इस बात को ज्यादातर लोग मानेंगे कि पिछले 7 महीने से भी ज्यादा समय से जारी कोविड-19 महामारी के इस दौर में इंफेक्शन से खुद को बचाने के लिए हैंड सैनिटाइजर हमारे जीवन का सबसे अहम हिस्सा बन गया है। इसके अलावा जो चीज इस बेहद संक्रामक बीमारी से बचने के लिए जरूरी है वो है- मास्क और दो गज की दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग)। 

ज्यादा सैनिटाइजर के इस्तेमाल से हो सकता है हैंड डर्मेटाइटिस
इस बात को काफी लंबा समय हो गया, जब से हैंड सैनिटाइजर्स का इस्तेमाल अनिवार्य हो गया है। खासकर घर के बाहर जहां साबुन और पानी से हाथों को अच्छी तरह से धोने की व्यवस्था नहीं है वहां पर तो वायरस से बचने के लिए हैंड सैनिटाइजर के अलावा कोई और विकल्प भी नहीं है। अब तक जितनी भी चिकित्सा रिपोर्ट सामने आयी हैं, उसके नतीजों से यही पता चलता है कि 70 प्रतिशत अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर को नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ बेहद असरदार माना जाता है। इस कारण लोग सैनिटाइजर का बहुत ज्यादा इस्तेमाल भी करने लगे हैं। लेकिन आपके लिए यह जानना जरूरी है कि अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का अत्यधिक इस्तेमाल करने से हाथों को नुकसान पहुंचता है और हैंड डर्मेटाइटिस जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। त्वचा में होने वाली जलन और लालिमा को सामान्यतः डर्मेटाइटिस कहा जाता है। 

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स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह- ज्यादा सैनिटाइजर यूज न करें
इसके अलावा बहुत ज्यादा सैनिटाइजर इस्तेमाल करने वाले लोगों को हाथों की त्वचा में रूखापन, जलन और त्वचा की लालिमा के साथ-साथ दरार या रक्तस्राव जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। एक्सपर्ट्स ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य मंत्रालय का भी यही मानना है कि लोगों को हैंड सैनिटाइजर के अत्यधिक इस्तेमाल से बचना चाहिए। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सुविधाओं के एडिशनल डायरेक्टर जनरल डॉ आर के वर्मा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया, 'लोगों को हैंड सैनिटाइजर का बहुत अधिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि सैनिटाइजर के ज्यादा इस्तेमाल से हाथों में मौजूद गुड बैक्टीरिया जो त्वचा की सेहत को बनाए रखने में मदद करते हैं उनका भी खात्मा हो जाता है।' लिहाजा डॉ वर्मा की यही सलाह है कि साबुन-पानी का इस्तेमाल सैनिटाइजर की तुलना में ज्यादा बेहतर विकल्प है हाथों को साफ बनाए रखने के लिए।

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जेल बनाम लिक्विड सैनिटाइजर
हैंड सैनिटाइजर जेल और लिक्विड दोनों तरह के फॉर्म में आते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कहें तो जेल और लिक्विड दोनों ही सैनिटाइजर कोविड-19 वायरस के खिलाफ समान रूप से असरदार हैं, अगर आप अच्छी तरह से उनसे अपने हाथों की पूरी सतह को कवर करें, उंगलियों के बीच में और नाखूनों के नीचे मसाज करें। सैनिटाइजर का सबसे अहम तत्व है अल्कोहल कॉन्टेंट। अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) का सुझाव है कि सभी अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइजर में 60 प्रतिशत या उससे अधिक इथेनॉल कॉन्टेंट होना चाहिए। 

जेल बनाम लिक्विड हैंड सैनिटाइजर पर किए गए अध्ययनों में कहा गया है कि वायरस या बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए लिक्विड कीटाणुनाशक तेजी से काम करता है, करीब 15 सेकंड की दर से, जबकि जेल सैनिटाइज़र को करीब 30 सेकंड तक हाथों पर रगड़ने की जरूरत होती है। जेल को हाथों पर सूखने में ज्यादा समय लगता है। साथ ही यह भी देखने में आया है कि लिक्विड हैंड सैनिटाइजर, जेल की तुलना में स्किन पर कम अवशेष छोड़ता है। हालांकि सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने वाले कुछ उपयोगकर्ताओं ने लिक्विड सैनिटाइज़र की तुलना में जेल सैनिटाइजर को संभालना और हाथों में फैलाना ज्यादा आसान पाया है। 

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सैनिटाइजर यूज करते वक्त इन बातों का ध्यान रखें
1. सीमित मात्रा में इस्तेमाल करें

किसी भी चीज की अति बुरी होती है और ऐसा ही कुछ सैनिटाइजर्स के साथ भी है। अगर आप सीमित मात्रा में इसका इस्तेमाल करेंगे तो यह वायरस, बैक्टीरिया और रोगाणुओं के खिलाफ बेहद असरदार साबित हो सकता है लेकिन अगर बहुत ज्यादा मात्रा में सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाए तो यह हाथों की स्किन को नुकसान पहुंचाकर डर्मेटाइटिस जैसी बीमारियां भी दे सकता है।

2. हैंड सैनिटाइजर में केमिकल की मौजूदगी
हैंड सैनिटाइडर में एथेनॉल या रबिंग अल्कोहल के अलावा भी कई अनचाहे केमिकल्स होते हैं और अगर सैनिटाइजर का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किया जाए तो यह स्किन के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। हर व्यक्ति के स्किन का टेक्सचर अलग-अलग होता है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति की स्किन ज्यादा सेंसिटिव हो तो उसकी स्किन पर इन केमिकल्स का ज्यादा बुरा असर पड़ सकता है। 

3. बैक्टीरिया और वायरस के स्किन में प्रवेश का खतरा
सैनिटाइजर का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाए तो इससे स्किन में मौजूद नैचरल ऑयल भी खत्म हो जाते हैं, जिससे स्किन ढीली हो जाती है। इस कारण स्किन में क्रैक्स आ जाते हैं यानी स्किन फटने लगती है, जिससे बैक्टीरिया और वायरस को शरीर के अंदर घुसने का आसान रास्ता मिल जाता है। 

सैनिटाइजर यूज से हाथ हुए रूखे तो क्या करें
चूंकि कोविड-19 से बचने के लिए इस वक्त हाथों की साफ-सफाई बेहद जरूरी है, इसलिए बार-बार सैनिटाइजर और साबुन-पानी का इस्तेमाल करने की वजह से आपके हाथ बहुत ज्यादा रूखे हो गए होंगे और स्किन में दरार भी आ गई होगी। ऐसे में हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं :

हैंड क्रीम यूज करें लोशन नहीं- हाथ धोने के बाद अपने हाथों को पूरी तरह से न सुखाएं बल्कि जब हाथों पर हल्की नमी बनी रहे उसी वक्त हाथों पर हैंड क्रीम लगा लें। यह क्रीम आपके लोशन की तुलना में ज्यादा गाढ़ी होती है और इसलिए यह क्रीम त्वचा में पानी को सील करने में मदद करती है। क्रीम की एक अच्छी मात्रा लें और इसे धीरे से अपनी हथेली पर, उंगलियों के बीच में, अपने हाथ के पीछे, नाखूनों की सतह पर और अपनी कलाई पर रगड़ें।

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सही साबुन और गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें - अगर आप घर के बाहर हैं जहां पानी की व्यवस्था नहीं है तो वहां पर सैनिटाइजर इस्तेमाल करने के अलावा आपके पास कोई और विकल्प नहीं है लेकिन अगर आप घर पर हैं तो सैनिटाइजर की बजाए साबुन-पानी से हाथ धोएं। लिहाजा ऐसे साबुन का चुनाव करें जो कम अल्कलाइन हो और सौम्य हो और बहुत ज्यादा साबुन लगाने की बजाए उतना ही साबुन लें जिससे हाथों की पूरी सतह ढक जाए। ज्यादा ठंडा या गर्म पानी भी स्किन को ड्राई कर सकता है। इसलिए हाथ धोने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। 

ग्लव्स का इस्तेमाल करें - घर में किए जाने वाले ऐसे कई काम हैं जिन्हें करते वक्त आप ग्लव्स पहन सकते हैं। बर्तन धोते समय या कपड़े धोते समय आप चाहें तो यूटिलिटी ग्लव्स पहन सकते हैं क्योंकि इन कामों की वजह से आपके हाथ लंबे समय तक पानी और क्लीनिंग एजेंट में मौजूद हानिकारक रसायनों के संपर्क में रहते हैं और इससे भी हाथों को नुकसान पहुंचता है। अगर आपके पास यूटिलिटी ग्लव्स न हो तो आप प्लास्टिक ग्लव्स भी यूज कर सकते हैं।

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