माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को तेज सिरदर्द का सामना करना पड़ता है. ऐसा होने पर लगता है कि सिर फटने को हो रहा हो. माइग्रेन का अटैक किसी भी समय हो सकता है. शोध के अनुसार, माइग्रेन को तीसरे नंबर की बीमारी माना गया है, जो दुनिया भर के करीब 12 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करती है. इसमें बच्चे भी शामिल हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार किस चीज की कमी से माइग्रेन का दर्द होता है. शोध कहते हैं कि विटामिन-बी2 और विटामिन-डी की कमी से माइग्रेन होने की आशंका ज्यादा रहती है.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि माइग्रेन किस विटामिन की कमी से होता है -

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  1. किस विटामिन की कमी माइग्रेन का कारण बनती है?
  2. सारांश
किस विटामिन की कमी से माइग्रेन होता है? के डॉक्टर

माइग्रेन बार-बार होने वाली न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है, जिसके चलते सिर में तेज दर्द होता है. शोध के अनुसार, 20 प्रतिशत से अधिक महिलाएं और 10 प्रतिशत से अधिक पुरुष अपनी जिंदगी में कभी न कभी माइग्रेन का दर्द बर्दाश्त करते हैं. इसके लिए कई दवाइयां उपलब्ध हैं, लेकिन उनके अलग नुकसान भी हैं. शोध यह बताते हैं कि विटामिन-बी2 और विटामिन-डी की कमी से माइग्रेन होने की आशंका बढ़ जाती है. आइए, विस्तार से जानते हैं कि माइग्रेन किस विटामिन की कमी से होता है -

विटामिन-बी2

विटामिन-बी2 को राइबोफ्लेविन भी कहा जाता है, जो व्यक्ति की मेटबॉलिक प्रक्रिया में हिस्सा लेता है. यह कोशिकाओं में एनर्जी के उत्पादन के लिए माइटोकॉन्ड्रिया (mitochondria) की मदद के लिए जरूरी पोषक तत्व है. माइग्रेन के बारे में माना जाता है कि यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और मस्तिष्क में होने वाले सूजन से जुड़ा है. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को फ्री रेडिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट के बीच का असंतुलन माना गया है, जिसकी वजह से शरीर में सूजन हो सकती है. ऐसे में विटामिन-बी2 का सेवन बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी माइग्रेन से बचा सकता है.

शोध के अनुसार, विटामिन बी2 न सिर्फ माइग्रेन अटैक के दर्द को कम करता है, बल्कि इसकी तीव्रता को भी कम करने की क्षमता रखता है. सबसे अच्छी बात तो यह है कि इसका कोई नुकसान भी नहीं हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, महिलाओं को रोजाना 1.1 मिलीग्राम विटामिन-बी2 और पुरुषों को 1.3 मिलीग्राम विटामिन-बी2 लेने की सलाह दी जाती है.

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विटामिन-डी

विटामिन-डी की कमी को भी माइग्रेन से जोड़कर देखा जाता है. यह मस्तिष्क में सूजन से लड़ने में अहम भूमिका निभाता है. साथ ही विटामिन-डी शरीर में मैग्नीशियम के अवशोषण में सुधार ला सकता है. मैग्नीशियम की कमी से भी माइग्रेन का दर्द होने की आशंका रहती है. ऐसे में विटामिन-डी सप्लीमेंट के सेवन से माइग्रेन अटैक के इलाज में मदद मिल सकती है. खासकर उन लोगों को, जिनमें विटामिन-डी की कमी रहती है.

नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की सलाह है कि 70 तक की उम्र वाले लोगों को रोजाना 15 माइक्रोग्राम विटामिन-डी का सेवन करना चाहिए. 70 से ज्यादा की उम्र वाले लोगों को रोजाना 20 माइक्रोग्राम विटामिन-डी लेने की सलाह दी जाती है. इसी तरह महिलाओं को रोजाना 310 से 320 मिलीग्राम मैग्नीशियम और पुरुषों को 400 से 420 मिलीग्राम मैग्नीशियम लेने की सलाह दी जाती है.

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कोएंजाइम क्यू10

यह विटामिन की तरह ही एक कंपाउंड है, जो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव डालता है और माइटोकॉन्ड्रिया में एनर्जी के उत्पादन में भूमिका निभाता है. यह माइग्रेन से जुड़े ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है. साथ ही यह माइग्रेन अटैक के दौरान एंजाइम के स्तर को भी कम करता है.

शोध के अनुसार, 2 महीने तक रोजाना 200 एमजी कोएंजाइम क्यू10 के सेवन से माइग्रेन की तीव्रता, समय और दर्द में कमी पाई गई. विशेष तो यह है कि कोएंजाइम क्यू10 के सेवन से कोई नुकसान भी नहीं पाया गया.

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माइग्रेन किसी खास स्थिति जैसे गंध या मौसम में ट्रिगर होते हैं. कुछ खास दवाइयों, डिहाइड्रेशन, स्ट्रेस या थकान में भी माइग्रेन का दर्द अटैक कर सकता है. ऐसे में अगर विटामिन-डी और विटामिन-बी2 की कमी हो, तो माइग्रेन का दर्द होने की आशंका बढ़ जाती है. विभिन्न शोध का कहना है कि विटामिन-डी और विटामिन-बी2 का सेवन माइग्रेन के दर्द की तीव्रता और समय को कम करने की क्षमता रखता है. इसके अलावा, लाइफस्टाइल में बदलाव, एक्सरसाइज, भरपूर नींद भी जरूरी है. बेहतर तो यह होगा कि माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए डॉक्टर की सलाह पर ही अमल किया जाए.

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