसटी (ST) सेगमेंट में कोई बदलाव नहीं आता है। 
  3. अस्थिर एनजाइना या कोरोनेरी ऐंठन: इसके लक्षण स्टेमी (STEMI) के समान होते हैं लेकिन इसे ज्यादातर अपच या मांसपेशियों में दर्द समझ कर नज़रअंदाज़ किया जाता है। जब हृदय की धमनियां संकुचित हो जाती हैं तो हृदय तक जाने वाले रक्त का प्रवाह रुक जाता है या कम हो जाता है। अस्थिर एनजाइना का निदान केवल इमेजिंग या रक्त की जाँच से पता चलता है। कोरोनेरी ऐंठन से कोई खतरनाक हानि नहीं होता है लेकिन इससे दिल का दौरा फिर से पड़ने का जोखिम बढ़ जाता है। 
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हार्ट अटैक के लक्षण - Heart Attack Symptoms in Hindi

दिल का दौरा पड़ने के लक्षण इस प्रकार हैं -

  1. छाती या बाहों पर दबाव, जकड़न या दर्द महसूस होना जो आपके गले, जबड़े और पीठ तक फैल सकता है
  2. मतली, अपच, सीने में जलन, पेट में दर्द होना
  3. सांस लेने में कठिनाई होना
  4. "कोल्ड स्वेट" आना (भय, चिंता, या बीमारी के कारण पसीना आना)
  5. थकान
  6. चक्कर आना

दिल के दौरे के लक्षण सभी लोगों के लिए सामान्य नहीं होते हैं। सीने में दर्द हमेशा तीव्र होता है लेकिन कुछ लोगों को बहुत कम दर्द भी महसूस हो सकता है जैसा अपच में महसूस होता है। कुछ लोगों (खासकर महिलाओं, बुज़ुर्गों और मधुमेह से पीड़ित) को दर्द ही नहीं होता है।

(और पढ़ें - हृदय रोग के लक्षण)

हार्ट अटैक के कारण - Heart Attack Causes in Hindi

जब आपकी एक या एक से अधिक कोरोनरी धमनी अवरुद्ध हो जाए तो दिल का दौरा पड़ता है। कोलेस्ट्रॉल और कई अन्य पदार्थों के संचय के कारण कोरोनरी धमनी संकुचित हो सकती है। इस अवस्था को कोरोनरी धमनी रोग कहते हैं और अधिकांश दिल के दौरे इसी कारण होते हैं। 

दिल के दौरे के दौरान, प्लाक (एक चिपचिपा जमाव) फट सकता है और, कोलेस्ट्रॉल और कई अन्य पदार्थ रक्तधारा में फैल सकते हैं। जहाँ प्लाक फटता है वहाँ खून का थक्का बन जाता है। अगर यह थक्का बड़ा हो तो इसके कारण रक्त प्रवाह पूरी तरह अवरुद्ध हो सकता है। 
 
दिल का दौरा पड़ने का एक ओर कारण है कोरोनेरी धमनी की ऐंठन जिसके कारण हृदय की मांसपेशियों तक जाने वाला रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। तंबाकू और गैरकानूनी नशीले पदार्थों जैसे कोकेन से जानलेवा ऐंठन पैदा हो सकती है। दिल की धमनी के फटने (स्पोंटेनियस कोरोनेरी आर्टरी डाइसेक्शन) के कारण भी दिल का दौरा पड़ सकता है। 

दिल का दौरा से बचाव - Prevention of Heart Attack in Hindi

दिल के दौरे का खतरा कम करने के लिए -

  1. दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम करने के लिए और अपने क्षतिग्रस्त दिल के कार्य को बेहतर करने के लिए डॉक्टर द्वारा सलाहित दवाइयों का उपयोग करें और अपने चिकित्सक से सलाह लेते रहें। 
  2. स्वस्थ आहार के साथ-साथ स्वस्थ वज़न बनाए रखें, धूम्रपान ना करें, रोज़ व्यायाम करें, ज़्यादा तनाव ना लें और हाई बीपी, रक्त में कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर और मधुमेह जैसी समस्याओं का नियंत्रण करें। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के सरल तरीके)
  3. यदि आपको मधुमेह हो तो उसके लिए सलाहित दवाइयों का उपयोग करें और अपने रक्त के शुगर के स्तर की जाँच कराते रहें। यदि आपको कोई हृदय रोग हो तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें और डॉक्टर द्वारा सलाहित दवाओं का उपयोग करें।

दिल का दौरा पड़ने पर परीक्षण - Diagnosis of Heart Attack in Hindi

नियमित शारीरिक जाँच के दौरान आपका डॉक्टर ऐसे जोखिम वाले कारकों की जाँच करेगा जिनके कारण दिल का दौरा पड़ सकता है। 

दिल के दौरे की जाँच के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जाते हैं -

  1. एलेक्ट्रोकार्डिओग्राम (ईसीजी) - दिल का दौरे का निदान करने के लिए सबसे पहले ईसीजी किया जाता है। यह टेस्ट दिल की एलेक्ट्रिकल गतिविधियों की जाँच करता है। क्षतिग्रस्त दिल की एलेक्ट्रिकल गतिविधियां सामान्य नहीं होती हैं इसलिए ईसीजी से पता चल जाता है कि दिल का दौरा पहले कभी पड़ा है या भविष्य में पड़ने वाला है।  
  2. रक्त की जाँच - जब दिल का दौरा पड़ता है तो कई एंजाइम रक्त में फैल जाते हैं। यह जानने के लिए की यह एंजाइम रक्त में है या नहीं, आपके डॉक्टर आपका ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं। 

हार्ट अटैक का इलाज - Heart Attack Treatment in Hindi

दिल के दौरे का उपचार आपको हुए दिल के दौरे के प्रकार पर निर्भर करेगा। 

एसटी सेगमेंट एलिवेशन माइओकार्डियल इन्फार्कशन (स्टेमी) दिल के दौरे का सबसे गंभीर प्रकार होता है और इसमें आपातकालीन उपचार की आवश्यकता होती है ताकि दिल के दौरे के कारण होने वाले हानि को कम किया जा सके। 

यदि आपको हो रहे लक्षण दिल के दौरे के हों और आपके ईसीजी के परिणाम से प्रमाणित हो जाए की आपको स्टेमी है तो आपकी कोरोनरी धमनियों को खोलने के लिए उपचार किया जाएगा। 

दिल के दौरे का उपचार इस प्रकार किया जाता है -

  1. यदि आपको लक्षण पिछले 12 घंटो से महसूस हो रहे हों तो आपका उपचार प्राइमरी परक्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (पीसीआइ) से किया जाएगा। 
  2. यदि आपको लक्षण पिछले 12 घंटो से महसूस हो रहे हों लेकिन आपको जल्द से जल्द पीसीआइ देना संभव ना हो तो आपको खून के थक्कों का विश्लेषण करने के लिए दवाई दी जाएगी। 
  3. यदि आपको लक्षण पिछले 12 घंटो से ज़्यादा समय से महसूस हो रहे हों तो आपको दिया जाने वाला उपचार एंजियोग्राफी के बाद तय होगा। आपको पीसीआई या दवाई दी जा सकती है या आपकी बायपास सर्जरी की जा सकती है। 

दिल के दौरे के उपचार के लिए कुछ शल्य प्रक्रिया इस प्रकार हैं:

  1. एंजिओप्लास्टी - बैलून का इस्तेमाल करके या अवरद्ध करने वाले पदार्थ को हटाकर अवरुद्ध धमनी को खोला जाता है। 
  2. स्टेंट डालना - एंजिओप्लास्टी के बाद धमनी को खुला रखने के लिए एक प्रकार का ट्यूब (स्टेंट) अवरुद्ध भाग में डाला जाता है। 
  3. बायपास सर्जरी - हृदय के अवरुद्ध भाग में रक्त के प्रवाह की आपूर्ति कराने के लिए सर्जरी। 
  4. हार्ट वाल्व सर्जरी - जिस वाल्व में रिसाव हो रहा हो उस वाल्व को बदलने के लिए सर्जरी। 
  5. पेसमेकर सर्जरी - हृदय की असामान्य लय का एक पेसमेकर की मदद से नियंत्रण किया जाता है। 
  6. हृदय प्रत्यारोपण - यह गंभीर स्तिथियों में किया जाता है जब दिल के दौरे के कारण हृदय की ऊतकें पूरी तरह नष्ट हो जाती हैं। 

दिल के दौरे के उपचार के लिए आपको निम्नलिखित दवाइयाँ दी जा सकती हैं -

  1. एस्पिरिन या अन्य एंटीप्लेटलेट दवाइयाँ
  2. रक्त के थक्कों के विश्लेषण के लिए दवाइयाँ
  3. एंटीकोअग्युलेंट्स (खून को पतला करने वाले पदार्थ) जैसे हेपारिन (ऐसी बहुत अन्य दवाइयाँ उपलब्ध हैं)
  4. दर्द निवारक दवा
  5. नाइट्रोग्लिसरीन जैसे नाइट्रो (ऐसी बहुत अन्य दवाइयाँ उपलब्ध हैं)
  6. उच्च रक्तचाप के लिए दवाइयाँ

इन दवाइयों को लेने से पहले अपने डॉक्टर से पूँछे।

(और पढ़ें - हार्ट अटैक के बाद क्या खाना चाहिए और क्या नहीं)

दिल का दौरा के जोखिम कारक - Heart Attack Risks Factors in Hindi

निम्नलिखित लोगों को दिल का दौरा आसानी पड़ सकता है -

  1. उम्र - 45 से ज़्यादा उम्र के पुरुषों और 55 से ज़्यादा उम्र की महिलाओं को दिल का दौरा आसानी से पड़ सकता है।
  2. तंबाकू - धूम्रपान करने से या जो लोग धूम्रपान करते हैं उनके आसपास रहने से दिल का दौरा आसानी से पड़ सकता है।
  3. उच्च रक्तचाप - उच्च रक्तचाप से धमनियों को हानि पहुँचता है। जब उच्च रक्तचाप मोटापे, धूम्रपान, उच्च कोलेस्ट्रॉल या शुगर के कारण होता है तो यह जोखिम ओर भी बढ़ जाता है।
  4. कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के उच्च स्तर- एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर से धमनियां संकुचित हो जाती हैं। ट्राइग्लिसराइड के उच्च स्तर से दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ सकता है।
  5. डायबिटीज - जब शरीर पर्याप्त इन्सुलिन का उत्पादन नहीं करता है तो शरीर में शुगर के स्तर बढ़ जाते हैं। अनियंत्रित मधुमेह से दिल के दौरे का जोखिम बढ़ जाता है।
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  6. दिल के दौरे की पारिवारिक समस्या - यदि आपके परिवार के लोगों (पुरुषों को 55 से पहले या महिलाओं को 65 से पहले) को दिल का दौरा पड़ा हो तो आपको दिल का दौरा आसानी से पड़ सकता है।
  7. शारीरिक व्यायाम की कमी - शारीरिक व्यायाम की कमी से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है और मोटापा भी होता है जिससे दिल के दौरे का जोखिम बढ़ता है।
  8. मोटापा - अपने शरीर का 10 प्रतिशत वज़न घटाने से ही आप दिल का दौरा पड़ने के जोखिम को कम कर सकते हैं।
  9. तनाव - तनाव से दिल का दौरा पड़ने के जोखिम बढ़ सकते हैं।
  10. नशीले पदार्थों का उपयोग - ऐसे नशीले पदार्थ जो आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते हैं या कोकेन से आपकी कोरोनेरी धमनियों में ऐंठन हो सकती है जिससे दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ सकता है।
  11. प्रीएक्लम्पसिया की पारिवारिक समस्या - गर्भावस्था के दौरान प्रीएक्लम्पसिया होने से उच्च रक्तचाप हो जाता है जिससे दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ जाता है।
  12. ऐसे बीमारी जिसमे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं को नुक्सान पहुँचाती है जैसे रूमटॉइड आर्थराइटिस या लुपस से दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ जाता है।

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हार्ट अटैक आने से पहले क्या क्या लक्षण होते हैं? - What are the symptoms before a heart attack in Hindi?

सामान्य तौर पर हार्ट अटैक आने से पहले व्यक्ति की बाजू या छाती में दर्द या फिर जकड़न का अनुभव होता है. कई बार यह दर्द पीठ, गर्दन या फिर जबड़े तक भी पहुंच सकता है. इनमें से कोई दर्द महसूस  हो तो बिना समय बर्बाद किए डॉक्टर के पास जाना चाहिए. 

इसके अलावा कई बार उल्टी आना, खाना ना पचना, पेट में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, ठंडा पसीना निकलना, चक्कर आना और थकान महसूस होने जैसी दिक्कतें भा आ सकती है.

हार्ट अटैक में क्या होता है? - What happens in a heart attack in Hindi?

हार्ट कितनी बार और किस गति से धड़कता है इसकी इलेक्ट्रिकल सिग्नल हार्ट को मिलता है. इलेक्ट्रिकल सिग्नल का मतलब हार्ट रेट से है जिसमें यह देखा जाता है कि मनुष्य का हृदय एक मिनट में कितनी बार धड़कता है.

जब इस प्रक्रिया में रूकावट आ जाती है तो दिल की धड़कन अनियमित हो जाता है इसे एरिथमिया कहते हैं. हार्ट अटैक की वजह से हृदय की धड़कन काम करना बंद कर देती है जिसकी वजह से मानव शरीर के सभी हिस्सों में ब्लड का पहुंचना बंद हो जाता है. अगर किसी व्यक्ति में हार्ट अटैक के लक्षण दिखते हैं तो उसे जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

दिल का दौरा पड़ने पर वास्तव में कैसा महसूस होता है? - What does a heart attack really feel like in Hindi?

हार्ट अटैक के लक्षण पुरूष और महिलाओं में अलग-अलग दिखते हैं. सीने में दर्द पुरूषों में हार्ट अटैक का सामान्य लक्ष्ण होता है. सीने में दर्द बिलकुल हृदय के केंद्र पर होता है लेकिन इसका अनुभव केंद्र के आस-पास होता है.

पुरूषों में हार्ट अटैक आने पर अन्य चीजें भी महसूस होती है जैसे कि सांस लेने में तकलीफ, बेचैनी, पीठ, बाजू और जबड़े में दर्द, आम तौर पर बाएं हाथ में दर्द, अचानक ठंडा पसीना आना, चक्कर आना.

महिलाओं में हार्ट अटैक आने पर सीने में दर्द होता है जो कि सामान्य लक्ष्ण है. इसके अलावा महिलाएं हार्ट अटैक आने पर पेट के ऊपरी हिस्सों में दर्द महसूस करती है. पुरूषों की तुलना में महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्ष्ण सामान्य नहीं होते हैं. थकान, पीठ के ऊपरी हिस्सों में जलन झुनझुनी दवाब महसूस होना, उल्टी आना महिलाओं में हार्ट अटैक की समस्या को दर्शाता है.



संदर्भ

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  2. MSDmannual professional version [internet].Acute Myocardial Infarction (MI). Merck Sharp & Dohme Corp. Merck & Co., Inc., Kenilworth, NJ, USA
  3. Gupta R, Mohan I, Narula J. Trends in Coronary Heart Disease Epidemiology in India. Ann Glob Health. 2016 Mar-Apr;82(2):307-15. PMID: 27372534.
  4. inay Rao, Prasannalakshmi Rao, Nikita Carvalho. Risk factors for acute myocardial infarction in coastal region of india: A case-control study . Volume 2, 2014. Department of Community Medicine, Father Muller Medical College, Mangalore; DOI: 10.4103/2321-449x.140229.
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  6. National Heart, Lung, and Blood Institute [Internet]: U.S. Department of Health and Human Services; Heart Attack
  7. National Health Service [Internet]. UK; Complications - Heart attack

दिल का दौरा की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Heart Attack in Hindi

दिल का दौरा के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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दिल का दौरा पर आम सवालों के जवाब

सवाल लगभग 6 साल पहले

हार्ट अटैक से बचने के तरीके क्या हैं?

ravi udawat MBBS , सामान्य चिकित्सा

आप चाहे किसी भी उम्र के हों, हार्ट अटैक यानी हृदयाघात का खतरा हर उम्र में रहता है। यही वजह है कि हृदयाघात न हो, इसके लिक पहले से ही तैयारी कर लेनी चाहिए। अगर आप भी हृदयाघात की आशंका से बचना चाहते हैं तो इन उपायों को आजमाएं-

  • शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। अगर आपके पास शारीरिक काम नहीं है तो प्रतिदिन कम से कम ढाई घंटे हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जरूर करें। जरूरी नहीं है कि किसी ट्रेनर के अंडर में ही एक्सरसाइज की जाए, आप चाहें तो रोजाना चहलकदमी करके भी खुद को सक्रिय रख सकते हैं।
  • एक निश्चित उम्र के बाद नियमित रूप से अपना मेडिकल चेकअप कराना भी जरूरी होता है। जरूरी होने पर डाक्टर से अपनी जीवनशैली, डाइट पर विस्तार से बात करें। इससे आपको पता चल जाएगा कि कहीं आपको हृदयाघात होने की आशंका तो नहीं है। इसके बाद उनकी दी गई सलाह के अनुसार खुद को ढाल लें।
  • स्मोक करने से बचें। खासकर दूसरे द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सीगरेट या बीड़ी बिल्कुल न पीएं। इससे हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
  • अगर घर में किसी नजदीकी रिश्तेदार, भाई-बहन को हार्ट अटैक आया है, तो खुद भी सजग रहें।

सवाल लगभग 6 साल पहले

दिल का दौरा पड़ने पर क्या करें?

Dr. Roshni Poonja MBBS , सामान्य चिकित्सा, आंतरिक चिकित्सा

अगर आपको या आपके साथ मौजूद किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ा है, तो इन उपायों को तुरंत आजमाएं-

  • हार्ट अटैक आने के बावजूद मरीज को शांत रखने की कोशिश करें।
  • उसे किसी जगह आराम से बैठाएं या लेटने को कहें।
  • अगर दवाई एस्प्रिन से एलर्जी नहीं है, तो उसे इस दवा को चबा-चबाकर खाने को कहें। दरअसल पानी के जरिए एस्प्रिन को लेने के बजाय चबाकर खाने से ज्यादा जल्दी असर करती है।
  • इसके बावजूद अगर मरीज की आंखें बंद हो रही हैं, वह किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है तो सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन करें। हालांकि यह प्रक्रिया सिर्फ एक्सपर्ट ही कर सकता है। दरअसल इस प्रक्रिया के तहत मरीज की दिल की धड़कनें सामान्य होने तक छाती को दबाया जाता है ताकि शरीर में पहले से मौजूद आक्सीजन वाला खून संचारित होता रहे। बहरहाल अगर आप यह नहीं करना जानते हैं, तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।

सवाल लगभग 6 साल पहले

हार्ट अटैक को कैसे पहचानें?

Dr. Sameer Awadhiya MBBS , Pediatrics

आपको दिल का दौरा पड़ा है अगर-

  • आपको अपने सीने के बाईं ओर दर्द, दबाव और ऐंठन महसूस हो।
  • आपको ऊपरी बाॅडी पार्ट यानी पेट, गर्दन, जॅा लाइन और दोनों हाथों (खासकर बाएं हाथ में) में दर्द हो।
  • आपको सांस लेने में तकलीफ हो।
  • अचानक आपको पसीना आने लगे।
  • उल्टी और चक्कर आने का अहसास हो।
  • हल्का-हल्का सिरदर्द हो।
 

सवाल 5 साल से अधिक पहले

मिनी हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं?

ravi udawat MBBS , सामान्य चिकित्सा

मिनी हार्ट अटैक या माइनर स्ट्रोक आने पर कुछ इस तरह के लक्षण नजर आते हैं-

  • हाथ, पैर, मुंह में कमजोरी और सुन्नपन का अहसास होता है।
  • अचानक बातचीत करने में समस्या आने लगती है।
  • दूसरों की कही बातें समझ नहीं आती ।
  • अचानक दोनों आंखों या एक आंख से देखने में दिक्कत महसूस होती है।
  • बहुत तेज सिरदर्द होने लगता है।