बचपन में दांतों में सामान्य संक्रमण होने से बच्चों को जवानी में ऐथिरोस्क्लेरोसिस जैसी दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ सकता है। यह बात एक नए अध्ययन में पता चली है। एथेरोस्क्लेरोसिस आर्ट्रीज की एक बीमारी है। इसमें आर्ट्रीज की आंतरिक दीवारों पर फैट इक्कट्ठा होने लगता है।

इस पर एक शोधकर्ता ने कहा, ‘यह एक नया अवलोकन है क्योंकि इससे पहले बचपन में दांतों के संक्रमण और दिल की बीमारियों के खतरे को लेकर कोई शोध नहीं हुआ है।’

बचपन का संक्रमण जवानी में घातक

जर्नल ऑफ जामा नेटर्वक ओपन में इस शोध से संबंधित प्रकाशित विस्तृत जानकारी के मुताबिक, बचपन में मुंह में संक्रमण बढ़ने और सूजन होने से दिल की बीमारियों के कई कारण और जवानी में इनके खतरे से जुड़ा है।

वयस्क के दांतों के आसपास की कोशिकाओं में सूजन होने को लेकर व्यापक रूप से अध्ययन किया गया और फिलहाल, इसे दिल की ऐथिरोस्क्लेरोसिस बीमारी का स्वतंत्र कारण माना जाता है। वहीं, सूजी हुईं इन कोशिकाओं के इलाज को दिल की बीमारी के खतरे के कारण को कम करना समझा जाता है।

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हेलसिंकी विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ ओरल और मैक्सिलोफेसियल डिजीज ने नेशनल कार्डियोवस्क्युलर रिस्क इन यंग फिन्स नामक शोध समूह के सहयोग से एक शोध किया, जिसमें मुंह के संक्रमण और ऐथिरोस्क्लेरोसिस के बीच के संबंध का पता चला।

1980 में शुरू हुआ था अध्ययन

इस अध्ययन की शुरुआत 1980 में हुई थी, जब क्लीनकल ओरल एग्जामिनेशन किया गया था। इसमें कई बार दिल से जुड़ी हुई बीमारियों के कारणों का आकलन किया गया। बचपन और जवानी दोनों में ही जोखिम के कारणों का आकलन किया गया।

दांतों में कीड़ा लगना, मसूड़ों और दांतों के बीच जगह खाली होना, खून आने को मिलाकर अध्ययन में मुंह में संक्रमण और दांतों के आसपास की कोशिकाओं में सूजन आने के लक्षणों को शामिल किया गया। केरोटिड धमनी दीवार की सिकुड़न ऐथिरोस्क्लेरोसिस के पनपने और मायोकार्डियल या सेरेब्रेल इन्फ्रेक्शन के खतरे की तरफ इशारा करती है।

इस अध्ययन के निष्कर्ष में इस बात पर जोर दिया गया है कि ऐथिरोस्क्लेरोसिस के लिए मुंह का संक्रमण एक जोखिम का स्वतंत्र कारण था और दिल से जुड़ी बीमारी के कारकों का खतरा पूरे शोध में बना रहा। बचपन में पहले से ही मुंह के संक्रमण की रोकथाम और इलाज महत्वपूर्ण है।

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लड़कों के मुंह में पाया गया ज्यादा संक्रमण

इस अध्ययन में शामिल सभी बच्चों में 68%, 87% और 82% दांतों में क्रमशः खून आना, कीड़ा लगना और दांतों और मसूड़ों के बीच जगह खाली थी। यहां पर लड़कों और लड़कियों में कोई अंतर नहीं था। 54% बच्चों के दांतों और मसूड़ों के बीच जगह बनी पाई गई और लड़कियों के मुकाबले यह लड़कों में ज्यादा पाई गई। वहीं कुल बच्चों में सिर्फ 5 प्रतिशत बच्चों के मुंह स्वस्थ्य पाए गए, लेकिन 61 और 34 प्रतिशत बच्चों में मुंह के संक्रमण के क्रमशः 1 से 3 लक्षण और 4 लक्षण पाए गए।

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