पैपिलेडीमा - Papilledema in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

November 26, 2020

April 13, 2021

पैपिलेडीमा
पैपिलेडीमा

पैपिलेडेमा (पैपिलेडीमा) एक आंख संबंधी रोग है, जिसमें आंखों की रोशनी संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। यह आमतौर पर मस्तिष्क में दबाव बढ़ने के कारण होता है, जिससे आंख के पीछे की नसें प्रभावित हो जाती हैं और पैपिलेडेमा रोग हो जाता है। पैपिलेडेमा के कुछ मामलों में कोई गंभीर लक्षण नहीं होता है, इसलिए इनसे स्वास्थ्य पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि, कुछ मामलों में पैपिलेडेमा से गंभीर लक्षण हो सकते हैं, जिनका जल्द से जल्द इलाज करवाना अत्यंत आवश्यक होता है। यदि यह सिर में कोई गंभीर चोट या झटका आदि लगने के कारण हुआ है, तो इसके लक्षण आमतौर पर गंभीर होते हैं।

(और पढ़ें - सिर की चोट का इलाज)

पैपिलेडेमा के लक्षण - Papilledema Symptoms in Hindi

पैपिलेडेमा के लक्षण उसकी गंभीरता और रोग के अंदरूनी कारणों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। दृष्टि में किसी प्रकार का बदलाव होना पैपिलेडेमा का सबसे मुख्य लक्षण होता है। यह भी संभव है कि दृष्टि संबंधी इन बदलावों का शुरुआत में पता न चल पाए। हालांकि, बाद में इससे निम्न लक्षण विकसित हो जाते हैं -

यदि मस्तिष्क में आया दबाव कुछ समय के लिए लगातार रहता है, तो ये लक्षण कई हफ्तों तक भी रह सकते हैं और कुछ गंभीर मामलों में स्थायी भी हो सकते हैं। यदि मस्तिष्क में सूजन के कारण पैपिलेडेमा हुआ है, तो इससे अन्य लक्षण भी विकसित हो सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं -

डॉक्टर को कब दिखाएं?

पैपिलेडेमा के कुछ मामले गंभीर नहीं होते हैं, जबकि अन्य मामले इतने गंभीर होते हैं कि उनका जल्द से जल्द इलाज करना ही अच्छा रहता है। ऐसे में सिर्फ डॉक्टर ही इस बारे में निर्धारित कर पाते हैं कि पैपिलेडेमा की स्थिति कितनी गंभीर है और इसका इलाज करना आवश्यक है या नहीं। यदि आपको हाल ही में सिर में चोट लगी है या कोई अन्य दुर्घटना के कारण आपका सिर प्रभावित हुआ है, तो डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए। इसके अलावा यदि आपको उपरोक्त में से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो भी डॉक्टर के पास जाकर एक बार पुष्टि कर लेनी चाहिए।

(और पढ़ें - कान के रोग का इलाज)

पैपिलेडेमा के कारण - Papilledema Causes in Hindi

मस्तिष्क में तंत्रिकाएं, रक्त और अन्य द्रव सुरक्षित रूप से स्थित होते हैं, जिनके लिए एक निर्धारित जगह होती है। जब खोपड़ी में किसी कारण से दबाव बढ़ जाता है, तो तंत्रिकाओं पर दबाव पड़ने लगता है और पैपिलेडेमा रोग हो जाता है। मस्तिष्क में दबाव आमतौर पर ऊतकों में सूजन होने, ट्यूमर बनने या कोई द्रव बनने पर होता है, जिसके निम्न कारण हो सकते हैं -

कुछ दवाओं को लेने या उनकी खुराक को अचानक बंद करने के परिणामस्वरूप भी पैपिलेडेमा रोग हो सकता है, इनमें निम्न दवाएं शामिल हैं -

  • कोर्टिकोस्टेरॉयड
  • आइसोट्रेटिनोइन
  • लिथियम
  • टेट्रसाइक्लिन

(और पढ़ें - रक्तस्राव का कारण)

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पैपिलेडेमा का परीक्षण - Diagnosis of Papilledema in Hindi

स्थिति का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले मरीज से उसके लक्षणों के बारे में पूछते हैं और साथ ही उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली स्थिति के बारे में भी पूछा जा सकता है। मरीज से उसके द्वारा हाल ही में ली जाने वाली दवाओं के बारे में भी पूछा जा सकता है। यदि डॉक्टर को लगता है कि आपको पैपिलेडेमा हो सकता है, तो उसकी पुष्टि करने के लिए ऑफ्थएल्मोलोस्कोप नामक उपकरण से परीक्षण कर सकते हैं। ऑफ्थएल्मोलोस्कोप की मदद से डॉक्टर आंख के पिछले हिस्से की जांच कर पाते हैं। इसके अलावा कुछ अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं -

  • एमआरआई
  • लंबर पंक्चर (स्पाइनल टैप)

पैपिलेडेमा का इलाज - Papilledema Treatment in Hindi

पैपिलेडेमा का इलाज उसके अंदरूनी कारणों के अनुसार अलग-अलग प्रकार से किया जाता है, जिसमें निम्न शामिल हैं -

इडियोपैथिक इंट्राक्रेनियल हाइपरटेंशन -

आईआईएच के कारण होने वाले पैपिलेडेमा का इलाज करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर एसिटाजोलामाइड, फ्यूरोसेमाइड या टोपिरामेट आदि दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। आहार में कम नमक वाले खाद्य पदार्थ खाने और वजन कम करने की सलाह दी जाती है।

यदि दवाओं और जीवनशैली में सुधार करने से कोई आराम न मिल पाए, तो डॉक्टर सर्जरी करने पर विचार कर सकते हैं।

ट्यूमर, सिर में चोट लगने या संक्रमण -

यदि उपरोक्त कारणों से पैपिलेडेमा रोग हुआ है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर गंभीरता के साथ इलाज शुरू करते हैं। उदाहरण के लिए मस्तिष्क में ट्यूमर होने, दिमाग में रक्तस्राव, खून थक्का बनने और अन्य दिमागी स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। संक्रमण की स्थितियों में एंटीबायोटिक व एंटीवायरल दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। इन दवाओं की खुराक रोग की गंभीरता के अनुसार निर्धारित की जाती है।

हाई ब्लड प्रेशर -

कुछ दुर्लभ मामलों में रक्तचाप का स्तर अत्यधिक बढ़ जाने के कारण भी पैपिलेडेमा हो जाता है, उदाहरण के लिए 180/120 से ज्यादा होने पर। इस स्थिति को हाइपरटेंसिव क्राइसिस कहा जाता है, जो कि एक इमरजेंसी स्थिति होती है। इस स्थिति में व्यक्ति को आईसीयू में ले जाया जाता है और ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए उपचार शुरू किया जाता है।

पैपिलेडेमा के अन्य कारणों का इलाज -

पैपिलेडेमा का कारण बनने वाली ऐसी कई समस्याएं हैं, जो मस्तिष्क में दबाव को बढ़ा देती हैं। ऐसी स्थितियों का इलाज मस्तिष्क व आंख के विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है। डॉक्टर अंदरूनी कारणों का पता लगाकर उसके अनुसार ही इलाज शुरू करते हैं।

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