अक्षिदोलन - Nystagmus in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

October 13, 2020

October 13, 2020

अक्षिदोलन
अक्षिदोलन

अक्षिदोलन क्या है?

अक्षिदोलन आंखों से संबंधित एक विकार है, जिसमें एक या दोनों आंखों की पुतली तीव्रता से हिलने लगती हैं। आंखों में होने वाली गति पूरी तरह से अनैच्छिक होती है, जिसे व्यक्ति चाहकर भी रोक नहीं पाता है। इसमें आमतौर पर नजर से संबंधी समस्याएं होने लगती हैं जैसे ठीक से देख न पाना या धुंधलापन होना आदि। अक्षिदोलन में आंखों की कुछ इस प्रकार होती हैं -

  • एक से दूसरी तरफ (हॉरिजेंटल निस्टैग्मस)
  • ऊपर से नीचे (वर्टिकल निस्टैग्मस)
  • गोल घूमना (रोटरी निस्टैग्मस)

अक्षिदोलन में होने वाली आंखों की गति तीव्र या धीमी हो सकती है और एक या दोनों आंखों को भी प्रभावित कर सकती है। जब व्यक्ति किसी दूसरी तरफ देखता है, तो आंखें अधिक तीव्रता से हिलने लगती हैं। अक्षिदोलन से ग्रस्त व्यक्ति किसी चीज को अधिक स्पष्ट देखने के लिए सिर को टेढ़ा करके देखते हैं।

अक्षिदोलन के लक्षण क्या हैं?

एक या दोनों आंखें अनियंत्रित रूप से हिलते रहना निस्टैग्मस का सबसे मुख्य लक्षण होता है। इसमें आंख के हिलने की गति धीमी व तीव्र होती ही रहती है। निस्टैग्मस से ग्रस्त व्यक्ति नजर को स्थिर रखने के लिए अपनी गर्दन को हिलाते हैं या फिर अपने सिर को एक अजीब अवस्था में रखते हैं। इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी हैं, जो निस्टैग्मस के साथ देखे जा सकते हैं -

(और पढ़ें - आंख संबंधी बीमारियां)

अक्षिदोलन के क्या कारण हैं?

निस्टैग्मस आंखों संबंधी किसी बीमारी या स्वास्थ्य से जुड़ी किसी अन्य समस्या का संकेत हो सकता है। अक्षिदोलन एक ऐसा रोग है, जो जन्म से भी हो सकता है, जिसे जेनेटिक कहते हैं और बाद में भी विकसित हो सकता है, जिसे एक्वायर्ड कहते हैं। अक्षिदोलन होने के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं -

अक्षिदोलन का परीक्षण कैसे किया जाता है?

निस्टैग्सम का परीक्षण आमतौर पर नेत्र विशेषज्ञों के द्वारा किया जाता है। परीक्षण के दौरान डॉक्टर सबसे पहले आंखों के अंदरूनी हिस्से की जांच करेंगे और दृष्टि की जांच करेंगे। अक्षिदोलन का परीक्षण करने के लिए आमतौर पर निम्न टेस्ट किए जाते हैं -

स्थिति की सटीक रूप से पहचान करने के लिए और अंदरूनी गंभीरता का पता लगाने के लिए डॉक्टर आंखों की गतिविधि को कुछ समय के लिए रिकॉर्ड कर सकते हैं।

अक्षिदोलन का इलाज कैसे किया जाता है?

अक्षिदोलन का इलाज मुख्य रूप से इसके प्रकार व गंभीरता पर निर्भर करता है। यदि अक्षिदोलन जन्मजात है, तो उसका इलाज करवाने की जरूरत पड़ती है। हालांकि, यदि इससे मरीज की सामान्य जीवनशैली प्रभावित हो रही है, तो निम्न की मदद से कुछ सुधार किए जा सकते हैं -

  • उचित चश्मे लगाना
  • कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करना
  • घर में उचित रोशनी का प्रबंध करना

कभी-कभी जन्मजात अक्षिदोलन की गंभीरता बिना किसी इलाज के ही अपने आप ठीक हो जाती है। यदि मरीज को बचपन से ही गंभीर निस्टैग्मस है, तो डॉक्टर स्थिति का इलाज करने के लिए सर्जरी कर सकते हैं। इस सर्जिकल प्रक्रिया को टेनोटॉमी कहा जाता है, जिससे आंख को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों में कुछ बदलाव किए जाते हैं।

एक्वायर्ड निस्टैग्मस के मामलों में इलाज के दौरान प्रमुख रूप से रोग के अंदरूनी कारण बनने वाली स्थितियों को ठीक करने पर ध्यान दिया जाता है। एक्वायर्ड निस्टैग्मस का इलाज करने के लिए निम्न उपचार विकल्प हो सकते हैं -

  • लक्षणों के अनुसार दवाएं देना
  • सप्लीमेंट व आहार की मदद से पोषक तत्वों की कमी को पूरा करना
  • आंख में संक्रमण के लिए कुछ आई ड्रॉप
  • आखों की पुतली हिलने से होने वाली दृष्टि समस्या के लिए बोटुलिनम का इंजेक्शन लगाना
  • विशेष लेंस वाले चश्मे लगाना जिन्हें प्रिज्म कहा जाता है
  • केंद्रीय तंंत्रिका तंत्र या मस्तिष्क से संबंधित रोगों के लिए मस्तिष्क की सर्जरी करना 

(और पढ़ें - आंख आने का कारण)