रिफ्लेक्स सिम्पथैटिक डिस्ट्रॉफी सिंड्रोम - Reflex Sympathetic Dystrophy Syndrome in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

February 01, 2020

March 06, 2020

रिफ्लेक्स सिम्पथैटिक डिस्ट्रॉफी सिंड्रोम
रिफ्लेक्स सिम्पथैटिक डिस्ट्रॉफी सिंड्रोम

रिफ्लेक्स सिम्पथैटिक डिस्ट्रॉफी सिंड्रोम क्या है?

रिफ्लेक्स सिम्पथैटिक डिस्ट्रॉफी सिंड्रोम (आरएसडीएस) को कॉम्प्लेक्स रीजनल पेन सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। इसमें लंबे समय से दर्द रहता है जो कि आमतौर पर हाथ या पैर को प्रभावित करता है। आमतौर पर चोट, सर्जरी, स्ट्रोक या दिल के दौरे के बाद सीआरपीएस विकसित होता है।

यह एक असामान्य बीमारी है और अभी तक इसके कारण के बारे में पता नहीं चल पाया है। अगर उचित समय पर उपचार शुरू कर दिया जाए तो लक्षणों को नियंत्रित करने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। जल्द उपचार शुरू कर देने से कुछ मामलों में तेजी से सुधार पाया गया है।

रिफ्लेक्स सिम्पथैटिक डिस्ट्रॉफी सिंड्रोम के लक्षण :

इस बीमारी के संकेत और लक्षण इस प्रकार हैं :

  • आमतौर पर हाथ, पैर, बांह या टांग में लगातार जलन या ऐसा दर्द होना जैसे कोई हथौड़े से मार रहा हो।
  • ज्यादा ठंड लगना
  • दर्द वाले हिस्से में सूजन
  • कभी पसीना आना तो कभी ठंड लगने पर त्वचा का तापमान बदलना
  • त्वचा के रंग में बदलाव (सफेद, रंग-बिरंगे से लेकर लाल और नीला)
  • त्वचा की बनावट में परिवर्तन, इसमें प्रभावित हिस्से पर छूने पर दर्द, त्वचा पतली या चमकदार हो सकती है।
  • बालों और नाखून के विकास में बदलाव आना
  • जोड़ों में अकड़न, सूजन और उन्हें नुकसान पहुंचना
  • मांसपेशियों में ऐंठन, कंपकंपी और कमजोरी
  • शरीर के प्रभावित अंग को हिलाने की क्षमता में कमी आना

समय के साथ लक्षणों में बदलाव हो सकता है और हर व्यक्ति में लक्षण भिन्न हो सकते हैं। इस बीमारी की शुरुआत में आमतौर पर दर्द, सूजन, लालिमा, त्वचा के तापमान में बदलाव और हाइपरसेंसिटिविटी (खासतौर पर ठंड और स्पर्श के प्रति संवेदनशील होना) देखी जा सकती है।

कुछ समय के बाद प्रभावित अंग ठंडा और पीला पड़ सकता है। इसमें त्वचा और नाखून में बदलाव होने के साथ-साथ मांसपेशियों में ऐंठन और कठोरता हो सकती है। इन बदलावों के बाद स्थिति को ठीक करना मुश्किल हो सकता है।

कुछ मामलों में, इस बीमारी के संकेत और लक्षण अपने आप ही ठीक हो जाते हैं, जबकि कुछ में लक्षण कई महीनों या वर्षों तक बने रह सकते हैं।

रिफ्लेक्स सिम्पथैटिक डिस्ट्रॉफी सिंड्रोम का कारण

डॉक्टरों का मानना है कि सिम्पथैटिक नर्वस सिस्टम में गड़बड़ी के कारण सीआरपीएस होता है। सिम्पथैटिक नर्वस सिस्टम रक्त प्रवाह की गति को नियंत्रित करता है जिससे हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

चोट लगने पर सिम्पथैटिक नर्वस सिस्टम, रक्त वाहिकाओं को सिकुड़ने का निर्देश देता है, ताकि अधिक ब्लीडिंग न हो। हालांकि बाद में, यह उन रक्त वाहिकाओं को वापस से सामान्य स्थिति में आने के लिए निर्देश देता है ताकि खून उस खराब ऊतक को ठीक करने में मदद कर सके।

कभी-कभी चोट न लगने पर भी यह बीमारी हो सकती है। हालांकि, ऐसा दुर्लभ ही होता है। आरएसडीएस पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है। बच्चों को भी यह बीमारी हो सकती है, लेकिन आमतौर पर यह 30 से 60 वर्ष की उम्र के लोगों में होती है।

रिफ्लेक्स सिम्पथैटिक डिस्ट्रॉफी सिंड्रोम का इलाज

इस बीमारी के इलाज में उपयोगी दवाएं और थेरेपी निम्नलिखित हैं :

  • दर्द निवारक दवा
    हल्के दर्द और सूजन को कम करने के लिए ओटीसी पेन किलर (डॉक्टर के पर्चे के बिना ली जाने वाली दवा) ली जा सकती है। यदि ओटीसी दवाओं से मदद नहीं मिलती है, तो डॉक्टर तेज असर करने वाली दर्द निवारक दवा (जैसे ओपियोइड दवाएं) भी लिख सकते हैं।
     
  • अवसादरोधी दवाएं (एंटीडिप्रेसेंट्स)
    अगर क्षतिग्रस्त नस से दर्द हो रहा है तो कभी-कभी अवसादरोधी जैसे कि एमिट्रिप्टिलाइन और मिर्गीरोधी दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।
     
  • कोर्टिकोस्टेरोइड
    सूजन को कम करने और प्रभावित अंग की गतिशीलता में सुधार लाने के लिए स्टेरॉयड दवाएं जैसे कि प्रेडनिसोन ली जा सकती हैं।
     
  • हीट थेरेपी
    त्वचा पर सूजन और किसी भी तरह की दिक्कत से राहत पाने के लिए हीट थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।
     
  • फिजिकल थेरेपी
    दर्द को कम करने के लिए प्रभावित हिस्से से डॉक्टर की देखरेख में एक्सरसाइज करने से मदद मिल सकती है और उसमें मजबूती लाने एवं उस अंग को बिना किसी दिक्कत के हिलाने के लिए भी आप व्यायाम कर सकते हैं।

जितनी जल्दी इस बीमारी का निदान होगा, इलाज उठना ही असरदार तरीके से हो पायेगा।



रिफ्लेक्स सिम्पथैटिक डिस्ट्रॉफी सिंड्रोम के डॉक्टर

Dr. Vinayak Jatale Dr. Vinayak Jatale न्यूरोलॉजी
3 वर्षों का अनुभव
Dr. Sameer Arora Dr. Sameer Arora न्यूरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव
Dr. Khursheed Kazmi Dr. Khursheed Kazmi न्यूरोलॉजी
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Dr. Muthukani S Dr. Muthukani S न्यूरोलॉजी
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