सफेद रक्त कोशिकाएं, रक्त में मौजूद एक प्रकार की कोशिकाएं होती हैं। यह शरीर को संक्रामक रोगों और बाहरी हानिकारक प्रभावों से रक्षा करने वाली कोशिकाएं होती हैं। अगर आपके रक्त में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाए, तो आप कई तरह के रोगों की चपेट में आ सकते हैं। रोगों से बचाव के लिए आपको इनका स्तर सामान्य रखने की आवश्यकता होती है। यह कोशिकाएं प्रतिरक्षा तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जाती हैं। अगर आप इनके स्तर को बढ़ाने के बारे में जानना चाहते हैं, तो आगे आपको सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के उपाय, तरीके और घरेलू नुस्खों के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है।

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  1. सफेद रक्त कोशिकाएं क्या हैं और इनका कार्य - What are white blood cells and their function in hindi
  2. सफेद रक्त कोशिकाएं बढ़ाने का तरीका है विटामिन ई - Increase white blood cells count with Vitamin E in Hindi
  3. सेलेनियम से बढ़ाएं श्वेत रक्त कोशिकाएं - Selenium for increasing white blood cells in Hindi
  4. सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाता है विटामिन सी - Vitamin C increases white blood cells in Hindi
  5. सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने का उपाय है ब्रोकली - Eat broccoli to increase white blood cells count in Hindi
  6. श्वेत रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने का तरीका है लाल शिमला मिर्च - Red capsicum to increase white blood cells in Hindi
  7. पालक के सेवन से बढ़ाएं श्वेत रक्त कोशिकाएं - Have spinach to increase WBC count in Hindi
  8. दही से करें सफेद रक्त कोशिकाओं में वृद्धि - Increase white blood cells by eating curd in Hindi
  9. सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के लिए पीएं ग्रीन टी - Drink green tea to improve WBC count in Hindi
  10. सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने का आसान तरीका है बादाम - Increase white blood cells by having almonds in Hindi
  11. लहसुन से करें सफेद रक्त कोशिकाओं में बढ़ोतरी - Include garlic in your diet to increase white blood cells in Hindi
  12. सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के लिए उयोगी सुझाव - Useful tips to increase white blood cells count in Hindi
  13. सफेद रक्त कोशिकाओं के प्रकार - Type of white blood cells count in Hindi

सफेद रक्त कोशिकाएं रक्त में मौजूद होती हैं। इनको ल्युकोसाइट्स भी कहा जाता है। श्वेत रक्त कोशिका मुख्यतः पांच प्रकार की होती हैं। जिनकी निर्माण अस्थि मज्जा में होता है। यह कोशिकाएं लगातार बनती और नष्ट होती रहती हैं। सफेद रक्त कोशिकाएं आपके रक्त में थक्का नहीं बनने देती हैं और एंटीबॉडीज का निर्माण कर रोग के जीवाणुओं को नष्ट करने का काम करती हैं। इसके अलावा यह कोशिकाएं संक्रमण को दूर करने व प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती प्रदान करने का कार्य करती हैं।

एक स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या 4000 से 11000 प्रति माइक्रोलीटर होती है। अगर रक्त में सफेद रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाए तो इसको ल्यूकेमिया या ब्लड कैंसर कहा जाता है। इसके अलावा सफेद रक्त कोशिकाओं की कमी से आपको एड्स और हैपेटाइटिस होने का भी खतरा बना रहता है। लेकिन कुछ घरेलू उपायों की मदद से आप सफेद रक्त कोशिकाओं के स्तर को बढ़ा सकते है, बल्कि इसको सामान्य भी रख सकते हैं। आगे जानते हैं इनको बढ़ाने के घरेलू उपाय और तरीके क्या हैं।

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विटामिन ई सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे प्रतिरक्षा और एंटीऑक्सीडेंट के स्तर में बढ़ोतरी होती है। विटामिन ई मुख्य रूप से कैंसर कोशिकाओं और घातक जीवाणुओं को नष्ट करने वाली कोशिकाओं के उत्पादन में सहायक होता है। वृद्धावस्था में प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो जाता है, ऐसे में विटामिन ई को लेने से उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली दोबारा से दुरुस्त हो जाती है।  

एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन ई को लेने से दिल का दौरे के खतरे को करीब 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक आहार में रोजाना 60 मिलीग्राम विटामिन ई लेना चाहिए। अनाज और बीजों से आप इसकी उचित मात्रा की पूर्ति कर सकते हैं। वहीं यदि आप शराब व धूम्रपान करते हैं और व्यायाम नहीं करते, तो आपको अपने प्रतिरक्षा तंत्र को सही रखने के लिए विटामिन ई की प्रतिदिन 40 से 100 मिलीग्राम मात्रा लेने की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही आप सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने पर विचार न भी कर रहें हों तो भी विटामिन ई का सेवन करना आप सभी लोगों के लिए बेहतर माना जाता है।

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श्वेत रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में सेलेनियम आपकी सहायता करता है। एक रिसर्च में पाया गया कि यह एंटीऑक्सीडेंट संक्रमण से लड़ने में आपके शरीर की मदद करता है। दवाइयों के द्वारा वृद्ध व्यक्तियों की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनाने की अपेक्षा सेलेनियम और जस्ता (जिंक) को साथ में देने से ज्यादा बेहतर परिणाम मिलते हैं। संक्रमण के कारण होने वाले अस्थमा और जीवाणु रोधी प्रतिक्रिया में सेलेनियम प्रभावी रूप से कार्य करता है। इस कारण श्वेत रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के उपयों में इसको एक बेहतर विकल्प माना जाता है।

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विटामिन सी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए जरूरी माना जाता है। इसको आप फलों से प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यतः नींबू और संतरे में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इस विटामिन को दवा के रूप में भी लिया जा सकता है, लेकिन यह दवाएं महंगी होती हैं। विटामिन सी न सिर्फ रक्त में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाता हैं, बल्कि यह आपके एंटीबॉडीज को बढ़ाकर कई तरह के बैक्टीरिया से लड़ने में शरीर की मदद करता है। लेकिन प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए अपने आहार में विटामिन सी की अधिक मात्रा लेना सही नहीं होगा। विशेषज्ञों के अनुसार एक व्यक्ति को प्रतिदिन करीब 200 मिलीग्राम विटामिन सी ही लेना चाहिए। इसको आप सामान्यतः फलों के रस से प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप इसको दवा के रूप में लेना चाहते हैं, तो इसको लेने से पहले आपको डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए।

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ब्रोकली शरीर में खनिज और कई विटामिन की पूर्ति करती है। इसमें विटामिन ई, सी और ए के अलावा अन्य कई एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं। यह सब्जी हर किसी को अपने भोजन में शामिल करनी चाहिए। इससे प्रतिरक्षा तंत्र बेहतर बनाता है। इसको गैस पर कम पकाने से इसके पोषक तत्व बरकरार रहते है। ब्रोकली को आप सलाद के रूप में कच्चा भी खा सकते है। सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के अतिरिक्त भी आप इस सब्जी का सेवन कर सकते हैं, यह आपके लिए हर तरह से फायदेमंद साबित होती है।

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श्वेत रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के लिए आपको लाल शिमला मिर्च का सेवन करना चाहिए। शरीर की विटामिन सी की जरूरत को पूरा करने के लिए दिन में दो बार लाल शिमला मिर्च का सेवन किया जा सकता है। यह विटामिन सी के अलावा बीटा कैरोटिन का भी मुख्य स्त्रोत होती है। विटामिन सी और बीटा कैरोटिन आपकी त्वचा और आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर मानी जाती है। इससे आपकी आंखे लंबे समय तक ठीक रहती हैं।

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पालक में विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स और बीटा कैरोटिन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन से प्रतिरक्षा तंत्र बाहरी संक्रमण और जीवाणुओं से लड़ने के लिए मजबूत बनता है। ब्रोकली की तरह पालक को भी गैस पर थोड़ी देर के लिए ही पकाना चाहिए। इससे पालक के सभी पौष्टिक तत्व बरकरार रहते हैं। कम पकाने से पालक में विटामिन ए की मात्रा पर्याप्त बनी रहती है। पालक का जूस बनाकर भी आप पी सकते हैं।

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यह तो सभी जानते हैं कि दही का नियमित सेवन करना चाहिए, लेकिन इस बात को कोई नहीं बता पाता है कि दही में क्या गुण मौजूद होते हैं। आपको बता दें कि दही में विटामिन डी की मात्रा पाई जाती है। विटामिन डी कई रोगों से आपके शरीर की रक्षा करता है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है। इसके नियमित सेवन से आप अंदुरुनी रूप से स्वस्थ बनते हैं और सर्दी व भीड़ के कारण होने वाले बैक्टीरिया से सुरक्षित रहते हैं। इसके लिए आपको बिना मिलावट वाले दूध से बने दही का सेवन करना चाहिए, क्योंकि मिलावटी दूध से बना दही आपको पूरी तरह से फायदे नहीं दे पाएगा।

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ग्रीन टी और काली चाय (ब्लैक टी) दोनों ही आपके स्वास्थ्य के लिए जरूरी मानी जाती हैं। इनमें फ्लैवोनॉइड और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाने का काम करते हैं। बीते वर्षों में हुई एक रिसर्च में इस बात का पता लगा कि लंबे समय तक इन दोनों का सेवन करना आपकी सेहत के लिए अच्छा होता है। इनके सेवन से आप कैंसर और अन्य हृदय संबंधी बीमारियों के खतरों से सुरक्षित रहते हैं। प्रतिरक्षा प्रक्रिया से संबंधी किसी भी प्रकार समस्या में भी आप इन चायों का सेवन कर सकते हैं। यह सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के लिए उपयोगी टिप्स में से एक है।

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बादाम आपके लिए कई तरह से फायदेमंद साबित होता है। इसमें विटामिन ई, प्रोटीन, फाइबर और कॉपर जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह न सिर्फ आपकी प्रतिरक्षा प्रक्रिया को सुचारू बनाता है, बल्कि यह आपको कई रोगों से भी सुरक्षा प्रदान करता है। यह कॉलेस्ट्रोल के स्तर को सही बनाए रखता है और आपके लो बीपीशुगर को कंट्रोल में रखता है। बादाम के इस तरह के फायदों के कारण आपको हर रोज इसका सेवन करना चाहिए।

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हर घर में मिलने वाला लहसुन आपको कई तरह के रोगों से दूर रखता है। रक्त संबंधी कई विकारों को लहसुन के नियमित सेवन से दूर किया जा सकता है। लहसुन के सेवन से सफेद रक्त कोशिकाओं में तेजी से इजाफा होता है। इसके अलावा यह नसों में होने वाली रुकावटों को भी ठीक करने का काम करता है। इतना ही नहीं मौसम बदलने के कारण होने वाले संक्रमण से भी लहसुन सुरक्षा प्रदान करता है।

वर्ष 2012 में हुए एक रिसर्च में पाया गया कि सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए लहसुन एक चमत्कारी औषधी की तरह काम करता है। इसके अलावा यह फ्री रेडिकल्स को भी नष्ट करता है।

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सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के लिए आप ऊपर बताए गए खाद्य पादर्थों का सेवन कर सकते हैं, परंतु इनको बढ़ाने के लिए आपको अपनी जीवन शैली में भी परिवर्तन लाना होगा। निम्न आदतों को अपनाकर आप आसानी से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर, रक्त में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाओं में वृद्धि कर सकते हैं।

  1. कोबरा पोज (Cobra pose) योगासन –
    योग से कई आसाध्य रोगों को सही किया जाता सकता है। व्यक्ति यदि नियमित रूप से योग अभ्यास करें तो वह कई बीमारियों से दूर रहता है। सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के लिए जरूरी योगासनों में कोबरा आसन महत्वपूर्ण है। इस आसन से थाईम्स ग्रंथि (Thymus gland) सक्रिय होती है। यह ग्रंथि आपके गले के ठीक नीचे और छाती के ऊपरी भाग पर स्थित होती है। यह ग्रंथि रोगों से लड़ने वाली कोशिकाओं का निर्माण करती है। (और पढ़ें - तनाव के लिए योग)
     
  2. शराब और घूम्रपान से दूर रहें –
    आपको मालूम ही होगा कि शराब और धूम्रपान सहित किसी भी नशीले पदार्थ का सेवन करना आपके लिए हानिकारक होता है। इससे शरीर के कई अंगों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इससे प्रतिरक्षा प्रक्रिया खराब हो जाती है और आप कई तरह के रोगों की चपेट में आ जाते हैं। (और पढ़ें - शराब की लत छुड़ाने के घरेलू उपाय)
     
  3. भरपूर मात्रा में पानी पीना –
    पानी आपकी मांसपेशियों को ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा यह आपके शरीर के अंदर मौजूद तरल पदार्थों के स्तर को सामान्य बनाता है। आपको अपने वजन के अनुसार पानी पीना चाहिए। इसके अलावा गर्मियों के मौसम में पानी का अधिक सेवन करना चाहिए। इससे आपका पाचन तंत्र सुचारू रूप से कार्य करता है। लेकिन ध्यान दें कि आपको इसके लिए शराब, सोडा व अन्य हानिकारक पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। (और पढ़ें - एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए)
     
  4. सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के लिए लें पर्याप्त नींद - 
    पर्याप्त नींद लेने से आपका मूड ठीक रहता है। इसके साथ ही आपकी ऊर्जा का स्तर सही बना रहता है और आप स्ट्रोक्स व वजन बढ़ने की परेशानी से दूर रहते हैं। पर्याप्त नींद लेने से आपकी कोशिकाओं को दोबारा बनने का समय मिल पाता है। इसलिए आपको एक दिन में कम से कम 6 से 8 घंटों की नींद लेनी चाहिए। (और पढ़ें - अच्छी नींद के उपाय)

सफेद रक्त कोशिकाओं के मुख्य पांच प्रकार होते हैं, जिनकी शरीर में अलग-अलग भूमिका होती है जो इस प्रकार हैं -

न्यूट्रोफिल्स
न्यूट्रोफिल्स प्रतिरक्षा प्रणाली की सबसे पहली सफेद रक्त कोशिकाएं होती हैं, जो बैक्टीरिया व वायरस पर सबसे पहले प्रतिक्रिया देती हैं। न्यूट्रोफिल्स अन्य रक्त कोशिकाओं के मुकाबले सबसे अधिक संख्या में पाई जाती हैं।

लिम्फोसाइट्स
लिम्फोसाइट्स प्रतिरक्षा प्रणाली के बहुत ही महत्वपूर्ण सफेद रक्त कोशिका होती है। बी सेल्स और टी सेल्स लिम्फोसाइट्स के मुख्य घटक होते हैं, जिनका कार्य अलग-अलग होता है।

मोनोसाइट्स
मोनोसाइटिस सफेद रक्त कोशिकाओं का मुख्य कार्य शरीर से मृत रक्त कोशिकाओं को साफ करना और कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना होता है।

इओसिनोफिल्स
इओसिनोफिल्स सफेद रक्त कोशिकाओं को मुख्य रूप से परजीवी संक्रमण से लड़ने और पराग आदि के विपरीत प्रतिक्रिया देने के लिए जाना जाता है।

बैसोफिल्स
प्रतिरक्षा प्रणाली में बैसोफिल्स अन्य सफेद रक्त कोशिकाओं की तुलना में काफी कम संख्या में होती हैं। यह कुछ विशेष प्रकार की सूजन प्रतिक्रियाओं को रोकने और रक्त के बहाव को सामान्य रखने में मदद करती हैं।

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