जब बात सेहत पर असर डालने की आती है तो इस मामले में चीनी या शक्कर की प्रतिष्ठा अच्छी नहीं है और उसे स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालने के लिए जाना जाता है। आपको बता दें कि ज्यादा चीनी का सेवन करने से इन्फ्लेमेशन (आंतरिक सूजन), उच्च रक्तचाप और फैटी लिवर जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन अब अनुसंधानकर्ताओं ने चीनी की अधिक मात्रा का सेवन करने से व्यवहार संबंधी किस तरह की समस्याएं हो सकती हैं इस बारे में बताया है।

ज्यादा मात्रा में फ्रुक्टोज व्यवहार संबंधी विकार बढ़ा सकता है 
कोलोराडो विश्वविद्यालय ऐन्शूट्स मेडिकल कैंपस के शोधकर्ताओं के एक समूह ने अनुमान प्रस्तुत किया है जिसमें बताया गया है कि बहुत ज्यादा मात्रा में फ्रुक्टोज़ (फलों में पायी जाने वाली एक तरह की चीनी या उच्च फ्रुक्टोज़ कॉर्न सिरप जो प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में स्वीटनर के तौर पर मिलाया जाता है) लेने से व्यक्ति में व्यवहार संबंधी विकार बढ़ सकते हैं जिसमें- आक्रामकता (अग्रेशन), अटेंशन डेफेसिट हाइपरऐक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) और बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी समस्याएं शामिल हैं। इस स्टडी को इवोल्यूशन एंड ह्यूमन बिहेवियर नाम के जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

(और पढ़ें - मीठे की लत से छुटकारा पाने के सरल तरीके)

फ्रुक्टोज और व्यवहार में परिवर्तन के बीच संबंध
फ्रुक्टोज, प्राकृतिक रूप से पायी जाने वाली चीनी है जिसे हम शहद, फल, फलों के रस और सब्जियों से प्राप्त करते हैं। उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप, जो एक कृत्रिम स्वीटनर है वह प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में मौजूद होता है जिसमें डिब्बाबंद फल, कैंडीज और सॉफ्ट ड्रिंक जैसी चीजें शामिल हैं। इससे पहले हुए अध्ययनों में सुझाव दिया गया था कि फ्रुक्टोज का सेवन मोटापा और मेटाबॉलिक सिंड्रोम से जुड़ा हो सकता है क्योंकि यह शरीर में एक फोरेजिंग प्रतिक्रिया को शुरू करता है जो भुखमरी या उपवास के दौरान होने वाली प्रतिक्रिया के समान है। 
(फोरेजिंग व्यवहार या प्रतिक्रिया में वे सभी विधियां शामिल हैं जिनके द्वारा एक जीव ऊर्जा और पोषक तत्वों के स्रोतों का अधिग्रहण और उपयोग करता है।)

(और पढ़ें - ये हैं चीनी के 5 प्राकृतिक सबस्टिट्यूट, नहीं होगा कोई नुकसान)

भोजन की कमी होने पर शरीर वसा पर निर्भर होता है 
जब शरीर में भोजन की कमी होती है तो ऐसे समय में, हमारा शरीर पहले चीनी, फिर वसा और फिर प्रोटीन का उपयोग करता है। चूंकि प्रोटीन शरीर का निर्माण खंड है, इसलिए मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है और साथ ही में शरीर के सामान्य कामकाज के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण प्रोटीन की भी हानि हो सकती है। इसलिए हमारा शरीर प्रोटीन के संरक्षण और समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भुखमरी की स्थिति में वसा पर निर्भर होने की कोशिश करता है।

ग्लूकोज ऊर्जा पैदा करता है और फ्रुक्टोज ऊर्जा को नष्ट
फ्रुक्टोज का मेटाबॉलिक रास्ता ग्लूकोज से अलग है जो हमारे शरीर में मौजूद मुख्य शर्करा है। यह मार्ग ऊर्जा को नष्ट करता है (ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म के विपरीत जो ऊर्जा पैदा करता है) और लिवर में यूरिक एसिड के उत्पादन और अधिक वसा के भंडारण का कारण बनता है। अध्ययनों से पता चलता है कि फ्रुक्टोज का सेवन करने के कुछ ही मिनटों के भीतर सीरम यूरिक एसिड में तेजी से बढ़ोतरी होती है और यही वो यूरिक एसिड है जो मेटाबॉलिक गड़बड़ी का कारण बनता है। ऐसा देखने में आया है कि यूरिक एसिड के लेवल को कम करने से मेटाबॉलिक सिंड्रोम के शुरुआती लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।

(और पढ़ें - यूरिक एसिड के घरेलू उपाय और नुस्खे)

उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप के सेवन से कई बीमारियों का खतरा
कोलोराडो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की मौजूदा स्टडी के अनुसार, फ्रुक्टोज के कम या थोड़ा बहुत सेवन करने से भले ही भुखमरी के दुष्प्रभावों से शरीर की रक्षा हो पाए लेकिन फ्रुक्टोज का अत्यधिक सेवन, विशेष रूप से उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप का सेवन, लालसा या प्रबल इच्छा, जोखिम लेना, आवेग और आक्रामकता को उत्तेजित करता है और साथ ही में एडीएचडी और बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी समस्याओं के जोखिम को भी बढ़ाता है। लंबे समय तक और अत्यधिक फ्रुक्टोज के सेवन से डिप्रेशन भी हो सकता है।

(और पढ़ें - ज्यादा मीठा खाने से जल्दी हो सकती है मौत)

हालांकि, अध्ययन के लेखकों ने उल्लेख किया कि फ्रुक्टोज का अधिक सेवन और व्यवहार संबंधी विकारों के बीच यह लिंक मानसिक स्वास्थ्य के लिए मौजूद अन्य जोखिम कारकों जैसे कि भावनात्मक, पारिवारिक, पर्यावरण संबंधी और आनुवांशिक कारणों का खंडन नहीं करता।

फ्रुक्टोज के सेवन को कैसे करें कम
गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी नाम की पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, महज 9 दिनों तक फ्रुक्टोज का सेवन कम करने से सेहत और मेटाबॉलिज्म पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव देखने को मिल सकता है। हालांकि, फ्रुक्टोज का सेवन कम करने के लिए आपको अपनी डाइट में से फलों और सब्जियों को हटाने की जरूरत नहीं क्योंकि इनमें केवल फ्रुक्टोज ही नहीं होता बल्कि कई जरूरी पोषक तत्व भी होते हैं। हालांकि, इन सारी चीजों का भी सीमित मात्रा में सेवन करने की सिफारिश की जाती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि किसी व्यक्ति को रोजाना लगभग 5 सर्विंग्स (80 ग्राम प्रत्येक) फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए।

(और पढ़ें - मीठा खाने के बाद प्यास क्यों लगती है, जानें कारण)

अपनी डाइट से फल और सब्जियों को हटाने की बजाए इन तरीकों से फ्रुक्टोज के सेवन को कम कर सकते हैं:

  • डिब्बाबंद फलों और सब्जियों और बोतलबंद जूस जैसे प्रोसेस्ड खाद्य और पेय पदार्थों का सेवन कम से कम करें।
  • कोल्ड ड्रिंक और सॉफ्ट ड्रिंक जैसे पेय पदार्थों का सेवन भी कम करें।
  • पैक्ड खाद्य पदार्थ खरीदते समय हमेशा सामग्री की सूची देखें। जिन चीजों में बहुत अधिक चीनी या उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप हो उन चीजों को खरीदने से बचें।
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ