हार्मोन असंतुलन - Hormonal Imbalance in Hindi

Dr. Anurag Shahi (AIIMS)MBBS,MD

September 04, 2018

February 02, 2024

हार्मोन असंतुलन
हार्मोन असंतुलन

हार्मोन अंसतुलन क्या है?

हार्मोन आपके शरीर के केमिकल घटक होते हैं जिनको शरीर में कई ग्रंथियां बनती हैं। ये शक्तिशाली केमिकल खून के साथ आपके पूरे शरीर में फैले होते हैं और ऊतकों व अंदरूनी अंगों को उनके काम में मदद करते हैं। ये शरीर में की कई मुख्य प्रक्रियाओं को कंट्रोल करने में मदद करते हैं, जिसमें मेटाबॉलिज्म और प्रजनन आदि भी शामिल हैं।

जब आपके हार्मोन का संतुलन खराब हो जाता है तो आपके शरीर का कोई विशेष हार्मोन या तो बहुत कम हो जाता है या बहुत अधिक हो जाता है, इस स्थिति को हार्मोन असंतुलन (हार्मोनल इम्बेलेंस) कहा जाता है। इस दौरान कोई मामूली सा बदलाव भी आपके पूरे शरीर को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। हार्मोन में असंतुलन तनाव, तीव्र चोट या बीमारी, खराब पोषण, अपर्याप्त एक्सरसाइज और अन्य कई कारकों से कारणों के चलते हो सकता है।

(और पढ़ें - महिलाओं में हार्मोन असंतुलन)

शरीर की सबसे मुख्य प्रक्रियाओं को नियमित रखने के लिए हार्मोन बहुत जरूरी होते हैं, इसलिए हार्मोन में असंतुलन शरीर के कई जरूरी कार्यों को प्रभावित कर देता है। हार्मोन निम्न को नियमित रूप से बनाए रखने में मदद करते हैं:

  • मेटाबॉलिज्म और भूख
  • हृदय की दर
  • नींद का चक्र
  • प्रजनन चक्र और यौन कार्य (सेक्शुअल फंक्शन)
  • सामान्य शारीरिक विकास
  • मूड और तनाव का स्तर
  • शरीर का तापमान

पुरुष व महिलाएं दोनों समान रूप से इन्सुलिन, स्टेरॉयड, ग्रौथ हार्मोन और एड्रेनालाईन आदि के असंतुलन से प्रभावित हो सकते हैं। हार्मोन इम्बेलेंस के लक्षण अस्पष्ट होते हैं और वे परीक्षण में बिना पहचान में आए या अनदेखे रह सकते हैं। हार्मोन में असंतुलन का पता लगाने का एकमात्र रास्ता खून टेस्ट द्वारा हार्मोन की जांच करना होता है। विभिन्न प्रकार के उपचारों जैसे नेचुरल थेरेपी, जीवनशैली में बदलाव, ध्यानयोग और दवाएं आदि के प्रयोग से हार्मोन असंतुलन का उपचार किया जा सकता हैं।

(और पढ़ें - हार्मोन्स का महत्व महिलाओं के लिए)

हार्मोन असंतुलन के लक्षण - Hormonal Imbalance Symptoms in Hindi

हार्मोन में असंतुलन होने से कौन से लक्षण महसूस होते हैं?

महिलाओं में:

पुरुषों में लक्षण:

महिलाओं व पुरुषों दोनों में दिखाई देने वाले लक्षण:

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

आपको निम्न समस्याएं है तो हार्मोन असंतुलन के संबंध में आपको डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए:

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हार्मोन असंतुलन के कारण - Hormonal Imbalance Causes & Risk Factors in Hindi

हार्मोन में असंतुलन किस कारण से होता है?

हार्मोन में असंतुलन एक मल्टी फैक्टोरियल विकार होता है, इसका मतलब यह है कि यह समस्या कई कारकों के संयोजन के कारण होती है जैसे आहार, पिछली मेडिकल स्थिति, आनुवंशिक, तनाव का स्तर और वातावरण के विषाक्त पदार्थों के संपर्क मे आना आदि। जो हार्मोन या ग्रंथि प्रभावित होती है उसके आधार पर उसके कारण भी अलग-अलग पाए जाते हैं। हार्मोन में असंतुलन पैदा करने वाले कुछ सामान्य कारण जैसे:

महिलाओं के लिए विशेष कारण:

महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के ज्यादातर कारण प्रजनन हार्मोन्स से जुड़े होते हैं। सामान्य कारण जिनमें निम्न शामिल हैं:

पुरुषों के लिए विशेष कारण:

पुरुष भी अपने जीवनकाल के दौरान हार्मोनल असंतुलन की प्राकृतिक अवधि का अनुभव करते हैं। हार्मोन असंतुलन के कुछ प्राकृतिक कारण जिनमें निम्न शामिल हैं:

  • यौवनावस्था
  • वृद्धावस्था
  • महिलाओं की तुलना में पुरुषों में भी हार्मोनल असंतुलन विकसित होने के जोखिम होते हैं, क्योंकि उनके पास अलग एंडोक्राइन अंग (Endocrine organs) और चक्र होते हैं।
  • कुछ मेडिकल स्थितियाँ जो पुरुषों में हार्मोन असंतुलन का कारण बन सकती हैं।
  • प्रोस्टेट कैंसर
  • पुरुष हाइपोगोनाडिज्म (टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी)

हार्मोन असंतुलन का खतरा कब बढ़ जाता है?

  • विषाक्तता (जैसे किटनाशकों, विषाक्त पदार्थों, वायरस और अन्य हानिकारक केमिकल के संपर्क में आना या अत्यधिक मात्रा में सिगरेट व शराब पीना)
  • अत्यधिक तनाव और पर्याप्त मात्रा में नींद व आराम में कमी
  • सामान्य से अधिक वजन होना या मोटापा
  • खराब आहार
  • गतिहीन जीवन (जैसे सारा दिन बैठे रहना)
  • भोजन से एलर्जी
  • अनुवांशिक संवेदनशीलता

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हार्मोन असंतुलन से बचाव - Prevention of Hormonal Imbalance in Hindi

हार्मोन में असंतुलन होने की रोकथाम कैसे की जा सकती है?

कुछ कारण ऐसे हैं जिनकी रोकथाम नहीं की जा सकती हालांकि जीवनशैली में कुछ बदलाव लाकर हार्मोन असंतुलन की स्थिति को कम या उसकी रोकथाम की जा सकती है।

  • स्वस्थ आहार खाना
     
  • व्यायाम और योग करना:
    प्राकृतिक रूप से हार्मोन असंतुलन से निपटने के लिए कसरत करना बेहद फायदेमंद हो सकता है।
     
  • हानिकारक केमिकलों से बचने की कोशिश करना:
    ऐसे किसी भी उत्पाद या वस्तु का इस्तेमाल ना करें जिसमें हानिकारक केमिकल शामिल हों। इनमें कॉस्मेटिक्स और शारीरिक देखभाल के उत्पाद शामिल हैं। ऐसे उत्पाद का उपयोग भी ना करें जिसमें संभावित रूप से कोई हानिकारक केमिकल हो सकता है। आपको अपने स्वास्थ्य और हार्मोन पर किसी भी दवा या गर्भनिरोधक गोलियों के प्रभावों के बारे में अच्छी तरह से पता होना चाहिए।
     
  • मीठे की खपत कम करना:
    हार्मोन असंतुलन कई कारकों के परिणाम से हो सकता है. इनमें से एक कारक रिफाइंड शुगर (परिष्कृत चीनी) का अत्यधिक उपयोग करना भी होता है। जब आप अधिक मात्रा में मीठा खाते हैं, तो अग्नाशय अधिक इन्सुलिन स्रावित (निकालना) करता है। इसलिए हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने के लिए परिष्कृत चीनी के सेवन को कम करना एक सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।
     
  • पर्याप्त नींद लेना
    रोजाना पर्याप्त मात्रा में नींद लेना और आराम करना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। नींद में बार-बार बाधित होना हार्मोन में असंतुलन का कारण बन सकता है और ओवुलेशन (डिंबोत्सर्जन क्रिया: एक प्रक्रिया जिसका आशय माहवारी चक्र के बीच जननक्षम होना और गर्भधारण के लिए अंडे उत्सर्जित करना है) को भी दबाता है। यह अन्य लक्षणों को भी विकसित कर सकता है जो हार्मोन में असंतुलन से जुड़े हो सकते हैं जैसे, तनाव, चिंता और डिप्रेशन आदि। (और पढ़ें - कम सोने के नुकसान)
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हार्मोन असंतुलन का परीक्षण - Diagnosis of Hormonal Imbalance in Hindi

हार्मोन असंतुलन का परीक्षण कैसे किया जा सकता है?

हार्मोन में असंतुलन का परीक्षण करने के लिए डॉक्टरों के पास कोई एक अकेला विशेष टेस्ट उपलब्ध नहीं है। स्थिति की जांच करने के लिए डॉक्टर शारीरिक परीक्षण करते हैं। परीक्षण के दौरान डॉक्टरों को अपने लक्षणों के बारे में और वे कब हुए हैं आदि जैसी विस्तृत जानकारी देने के लिए तैयार रहें। यदि आप किसी प्रकार की दवाएं, विटामिन या फिर अन्य किसी प्रकार का सप्लीमेंट ले रहे हैं तो परीक्षण करवाने के दौरान उनको अपने साथ ले जाएं और आपका परीक्षण करने वाले डॉक्टर को दिखाएं। 

परीक्षण के दौरान डॉक्टर आपसे आपकी गर्भावस्था, मासिक धर्म, वजन बढ़ना या घटना, तनाव और आपकी सेक्स ड्राइव और प्रजनन कार्यों के बारे में पूछ सकते हैं। 

आपके लक्षणों पर निर्भर करते हुए डॉक्टर आपके एक या उससे अधिक टेस्ट करवाने का सुझाव दे सकते हैं। आप भी अपने डॉक्टर को निम्न टेस्ट करवाने के बारे में कह सकते हैं:

  • खून टेस्ट: 
    डॉक्टर आपके खून का सेंपल लेंगे और टेस्टिंग के लिए उसको लेबोरेटरी भेज देंगे। खून में ज्यादातर प्रकार के हार्मोन्स का पता लग जाता है। डॉक्टर आपके थायराइड, एस्ट्रोजन, टेस्टेस्टेरोन और कोर्टिसोल लेवल की जांच करने के लिए आपका खून टेस्ट कर सकते हैं।
     
  • पेल्विक परीक्षण: 
    महिलाओं में डॉक्टर पैप स्मीयर (Pap smear) टेस्ट करेंगे जिसकी मदद से किसी प्रकार की असाधारण गांठ, सिस्ट या ट्यूमर आदि का पता लगाया जा सकता है। (और पढ़ें - बच्चेदानी में गांठ)

    पुरुषों में डॉक्टर किसी भी प्रकार की असामान्यता की जांच करने के लिए अंडकोष की थैली की जांच करेंगे।
     
  • अल्ट्रासाउंड: 
    अल्ट्रासाउंड मशीन शरीर के अंदर देखने के लिए ध्वनि तरंगों (Sound waves) का उपयोग करती है। गर्भाशय, अंडाशय, वृषण, थायराइड, या पिट्यूटरी ग्रंथि की तस्वीरें प्राप्त करने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड कर सकते हैं। 
     
  • अतिरिक्त टेस्ट: 
    इसके अलावा कुछ और एडवांस टेस्टों की भी आवश्यकता पड़ सकती है, जिनमें निम्न शामिल हो सकते हैं:

हार्मोन असंतुलन का उपचार - Hormonal Imbalance Treatment in Hindi

हार्मोन में असंतुलन का इलाज कैसे किया जाता है?

हार्मोन में असंतुलन का इलाज इसमें असंतुलन पैदा करने वाले कारण पर निर्भर करता है। उपचार के कुछ सामान्य तरीके जिनमें निम्न शामिल हो सकते हैं:

हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी

हार्मोन असंतुलन का उपचार इसके कारणों के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। हार्मोन के असंतुलन में हर व्यक्ति को अलग-अलग प्रकार के उपचार विकल्पों का इस्तेमाल करना पड़ सकता है।

महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के इलाज के लिए निम्न विकल्प हो सकते हैं:

  • हार्मोन कंट्रोल या बर्थ कंट्रोल (गर्भनिरोधक दवाएं) -
    उन महिलाओं के लिए जो गर्भवती होने की कोशिश नहीं कर रही हैं, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन युक्त दवाएं अनियमित मासिक धर्म चक्र और लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। गर्भनिरोधक दवा टेबलेट, रिंग, पैच, गर्भनिरोधक इंजेक्शन और आईयूडी (IUD) के रूप में ले सकते हैं। (और पढ़ें - आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों के नुकसान)
     
  • वेजाइनल एस्ट्रोजन -
    जिन महिलाओं को एस्ट्रोजन के स्तर में बदलाव के कारण योनी में सूखापन महसूस हो रहा है तो वे एस्ट्रोजन क्रीम को सीधे अपनी योनी के ऊतकों पर लगाकर इसके लक्षणों को कम कर सकती हैं। योनी में सूखापन को दूर करने के लिए एस्ट्रोजन की टेबलेट का उपयोग भी किया जा सकता है।
     
  • हार्मोन रिप्लेसमेंट दवाएं -
    रजोनिवृत्ति (Menopause) से जुड़े गंभीर लक्षण, जैसे हॉट फ्लैशेस या रात में पसीने आना आदि को अस्थायी रूप से (कुछ समय के लिए) कम करने के लिए दवाएं उपलब्ध हैं। 

एंटी-एंडरोजन दवाएं:

एंडरोजन पुरुषों का सेक्स हार्मोन होता है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में उपस्थित होता है। जिन महिलाओं मे एंडरोजन का स्तर अधिक होता है। वे इन दवाओं का उपयोग एंडरोजन हार्मोन की अधिकता के कारण होने वाले प्रभावों को रोकने के लिए करते हैं।

  • बाल झड़ना
  • चेहरे पर बाल उगना
  • चेहरे पर दाने और मुँहासे

मेटफोर्मिन:

मेटफोर्मिन टाइप 2 डायबिटीज की दवा है जो पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम: PCOS) से ग्रस्त कुछ महिलाओं के लिए भी मददगार हो सकती हैं। ये दवाएं एंडरोजन के स्तर को कम करती है और ओवुलेशन (डिंबोत्सर्जन) को बढ़ावा देती हैं।
 

डायबिटीज में नए दृष्टिकोण: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और  myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट के साथ सकारात्मक जीवनशैली अपनाएं।और स्वस्थ रहें।सुरक्षित रहे।

 

टेस्टोस्टेरोन थेरेपी:

टेस्टोस्टेरोन के सप्लीमेंट्स पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन से होने वाले लक्षणों को कम कर देते हैं। जिन किशोरों में यौवनावस्था आने में देरी हो गई है ये दवाएं उनमें यौवनावस्था को प्रेरित कर के उसे शुरू कर देती हैं। ये दवाएँ इंजेक्शन, पैच और जेल के रूप में मिल जाती हैं।

(और पढ़ें - टेस्टोस्टेरोन टेस्ट)

एफ्लोरनीथाइन:

यह डॉक्टरों द्वारा लिखी जाने वाली एक क्रीम होती है जिसको विशेष रूप से महिलाओं में चेहरे पर बाल उगने से रोकने के लिए बनाया गया है। यह क्रीम चेहरे पर आने वाले नए बालों के उगने की गति को धीमा कर देती है। हालांकि यह लेकिन पहले से उगे हुऐ बालों से छुटकारा नहीं दिला पाती।

खुद की देखभाल करना और जीवनशैली में बदलाव लाना:

जीवनशैली में कुछ बदलाव करने से हार्मोन असंतुलन की संभावनाओं और इसके कारण होने वाले कुछ लक्षणों को कम किया जा सकता है, जीवनशैली के बदलाव जैसे:

  • तनाव को मैनेज करना और कम करना। (और पढ़ें - तनाव के लिए योग)
  • पुराने नॉन-स्टिक (न चिपकने वाले) बर्तनों को नए सिरेमिक (चीनी मिट्टी के) बर्तनों के साथ बदलें। 
  • भोजन व पेय पदार्थों को गर्म करने व रखने के लिए कांच के कंटेनर का इस्तेमाल करें।
  • सफाई करने वाले ऐसे उत्पादों से बचने की कोशिश करें जिनमें विषाक्त केमिकल होते हैं जैसे ब्लीच आदि।
  • ऐसे फल व सब्ज़ियाँ खरीदना जिन पर कीटनाशकों (Pesticides) या जल्दी पकाने वाले केमिकल का छिड़काव ना किया गया हो।
  • प्लास्टिक के बर्तनों में भोजन को माइक्रोवेव में ना रखें।
  • शरीर का स्वस्थ वजन बनाए रखना।
  • अच्छी स्वच्छता अपनाने की प्रैक्टिस करना, शरीर के ऐसे भागों को धोते रहना जहां पर प्राकृतिक तेल अधिक होता है जैसे चेहरा, गर्दन, पीठ और छाती।
  • चेहरे पर यदि मामूली या हल्के मुंहासे निकल गए हैं तो उनके लिए मुंहासों को धोने वाले ओवर-द-काउंटर फेसवॉश, मेडिकेटेड क्रीम या जेल का उपयोग करना। (डॉक्टर की पर्ची के बिना मेडिकल स्टोर पर मिल जाने वाली दवाओं या अन्य उत्पादों को ओवर-द-काउंटर कहा जाता है।)
  • हॉट फ्लैशेस पैदा करने वाले ट्रिगर से बचें जैसे गर्म या मसालेदार भोजन व पेय पदार्थ।
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हार्मोन असंतुलन के नुकसान - Harmon Asantulan ke Nuksan in Hindi

हार्मोन में असंतुलन होने से क्या नुकसान होते हैं?

शरीर में लंबे समय से हार्मोन में असंतुलन रहने से निम्न समस्याएं हो सकती हैं:

  • अनियमित मासिक धर्म: 
    मां बनने लायक उम्र हो जाने के बाद महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म होना हार्मोन असंतुलन का एक लक्षण होता है। (और पढ़ें - मां बनने की सही उम्र
     
  • बहुत अरसे तक मुंहासे रहना: 
    इन एंडरोजन का स्तर बढ़ने से तेल की ग्रंथियां अधिक उत्पादन करने लगती हैं। एंडरोजन त्वचा की उन कोशिकाओं की भी प्रभावित करता है जिसमें रोम कूप (Hair follicles) होते हैं। अतिरिक्त तेल और कोशिकाएं छिद्रों और मुंहासों का कारण बनती हैं।
     
  • डिप्रेशन और मूड में बदलाव: 
    हार्मोन का स्तर गिरना या उनमें तेजी से बदलाव होने से भी मूड में बदलाव और डिप्रेशन जैसी समस्याएं पैदा होने लगती हैं। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी में मूड में बदलाव)
     
  • बांझपन: 
    लंबे समय से हार्मोन में असंतुलन महिलाओं व पुरुषों दोनों में बांझपन का कारण बन सकता है।
     
  • शरीर पर अत्यधिक बाल: 
    महिलाओं की एड्रेनल ग्रंथियां आमतौर पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन करती हैं। महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का स्तर असाधारण रूप से बढ़ने से आमतौर पर शरीर पर अनचाहे बाल बढ़ने लगते हैं। जिन महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन अधिक हो जाता है उनमें अक्सर धड़, पीठ, हाथ, ऊपरी होंठ या ठोड़ी पर बाल उगने लगते हैं। (और पढ़ें - अनचाहे बाल हटाने के घरेलू उपाय)
     
  • सिर के बाल झड़ना: 
    महिलाओं में कुछ प्रकार के हार्मोन्स का संतुलन खराब होने से खोपड़ी के बाल झड़ने लगते हैं। महिलाओं में अधिक टेस्टोस्टेरोन का सर्कुलेशन होने से पुरुषों की तरह गंजापन जैसे हेयरलाइन (खोपड़ी के चारों तरफ के बाल) पीछे हटना और सिर के ऊपरी भाग से बाल झड़ना आदि शामिल हैं। जिन महिलाओं को ओवरएक्टिव या अंडरएक्टिव थायराइड की समस्या है उनमें खोपड़ी के बाल पतले होने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। 

हार्मोन असंतुलन में क्या खाना चाहिए? - What to eat during Hormonal Imbalance in Hindi?

हार्मोन में असंतुलन होने पर क्या खाना चाहिए?

हार्मोन के असंतुलन की स्थिति से निपटने के लिए आप अपने रोजाना के आहार में निम्न भोजन सामग्रियों, जड़ी बूटियों और सप्लीमेंट्स को शामिल कर सकते हैं:



संदर्भ

  1. Lucas Research. [Internet]. Viamark & Red Shark Digital. HORMONE IMBALANCE.
  2. National University of Natural Medicine. [Internet]. Women in Balance Institute. Causes of Hormone Imbalance.
  3. Rush University Medical Center. [Internet]. Congress Parkway Chicago, IL; His and Hers Hormones.
  4. Northwell Health. [Internet]. 1997, Great Neck, NY; 11 unexpected signs of hormonal imbalance
  5. Hormone Health Network. [Internet]. Endocrine Society.Glands & Hormones A-Z.

हार्मोन असंतुलन के डॉक्टर

Dr. Narayanan N K Dr. Narayanan N K एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
16 वर्षों का अनुभव
Dr. Tanmay Bharani Dr. Tanmay Bharani एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
15 वर्षों का अनुभव
Dr. Sunil Kumar Mishra Dr. Sunil Kumar Mishra एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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Dr. Parjeet Kaur Dr. Parjeet Kaur एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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हार्मोन असंतुलन की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Hormonal Imbalance in Hindi

हार्मोन असंतुलन के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।