हांफना - Panting in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

September 15, 2018

April 13, 2021

हांफना
हांफना

हांफना क्या होता है ?

सामान्य तौर पर एक व्यक्ति एक मिनट में औसतन बारह से बीस बार सांस लेता है। हांफने की समस्या तब होती है जब आप एक मिनट में सामान्य से अधिक सांस लेते हैं। इसे अधिक सांस लेना भी कहते हैं और इससे आपको हांफने जैसा महसूस हो सकता है। जब एक व्यक्ति तेज़ी से सांस लेता है तो उसे हाइपरवेन्टिलेशन (Hyperventilation) भी कहा जाता है।

हांफना किसी भी वजह से हो सकता है। जैसे - फेफड़े में संक्रमण या हार्ट फेलियर के दौरान दम घुटने से।

इसके लक्षण होते हैं चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना या कुछ सोच न पाना। जटिलताओं से बचने के लिए इन लक्षणों की जानकारी तुरंत अपने डॉक्टर को दें और इलाज कराएं।

(और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के घरेलू उपाय)

हांफना किसी बीमारी का लक्षण हो सकता है जिसका पता परीक्षणों के द्वारा लगाया जाता है। जैसे - आपके दिल, फेफड़े, पेट और सिर व गर्दन का परीक्षण।

हांफने का इलाज उसके कारण के आधार पर किया जाता है। फेफड़े में संक्रमण का इलाज एंटीबायोटिक्स से किया जाता है और चिंता का इलाज उसके लिए उपलब्ध दवाओं से किया जाता है।

(और पढ़ें - चिंता से छुटकारा पाने का तरीका)

हांफने के लक्षण - Panting Symptoms in Hindi

हांफने के क्या लक्षण होते हैं ?

हांफने से सम्बंधित लक्षण निम्नलिखित हैं -

यदि आप पहली बार इसका अनुभव कर रहे हैं तो हांफना एक आपातकालीन स्थिति मानी जानी चाहिए।

अगर आपको निम्नलिखित लक्षण होते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाएं -

  • त्वचा, नाखूनों, होठों या मसूड़ों का रंग नीला/ ग्रे होना
  • चक्कर आना 
  • छाती में दर्द होना 
  • बुखार (और पढ़ें - बुखार दूर करने के घरेलू उपाय)
  • सांस लेते समय छाती का अंदर जाना
  • लगातार तेज तेज सांस लेना और स्थिती का बिगड़ते जाना यानि सांस लेने को नियंत्रित न कर पाना। 
  • अगर व्यायाम करने के बाद आपको सांस फूलने की समस्या दस मिनट से अधिक देर तक रहती है या आप सांस नहीं ले पाते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
  • घरेलू उपचार के बावजूद हांफने की समस्या का और बिगड़ना

हांफना कई समस्याओं की वजह से हो सकता है। डॉक्टर द्वारा परीक्षण करने पर इसका सटीक कारण पता चलता है। हांफने का अनुभव करने पर तुरंत अपने डॉक्टर को बताएं।

हांफने के कारण - Panting Causes in Hindi

हांफने के क्या कारण होते हैं ?

हाफने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं -

अस्थमा: जल्दी-जल्दी सांस लेना, अस्थमा के अटैक का लक्षण होता है। अस्थमा में श्वसन नाली में सूजन आ जाती है। इससे अक्सर बच्चों में सांस फूलने की समस्या होती है। (और पढ़ें - अस्थमा से बचने के तरीके)

पैनिक अटैक:  पैनिक अटैक में डर और चिंता के प्रति शारीरिक प्रतिक्रिया की समस्या होती है। ये आमतौर पर चिंता विकार का लक्षण होता है जो डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं से ठीक किया जा सकता है। (और पढ़ें - चिंता खत्म करने के लिए योगासन)

सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज): सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) एक आम फेफड़ों की बीमारी है। इसमें क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस और अम्फेसीमा (Emphysema) भी शामिल हैं। ब्रोंकाइटिस में श्वसन नली में सूजन होती है और अम्फेसीमा में फेफड़ों में मौजूद छोटी-छोटी हवा की थैली (Alveoli) नष्ट होती हैं। (और पढ़ें - सूजन खत्म करने का तरीका)

संक्रमण: ऐसे संक्रमण जो फेफड़ों को प्रभावित करते हैं, जैसे - निमोनिया। ये सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकते हैं जिससे हांफने की समस्या हो सकती है। अगर इन संक्रमण का इलाज न हो तो इनसे फेफड़ों में तरल पदार्थ भर सकता है जिससे लम्बी सांसे लेना मुश्किल हो जाता है और जल्दी-जल्दी सांस लेना पड़ता है। कुछ दुर्लभ मामलों में, संक्रमण का इलाज न होना जानलेवा भी हो सकता है। (और पढ़ें - निमोनिया का घरेलू उपाय)

व्यायाम:  व्यायाम के दौरान हमारे शरीर को अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है इस आवश्यकता को लाल रक्त कोशिकाओं द्वारा ऑक्सीजन दे कर पूरा किया जाता है। जिसके लिए ह्रदय को अधिक खून पंप करना पड़ता है और फेफड़ों को अधिक ऑक्सीजन सप्लाई करनी पड़ती है जिसके कारण दिल की धड़कन तेज हो जाती है और सांस फूलने लगती है। (और पढ़ें - फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आहार)

शरीर में पानी की कमी (निर्जलीकरण): शरीर में पानी की कमी से सांस लेने के तरीके में बदलाव आता है क्योंकि बिना पानी के शरीर को कोशिकाओं को पर्याप्त ऊर्जा देने में समस्या होती है। जो लोग पर्याप्त पानी नहीं पीते, ज़्यादा समय गर्मी में रहते हैं या जो लोग कॉफ़ी जैसे तरल पदार्थों का सेवन करते हैं जिससे शरीर में पानी की कमी होती है, उन्हें निर्जलीकरण की समस्या हो सकती है। (और पढ़ें - पानी की कमी को दूर करने के उपाय)

दम घुटना:  किसी वस्तु द्वारा श्वसन नली के थोड़े या पूरे भाग के बंद होने से दम घुटने की समस्या होती है। अगर आप सांस ले पा रहे हैं तो सांस लम्बी या आरामदायक नहीं होगी। दम घुटने के मामले में तुरंत चिकित्सकीय इलाज लेना चाहिए। (और पढ़ें - सांस फूलने के उपाय)

खून के थक्के: पल्मोनरी एम्बोलिस्म (Pulmonary embolism) में फेफड़ों में खून का थक्का बनता है। इससे तेजी से सांस लेने के साथ छाती में दर्द, खांसी और अनियमित दिल की धड़कन की शिकायत हो सकती है। (और पढ़ें - खांसी के लिए घरेलू उपाय)

डायबिटिक केटोएसिडोसिस (Diabetic Ketoacidosis):  डायबिटिक केटोएसिडोसिस एक गंभीर समस्या है जो तब होती जब आपका शरीर पर्याप्त इन्सुलिन का निर्माण नहीं कर पाता है जिससे शरीर में केटोन्स (Ketons) नामक एसिड बनते हैं। इससे अक्सर हांफने की समस्या होती है। (और पढ़ें - इन्सुलिन टेस्ट)

हांफने से क्या क्या खतरे हो सकते हैं ?

निम्नलिखित कारकों से आपके हांफने का जोखिम बढ़ जाता है -

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हांफने के बचाव के उपाय - Prevention of Panting in Hindi

हांफने से कैसे बचा जा सकता है ?

हांफने से बचने के लिए निम्नलिखित तरीकों का प्रयोग किया जा सकता है -

हांफने का निदान - Diagnosis of Panting in Hindi

हांफने का पता कैसे लगाया जाता है ?

हांफने का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपके लक्षणों की शुरुआत और कितने अंतराल पर या कब -कब होते है, आदि के बारे में पूछते हैं। आपके डॉक्टर आपके दिल, फेफड़े, पेट और सिर व गले का परीक्षण करते हैं।

(और पढ़ें - इको टेस्ट क्या होता है)

इसके लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जा सकते हैं -

हांफने का उपचार - Panting Treatment in Hindi

हांफने का इलाज कैसे होता है ?

हांफने का इलाज करने के लिए आपके डॉक्टर हांफने के कारण को जानकर उसका इलाज करेंगे। अगर आपको पहले कभी हांफने का अनुभव नहीं हुआ है, तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। 

इसके निम्नलिखित इलाज होते हैं -

फेफड़े में संक्रमण:  संक्रमण के कारण होने वाली हांफने की समस्या के इलाज के लिए इनहेलर का उपयोग श्वसन नलियां खोलने के लिए और एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग संक्रमण को ठीक करने के लिए किया जाता है। कुछ संक्रमणों के लिए एंटीबायोटिक दवाएं काम नही करती हैं। इन मामलों में, अन्य सांस संबंधी उपचार इस्तेमाल किए जाते हैं और संक्रमण ठीक हो जाता है। (और पढ़ें - श्वसन संकट सिंड्रोम का इलाज)

क्रॉनिक समस्याएं: अस्थमा व सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) जैसी क्रॉनिक समस्याएं ठीक नहीं होती हैं। हालांकि, इनके इलाज से हांफने को कम किया जा सकता है। इन बीमारियों के इलाज के लिए दवाओं, इनहेलर और ऑक्सीजन (कुछ दुर्लभ मामलों में) का उपयोग किया जाता है। (और पढ़ें - अस्थमा के लिए योग)

चिंता संबंधी विकार: यदि आपको हांफने की समस्या चिंता संबंधी रोग के कारण होती है, तो आपके डॉक्टर चिंता विकार को कम करने के लिए थेरेपी और दवाओं के संयोजन की सलाह दे सकते हैं। (और पढ़ें - घबराहट कम करने के उपाय)

अन्य इलाज: 
यदि ऊपर लिखे उपचारों से भी आपके हांफने की समस्या ठीक नहीं हो रही है, तो आपके डॉक्टर आपको बीटा-ब्लॉकर दवाओं की सलाह दे सकते हैं। 

घरेलु उपचार -

  • होठों को सिकोड़कर सांस लें।
  • कागज के थैले में या हाथों से मुंह व नाक को ढक कर सांस लें।
  • छाती की जगह डायाफ्राम (Diaphragm) से सांस लेने की कोशिश करें।
  • एक समय पर सांस को 10 से 15 सेकंड तक रोकने की कोशिश करें।
  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने का प्रयास करें।

(और पढ़ें - दादी माँ के घरेलू नुस्खे)

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हांफने के जोखिम और जटिलताएं - Panting Risks & Complications in Hindi

हांफने से क्या समस्याएं होती हैं ?

हांफने की निम्नलिखित जटिलताएं हो सकती हैं -

  • खून में कैल्शियम की कमी के कारण पैरों व उंगलियों में स्तब्धता व झुनझुनी होना।
  • क्लोराइड (Chloride) के स्तर में वृद्धि।
  • सांस लेने में खरखराहट।
  • चक्कर आना। (और पढ़ें - चक्कर आने के उपाय)
  • छाती में दर्द। (और पढ़ें - छाती में दर्द के घरेलू उपाय)
  • सांस फूलना।
  •  ब्लड में फॉस्फेट की कमी। (Hypophosphataemia)

(और पढ़ें - खून में फॉस्फेट बढ़ने का इलाज)