अपामार्ग बेहद प्रभावशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में से एक है जिसका इस्तेमाल एक खास तरह की आयुर्वेदिक दवाई बनाने के लिए किया जाता है जिसे क्षारसूत्र कहते हैं। क्षार का वर्णन कई आयुर्वेदिक ग्रन्थों में मिलता है और विभिन्न रोगों के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जाता है। सर्जरी से जुड़ी प्रक्रियाओं में भी क्षार का व्यापक रूप से इस्तेमाल होता है खासकर भगन्दर (फिस्टुला) और फोड़े-फुंसी के इलाज में। 

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अपामार्ग का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है जिसका इस्तेमाल किडनी की बीमारियों में, कॉलरा, दांत में दर्द, बवासीर, मूत्र रोग, पेट और पाचन से जुड़ी बीमारियों, मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना जैसी समस्याओं में किया जाता है। यह बेहद साधारण पौधा है जो उष्णकटिबंधीय जलवायु में पैदा होता है और हर जगह मिल जाता है। इस पौधे की सबसे बड़ी पहचान ये है कि जब आप इस पौधे की झाड़ियों से गुजरते हैं तो इसके छोटे-छोटे चूभने वाले कांटेदार फल या बीज आपके पैरों और कपड़ों में चिपक जाते हैं और इनकी नोख सुई की तरह बेहद तेज होती है इसलिए इन्हें निकालने भी बेहद मुश्किल होता है।

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अपामार्ग के कौन-कौन से फायदे हैं और इसका सेवन करने से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं, इस बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं।

  1. अपामार्ग के विभिन्न नाम - Achyranthes aspera names in hindi
  2. अपामार्ग के प्रकार - Types of apamarg (latjeera) in hindi
  3. अपामार्ग के फायदे - Latjeera ke fayde
  4. अपामार्ग के नुकसान - Latjeera ke side effects
  5. अपामार्ग की तासीर - Latjeera ki taseer
अपामार्ग के फायदे और नुकसान के डॉक्टर

वानस्पतिक नाम : एकायरेन्थिस एस्पेरा
अंग्रेजी नाम : प्रिकली चाफ फ्लावर
हिंदी नाम : अपामार्ग, लटजीरा, चिरचिटा, चिरचिरा, चिचड़ा  
संस्कृत नाम : शिखरी, अधशल्य, मयूरक, मर्कटी

अपामार्ग मुख्य रूप से 2 तरह का होता है :

  • सफेद अपामार्ग - इसकी डंठल हरी और पत्तियां भूरी व सफेद रंग की होती हैं और इस पर जौ के समान लंबे बीज होते हैं।
  • लाल या रक्त अपामार्ग - इसकी डंठल लाल रंग की होती है और पत्तियों पर भी लाल रंग के छींटे होते हैं।

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अपामार्ग की पत्तियां, जड़, बीज और यहां तक की पूरे पौधे का भी विभिन्न बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर यह पौधा किन बीमारियों को दूर करने में मदद करता है, जानें-

अपामार्ग के फायदे दांत में दर्द के लिए - Latjeera ke fayde dant dard ke liye

अपामार्ग, दांतों में दर्द और मसूड़ों से खून आने की समस्या का बेहतरीन हर्बल इलाज है। आप चाहें तो अपामार्ग की डंठल या जड़ों का इस्तेमाल कर उनसे दातुन कर सकते हैं। ऐसा करने से मसूड़े टाइट हो जाते हैं। इसके अलावा अपामार्ग की पत्तियों और जड़ों को सुखाकर पीस लें और उसका पाउडर बना लें और इस पाउडर में चुटकी भर नमक मिलाकर उससे भी रोजाना ब्रश करने से दांत में दर्द की समस्या ठीक हो जाती है।

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अपामार्ग के फायदे पेट की बीमारियों के लिए - Latjeera ke fayde pet ki bimari ke liye

अपामार्ग को पेट साफ करने वाली औषधि के रूप में जाना जाता है जो आंत में किसी तरह के इंफेक्शन और कीड़ों को दूर करने में मदद करता है। ऐसे में लंबे समय तक उल्टी आने और जी मिचलाने की समस्या को भी दूर कर सकता है अपामार्ग। अपामार्ग की पत्तियों का जूस पेट में दर्द की समस्या को दूर कर सकता है। इसके लिए अपामार्ग की पत्तियों का 1 चम्मच जूस, 4 चम्मच पानी में मिलाकर रोजाना एक बार सेवन करें, पेट दर्द में आराम मिलेगा।

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अपामार्ग के फायदे स्किन इंफेक्शन दूर करने में - Skin infection door karne me Latjeera faydemand

अपामार्ग बेहद शक्तिशाली और असरदार डीटॉक्सिफाइंग जड़ी बूटी है जो अंदर से शरीर की सफाई कर बीमारियों को दूर करने में मदद करती है। अगर किसी को एक्जिमा, त्वचा पर घाव, स्किन इंफेक्शन, फोड़े-फुंसी या कोई और संक्रमण हो जाए तो इसके लिए अपामार्ग की पत्तियों को पीसकर उसका पेस्ट बना लें और उसके स्किन पर लगाएं। इससे भी स्किन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके अलावा अपामार्ग खून को भी साफ करता है जिससे स्किन पर खुजली और चक्त्ते की समस्याएं नहीं होती।

(और पढ़ें - खून साफ करने के घरेलू उपाय)

खांसी-जुकाम में अपामार्ग के फायदे - Latjeera ke fayde khansi zukham me

सर्दी-जुकाम और खांसी की समस्या होने पर अपामार्ग का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए अपामार्ग की पत्तियों या फूल को पानी में मिलाकर उसे उबालें और उसका अर्क या काढ़ा तैयार कर लें। इस अर्क का दिन में दो बार सेवन करने से खांसी-जुकाम में आराम मिलता है। इसके अलावा अपामार्ग की पत्तियों के रस या पाउडर को शहद के साथ मिलाकर चाटने से भी श्वास नली और छाती में जमा कफ निकल जाता है जिससे खांसी जल्दी ठीक हो जाती है।

(और पढ़ें- काढ़ा बनाने की विधि, फायदे-नुकसान)

अपामार्ग के फायदे बवासीर के लिए - Latjeera benefits for piles in hindi

अगर किसी व्यक्ति को बवासीर या पाइल्स की समस्या हो तो उनके लिए भी अपामार्ग फायदेमंद आयुर्वेदिक उपाय साबित हो सकता है। अपामार्ग के बीजों को पीसकर रोजाना की डाइट में शामिल करें और उसका सेवन करें या फिर अपामार्ग की ताजी पत्तियों को धोकर अच्छे से साफ कर लें ताकि उसमें किसी तरह की गंदगी न रहे। फिर पानी के साथ मिलाकर पत्तियों का पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को प्रभावित हिस्से पर लगाएं। ऐसा करने से भी बवासीर की समस्या में आराम मिलेगा।

(और पढ़ें- बवासीर का घरेलू उपाय)

डायबिटीज में फायदेमंद है अपामार्ग - Latjeera benefits for diabetes in hindi

अपामार्ग एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसमें एंटीडायबिटिक इफेक्ट पाया जाता है और इसलिए यह ब्लड शुगर को कम करने में मददगार साबित हो सकती है। इसके फूलों का इस्तेमाल प्राचीन काल से डायबिटीज का इलाज करने में किया जा रहा है। अपामार्ग के फूलों में एथेनॉल तत्व पाया जाता है जो ऐंटीडायबिटिक ऐक्टिविटी में मददगार है। ऐसे में अपामार्ग के फूलों को पीसकर उसका जूस निकाल लें और रोजाना एक चम्मच जूस का सेवन करें। शुगर लेवल कम करने में मदद मिलेगी।

(और पढ़ें- ब्लड शुगर कम होने पर क्या करें)

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अपामार्ग के फायदे हृदय रोग दूर करने के लिए - Latjeera benefits for heart disease in hindi

अपामार्ग हृदय की स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करता है क्योंकि यह ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट पहुंचाने वाले बढ़े हुए बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इसके लिए अपामार्ग के पौधे के 5 एमएल निचोड़ का रोजाना दिन में एक बार सेवन करें।

(और पढ़ें- कोलेस्ट्रॉल डाइट चार्ट)

किडनी की बीमारियां दूर करने में फायदेमंद है अपामार्ग - Latjeera benefits for kidney disease in hindi

अपामार्ग एक बेहतरीन मूत्रवर्धक है जो किडनी या यूरिनरी ब्लैडर में अगर किसी तरह की स्टोन की समस्या हो तो उसे आसानी से तोड़कर शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। इसके अलावा अगर किडनी या मूत्राशय में इंफेक्शन से जुड़ी कोई समस्या हो जो व्यक्ति को प्रभावित कर रही हो तो उसे भी दूर करने में फायदेमंद है अपामार्ग। इसके लिए अपामार्ग की पत्तियों को पीसकर उसका जूस निकाल लें और आधा चम्मच जूस का रोजाना सेवन करें।

(और पढ़ें - किडनी स्टोन (पथरी) के घरेलू उपाय)

  • अपामार्ग का इस्तेमाल करते वक्त इसकी डोज यानी खुराक का बहुत ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है क्योंकि अपामार्ग के ओवरडोज यानी बहुत अधिक मात्रा में सेवन करने से जी मिचलाने और उल्टी आने की समस्या हो सकती है।
  • गर्भवती महिलाओं और बच्चों को अपना दूध पिलाने वाली महिलाओं को अपामार्ग के सेवन से बचना चाहिए। यह उनके लिए सुरक्षित नहीं माना जाता।
  • अगर कोई व्यक्ति खासकर पुरुष, अगर बांझपन से जुड़ी समस्या का इलाज करवा रहा हों तो उन्हें भी अपामार्ग के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
  • 12 साल से कम उम्र के बच्चों को अपामार्ग न दें या फिर अगर देना ही हो तो चिकित्सीय सलाह लेने के बाद ही बेहद कम मात्रा में दें।
  • अपामार्ग की तासीर गर्म होती है इसलिए इसकी पत्तियों या जड़ के पेस्ट को स्किन पर सीधे लगाने की बजाए इसे पानी या दूध जैसे किसी भी ठंडे तत्व के साथ मिलाकर इस्तेमाल करना चाहिए।

इसका स्वाद कसैला और कड़वा होता है और इसकी तासीर गर्म होती है। यह कफ और वात दोष को संतुलित करने में मदद करता है।

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