बहुअंगुलिता (पॉलीडेक्टीली) - Polydactyly in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

October 11, 2019

December 20, 2023

बहुअंगुलिता
बहुअंगुलिता

पॉलीडेक्टीली एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति के हाथ या पैर में एक या अधिक अतिरिक्त उंगली होती है। यह अतिरिक्त उंगली हाथ या पैर में कहीं भी हो सकती है। पॉलीडेक्टीली कई प्रकार के होते हैं। इस स्थिति में अक्सर पांचवी उंगली के किनारे एक छोटी-सी उंगली निकल आती है। यह स्थिति अनुवांशिक हो सकती है, यह समस्या जीन में बदलाव या पर्यावरणीय कारणों की वजह से हो सकती है। आमतौर पर इस अतिरिक्त उंगली को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है। 

पॉलीडेक्टीली के लक्षण

पॉलीडेक्टीली में व्यक्ति के हाथ या पैर में एक या इससे अधिक अतिरिक्त उंगली होती है। अमूमन यह समस्या जन्मजात होती है। पॉलीडेक्टीली के लक्षण निम्न हैं: 

  • अतिरिक्त उंगली का होना
  • किसी हड्डी के साथ उंगली का आंशिक रूप से निकलना
  • नरम ऊतक का थोड़ा-सा मांस निकलना

पॉलीडेक्टीली के प्रकार

अक्सर पॉलीडेक्टीली की स्थिति बिना किसी असामान्यता के होती है जिसे आइसोलेटेड या नॉन-सिंड्रोमिक पॉलीडेक्टीली कहा जाता है। कभी-कभी इसका संबंध किसी अन्य अनुवांशिक (जेनेटिक) स्थिति से जुड़ा होता है जिसे सिंड्रोमिक पॉलीडेक्टीली कहते हैं।

पॉलीडेक्टीली के कारण

  • आइसोलेटेड या नॉन-सिंड्रोमिक पॉलीडेक्टीली के कारण 
    आइसोलेटेड पॉलीडेक्टीली जेनेटिक है। यह स्थिति ज्यादातर माता-पिता से उनके बच्चे में जीन के माध्यम से बनती है। इन विशिष्ट जीन में से मुख्य रूप से छह निम्नलिखित हैं:
    • जीएलआई3 (GLI3)
    • जीएलआई1 (GLI1)
    • जेडएनएफ141 (ZNF141)
    • एमआईपीओएल1 (MIPOL1)
    • पीटीएक्स1 (PITX1)
    • आईक्यूसीई (IQCE)
       
  • आइसोलेटेड पॉलीडेक्टीली के गैर-अनुवांशिक मामले: 
    ऐसे कुछ प्रमाण मिले हैं कि जिन मामलों में पॉलीडेक्टीली अनुवांशिक नहीं होती है, उनमें पर्यावरणीय कारक अहम भूमिका निभाते हैं। पोलैंड में 2013 में हुए एक शोध में पॉलीडेक्टीली से ग्रस्त (जिन्हें ये स्थिति अनुवांशिक नहीं थी) 459 बच्चों को शामिल किया गया, इसमें पाया गया कि पॉलीडेक्टीली निम्नलिखित स्थिति में सबसे ज्यादा होता है:
    • डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं के बच्चे
    • जन्म के समय कम वजन वाले बच्चे
    • लोअर बर्थ आर्डर वाले बच्चे (जैसे: पहला या दूसरा बच्चा)
    • जिन बच्चों की मां कभी मिर्गी से ग्रस्त रहीं हों

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  • सिंड्रोमिक पॉलीडेक्टीली के कारण 
    सिंड्रोमिक पॉलीडेक्टीली, जीन में बदलाव के कारण होता है जो भ्रूण के विकास के दौरान सिग्नलिंग पाथ-वे (कोशिका में अणुओं के एक समूह के बारे में बताता है, जो कोशिका के कार्यों को नियंत्रित करने के लिए एक साथ काम करते हैं) को प्रभावित करते हैं। जैसे-जैसे जेनेटिक टेक्नोलॉजी विकसित हुई है, शोधकर्ताओं ने पॉलीडेक्टीली और इससे जुड़े सिंड्रोम में शामिल जीन व तंत्र के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि जैसे-जैसे वे इन जींस के बारे में अध्ययन करते जाएंगे वैसे-वैसे अतिरिक्त अंग के विकास पर उनका शोध स्पष्ट होता जाएगा। 

सिंड्रोमिक पॉलीडेक्टीली का इलाज

पॉलीडेक्टीली का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि अतिरिक्त उंगली हाथ में है या पैर में। ज्यादातर मामलों में, बच्चे के जन्म के बाद पहले दो वर्षों में इस अतिरिक्त उंगली को हटा दिया जाता है, इससे बच्चा सामान्य लोगों की तरह अपने हाथ या पैर का इस्तेमाल कर पाता है। 

  • फिफ्थ डिजिट: 
    आमतौर पर हाथ या पैर की अतिरिक्त उंगली को हटाना एक सरल प्रक्रिया है। पहले, शरीर से जुड़े हुए इन नबिन (छोटी-सी गांठ या अवशिष्ट भाग) को खींच कर निकाल दिया जाता था, लेकिन इससे उस हिस्से पर उभरी हुई त्वचा निकल आती थी। अब इसके लिए सर्जरी को प्राथमिकता दी जाती है। डॉक्टर सर्जरी के बाद   फिजियोथेरेपी की सलाह देते हैं जिससे जल्द ही उस हिस्से से काम शुरु किया जा सके।
     
  • हाथ या पैर का अंगूठा: 
    कई बार अतिरिक्त अंगूठे को हटाना मुश्किल हो सकता है क्योंकि इसे हटाने के बाद एक उभरा हुआ सा हिस्सा रह जाता है। इस स्थिति में अंगूठे की रीमॉडलिंग (पुरानी संरचना का पुनर्गठन या नवीनीकरण करना) की आवश्यकता पड़ सकती है, जिसमें नरम ऊतक, टेंडन और जोड़ शामिल हैं।
     
  • हाथ या पैर की उंगलियों के बीच नई उंगली निकलना: 
    यह सर्जरी आमतौर पर काफी मुश्किल होती है और इस स्थिति में हाथ या पैर को पूरी तरह से कार्यशील बनाने के लिए रीमॉडलिंग की जरूरत होती है। इसके लिए एक से अधिक सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।



बहुअंगुलिता (पॉलीडेक्टीली) के डॉक्टर

Dr. G Sowrabh Kulkarni Dr. G Sowrabh Kulkarni ओर्थोपेडिक्स
1 वर्षों का अनुभव
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