रिएक्टिव अटैचमेंट डिसऑर्डर - Reactive Attachment Disorder in Hindi

Dr. Omar Afroz (AIIMS)BVSc

December 12, 2020

December 12, 2020

रिएक्टिव अटैचमेंट डिसऑर्डर
रिएक्टिव अटैचमेंट डिसऑर्डर

रिएक्टिव अटैचमेंट डिसऑर्डर (आरएडी) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति है, जिसमें शिशु या छोटा बच्चा अपने माता-पिता या देखभालकर्ता के साथ सुरक्षित व भावनात्मक रूप से जुड़ाव नहीं बना पाता है।

आरएडी से ग्रस्त बच्चों को अक्सर अपनी भावनाओं को प्रबंधित करने में परेशानी आती है। इन्हें अन्य लोगों के साथ भी जुड़ाव (हेल्दी कनेक्शन या अटैचमेंट) बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। ये बच्चे अक्सर चिड़चिड़े या उदास दिखाई देते हैं और असुरक्षित और/या अकेले महसूस करते हैं।

रिएक्टिव अटैचमेंट डिसऑर्डर तब विकसित हो सकता है जब बच्चे को जरूरी चीजें नहीं मिल पाती हैं जैसे पर्याप्त आराम, स्नेह, पोषण और देखभाल।

हालांकि, उपचार के बाद बच्चे को माता-पिता या देखभालकर्ता के साथ हेल्दी कनेक्शन बनाने में दिक्कत नहीं आती है। इसके उपचारों में मनोवैज्ञानिक परामर्श, माता-पिता या देखभालकर्ता की काउंसलिंग इत्यादि शामिल है।

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रिएक्टिव अटैचमेंट डिसऑर्डर के लक्षण क्या हैं? - Reactive Attachment Disorder Symptoms in Hindi

रिएक्टिव अटैचमेंट डिसऑर्डर की शुरुआत तब हो सकती है जब बच्चा नवजात होता है। बचपन की शुरुआती अवस्था के अलावा इसके संकेत और लक्षणों पर बहुत कम शोध हुए हैं। इस बारे में कुछ कहना मुश्किल भरा है कि क्या यह 5 साल से अधिक उम्र के बच्चों में होता है।

रिएक्टिव अटैचमेंट डिसऑर्डर के लक्षण और संकेतों में शामिल हो सकते हैं :

  • किसी तरह की सहायता न मांगना
  • पीकाबू या ऐसे खेल खेलने में दिलचस्पी न होना जिसमें संवाद करने की आवश्यकता होती है
  • देखभालकर्ता या माता-पिता के साथ भय, उदासी या चिड़चिड़ापन
  • दुखी व बेखबर या यूं कहें कि किसी चीज की इच्छा न जाहिर करना
  • देखकर ऐसा लगना जैसे वे आराम में नहीं है और यदि उन्हें आराम देने की कोशिश की जाए तो उनमें कोई प्रतिक्रिया न दिखना
  • ना मुस्कुराना
  • दूसरों को करीब से देखना, लेकिन बातचीत न करना

(और पढ़ें - संतुलित आहार चार्ट)

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रिएक्टिव अटैचमेंट डिसऑर्डर का कारण क्या है? - What Causes Reactive Attachment Disorder (RAD) in Hindi?

रिएक्टिव अटैचमेंट डिसऑर्डर का कारण स्पष्ट नहीं है, शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि प्यार और उचित देखभाल में कमी की वजह से कई बार ऐसी स्थिति सामने आ सकती है। देखभाल उचित तरीके से न हो पाने की वजह से बच्चा अकेलापन महसूस कर सकता है, ऐसे में बच्चा अपने माता-पिता या देखभालकर्ता के साथ सहज व सु​रक्षित महसूस नहीं करता है और ना ही तो दोनों के बीच अच्छे संबंध बन पाते हैं।

माना जाता है इन स्थितियों की वजह से आरएडी विकसित हो सकता है :

  • जब बच्चे का डायपर पूरी तरह से भरा हो और उसे घंटों बदला न गया हो (और पढ़ें - डायपर रैश के लक्षण)
  • लंबे समय तक बच्चे का भूखा रहना
  • बच्चे के रोने या परेशान होने पर उसे आराम न मिलना
  • बच्चे को कई घंटों तक स्पर्श न करना या उससे बातचीत नहीं करना
  • एक से अधिक देखभालकर्ता होना (विशेषकर जब देखभालकर्ता अपरिचित होता है)
  • ऐसी कोई भी स्थिति जिसमें देखभालकर्ताओं या अन्य किसी वयस्कों द्वारा बच्चे के साथ शारीरिक या भावनात्मक रूप से दुर्व्यवहार किया गया हो।

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रिएक्टिव अटैचमेंट डिसऑर्डर का इलाज क्या है? - Reactive Attachment Disorder Treatment in Hindi

रिएक्टिव अटैचमेंट डिसऑर्डर का इलाज अक्सर देखभाल करने वाले पर केंद्रित होता है। इसमें उन बातों या मुद्दों को पहचानकर सुलझाने की कोशिश की जाती है, जिनकी वजह से बच्चे से संबंध अच्छे नहीं बन पा रहे हों। यह काम एक काउंसलर करता है। इसके अलावा पेरेंटिंग स्किल्स में भी सुधार करने की कोशिश की जाती है। इससे बच्चे के साथ हेल्दी रिलेशन बनाने में मदद मिलती है। पेरेंटिंग का मतलब बचपन से वयस्कता तक बच्चे के शारीरिक, भावनात्मक, सामाजिक और बौद्धिक विकास को बढ़ावा देना और समर्थन करने की प्रक्रिया है।

उपचार में 'प्ले थेरेपी' भी शामिल हो सकती है। यह एक तरह की काउंसलिंग या साइकोथेरेपी है, जिसमें खेल की मदद से बच्चों को उनकी भावनाओं को व्यक्त करने या संवाद करने में मदद की जाती है।

आरएडी के उपचार के लिए कोई दवा नहीं है। हालांकि, डॉक्टर कभी-कभी व्यवहार संबंधी गंभीर लक्षणों (जैसे नींद न आना या अत्यधिक क्रोधित होना) के प्रबंधन के लिए कुछ दवाएं लिख सकते हैं।

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