रीनल आर्टरी स्टेनोसिस - Renal artery stenosis in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

December 01, 2020

December 20, 2023

रीनल आर्टरी स्टेनोसिस
रीनल आर्टरी स्टेनोसिस

रीनल आर्टरी स्टेनोसिस ऐसी स्थिति है, जिसमें गुर्दे तक रक्त पहुंचाने वाली रक्त वाहिकाएं संकुचित होने लगती हैं। ये रक्त वाहिकाएं किडनी तक रक्त पहुंचाती हैं, ताकि ये ठीक से काम कर सकें और अपशिष्ट पदार्थों और अतिरिक्त द्रव को शरीर से बाहर निकाल सकें। रीनल आर्टरी स्टेनोसिस से ग्रस्त लोगों को कुछ समय बाद हाई ब्लड प्रेशर और गुर्दे संंबंधी अन्य रोग होने लगते हैं।

रीनल आर्टरी स्टेनोसिस किसी भी उम्र में हो सकता है और कई बार लंबे समय तक इससे कोई लक्षण विकसित नहीं होते हैं। इसके अलावा कुछ मामलों में इस रोग में होने वाले लक्षण अन्य बीमारियों से मिलते-झुलते हैं, जिस कारण से इस स्थिति का पता लगाने में थोड़ी दिक्कत होती है।

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रीनल आर्टरी स्टेनोसिस के लक्षण - Renal artery stenosis Symptoms in Hindi

रीनल आर्टरी स्टेनोसिस से होने वाले लक्षण आमतौर स्थिति की गंभीर, रोग के अंदरूनी कारण और मरीज के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। कुछ मामलों में रीनल आर्टरी स्टेनोसिस से आमतौर पर तब तक किसी प्रकार के लक्षण विकसित नहीं होते हैं, जब तक स्थिति अधिक गंभीर न हो। कई बार तो किसी अन्य रोग की जांच करने के दौरान रीनल आर्टरी स्टेनोसिस का पता लग जाता है। सामान्य तौर पर रीनल आर्टरी स्टेनोसिस में निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं -

  • अचानक से रक्तचाप बढ़ जाना और अकारण स्थिति बदतर हो जाना
  • 30 साल की उम्र से पहले और 50 की उम्र के बाद हाई बीपी शुरू होना

जैसे-जैसे रीनल आर्टरी स्टेनोसिस को कुछ समय बीतता है, तो अन्य लक्षण भी विकसित होने लगते हैं जिनमें निम्न शामिल हैं -

  • हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल न कर पाना
  • संकुचित धमनी से रक्त दबाव के साथ निकलने पर असाधारण ध्वनि आना (जिसे स्टेथोस्कोप द्वारा सुना जाता है)
  • पेशाब में प्रोटीन का स्तर सामान्य से बढ़ जाना

इस स्थिति में गुर्दे ठीक से काम करना बंद कर देते हैं, जिससे अन्य लक्षण भी विकसित होने लगते हैं जैसे -

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आपको अचानक से हाई बीपी की समस्या होती है, तो यह रीनल आर्टरी स्टेनोसिस का संकेत हो सकता है और आपको डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए। कई बार रीनल आर्टरी स्टेनोसिस के लक्षण किसी अन्य बीमारी के जैसे होते हैं, इसलिए यदि आपको उपरोक्त में से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखा लें।

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रीनल आर्टरी स्टेनोसिस के कारण - Renal artery stenosis Causes in Hindi

रीनल आर्टरी स्टेनोसिस के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ के बारे में अभी तक सटीक जानकारी भी नहीं मिल पाई है। हालांकि, इसके अधिकतर मामले एथेरोस्क्लेरोसिस नामक रोग के कारण होते हैं, जिसमें धमनियां संकुचित हो जाती हैं व उनका अंदरूनी भाग सख्त हो जाता है। हालांकि, कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हैं, जो रीनल आर्टरी स्टेनोसिस का कारण बन सकती हैं -

  • हाई कोलेस्ट्रॉल
  • हाई बीपी
  • 50 साल से अधिक उम्र होना
  • डायबिटीज से ग्रस्त लोग

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इसके अलावा कुछ अन्य समस्याएं हैं, जो रीनल आर्टरी स्टेनोसिस का कारण बन सकती हैं, लेकिन बहुत ही कम मामलों में ऐसा हो पाता है। इनमें निम्न शामिल हैं -

  • फाइब्रोमस्क्युलर डिस्प्लेसिया - रक्त वाहिकाओं की अंदरूनी स्तर मोटी होने पर वाहिकाओं का संकुचित हो जाना।
  • आर्टराइटिस - धमनियों में सूजन व लालिमा हो जाना
  • डायसेक्शन - रक्तवाहिका का एक हिस्सा साथ वाले हिस्से में धंस जाना।

कुछ लोगों में रीनल आर्टरी स्टेनोसिस होने का खतरा विशेष रूप से रहता है। इन लोगों को अक्सर किसी अन्य बीमारी की जांच करवाते समय यह रोग मिलता है, इनमें निम्न शामिल हैं -

  • अधिक उम्र वाले व्यक्ति (वृद्ध)
  • महिलाएं (पुरुषों की तुलना में अधिक)
  • हाई बीपी के मरीज
  • रक्त वाहिकाओं से संबंधित रोग
  • लंबे समय से गुर्दे संबंधी रोग
  • धूम्रपान करने वाले लोग

रीनल आर्टरी स्टेनोसिस का परीक्षण - Diagnosis of Renal artery stenosis in Hindi

रीनल आर्टरी स्टेनोसिस के कुछ मामलों में विशेष रूप से शुरुआती अवस्था में किसी प्रकार के लक्षण नहीं होते हैं और ऐसी स्थिति का पता आमतौर पर किसी अन्य रोग के परीक्षण के दौरान ही चलता है। हालांकि, यदि मरीज को इससे समस्याएं हो रही है, तो डॉक्टर सबसे पहले मरीज के लक्षणों की जांच करते है और साथ ही उनकी स्वास्थ्य संबंधी पिछली स्थितियों के बारे में भी पूछा जाता है। यदि डॉक्टर ठीक से स्थिति का पता नहीं लगा रहे हैं, तो स्थिति की पुष्टि करने के लिए कुछ अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं -

(और पढ़ें - लैब टेस्ट क्या है)

रीनल आर्टरी स्टेनोसिस का इलाज - Renal artery stenosis Treatment in Hindi

रीनल आर्टरी स्टेनोसिस का इलाज स्थिति की गंभीरता और मरीज के स्वास्थ्य के अनुसार अलग-अलग तरीके के किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ मामलों में तो डॉक्टर मरीज का इलाज न करके कुछ समय के लिए स्थिति को निरीक्षण मे रखते हैं, क्योंकि ये मामले बिना इलाज के आहार में कुछ बदलावों के माध्यम से अपने आप ठीक हो जाते हैं। जिन मामलों में इलाज की जरूरत होती है उनका इलाज कुछ प्रकार की दवाओं और विशेष डाईट प्लान के साथ किया जाता है, जिनमें निम्न दवाएं शामिल हैं -

  • एंजियोटेंसिन 2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (ARBs)
  • कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स
  • एंजियोटेंसिन कन्वर्टिंग एंजाइम (ACE) इन्हीबिटर्स
  • अल्फा-बीटा-ब्लॉकर्स और बीटा-ब्लॉकर्स

डॉक्टर शरीर से अतिरिक्त द्रव को बाहर निकालने और सूजन को कम करने के लिए कुछ प्रकार की डाययुरेटिक्स दवाएं भी दे सकते हैं। ये दवाएं प्रिस्क्रिपशन और नॉन प्रिस्क्रिप्शन दोनों प्रकारों में उपलब्ध हैं, अर्थात् इन्हें डॉक्टर की पर्ची के साथ व उनके बिना भी मेडिकल स्टोर से लिया जा सकता है।

कुछ गंभीर मामलों में रीनल आर्टरी स्टेनोसिस का इलाज करने के लिए डॉक्टर सर्जरी करने पर भी विचार कर सकते हैं। ऐसा आमतौर पर स्थिति की गंभीरता और अंदरूनी कारणों पर ही निर्भर करता है। उदाहरण के लिए यदि किडनी की संरचना में कोई असामान्यता है, तो डॉक्टर सर्जरी की मदद से उसे ठीक करने की कोशिश कर सकते हैं।

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