हर महीने पीरियड्स के समय अधिकतर महिलाओं को दर्द व ऐंठन का सामना करना पड़ता है. मेडिकल भाषा में इसे प्राइमरी डिस्मेनोरिया कहा जाता है. इस दौरान कुछ महिलाओं को कम दर्द होता है, तो कुछ असहनीय दर्द का सामना करती हैं. इस तेज दर्द व ऐंठन के चलते उनके लिए रोजमर्रा का काम करना भी मुश्किल हो जाता है. आमतौर पर युवा महिलाएं इसका सामना ज्यादा होती हैं. डिस्मेनोरिया के चलते पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होता है. ऐसे में कई लड़कियां पेन किलर लेकर इस दर्द को कम करने का प्रयास करती है, जो सही तरीका नहीं है, जबकि प्राकृतिक तरीके से भी इस दर्द को कम किया जा सकता है. इसके लिए योग से बेहतर और कोई विकल्प नहीं हो सकता.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि किस प्रकार मासिक धर्म के समय होने वाले ऐंठन को योगासन के जरिए कम किया जा सकता है -

(और पढ़ें - मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव होना)

  1. मासिक धर्म में ऐंठन के लिए योग किस प्रकार फायदेमंद है?
  2. मासिक धर्म में होने वाले ऐंठन के लिए फायदेमंद योगासन
  3. सारांश
मासिक धर्म में ऐंठन के लिए योगासन के डॉक्टर

मासिक धर्म के समय गर्भाशय में संकुचन होने के कारण दर्द व ऐंठन की समस्या होती है. ऐसा तब होता है, जब प्रोस्टाग्लैंडीन नामक हार्मोन रिलीज होता है. कुछ महिलाओं को इस ऐंठन के चलते शरीर के अन्य हिस्सों जैसे - पीठ के निचले हिस्से या कूल्हे और जांघ में भी दर्द महसूस हो सकता है. ऐसे में कुछ महिलाएं इस दर्द को कम करने के लिए दवाएं लेती हैं, जबकि इसे आसान एक्सरसाइज व योग के जरिए कम किया जा सकता है.

इस संबंध में एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) ने अपनी साइट पर एक रिसर्च भी पब्लिश किया है. इसके अलावा, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फिजियोथेरेपी एंड रिसर्च की साइट पर भी मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन पर योगासन के प्रभाव के संबंध में रिसर्च मौजूद है. इन रिसर्च में साफ तौर पर बताया गया है कि योग के जरिए न सिर्फ ऐंठन को कम किया जा सकता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार किया जाना संभव है.

(और पढ़ें - पीरियड्स में क्या खाना चाहिए)

अगर कोई महिला पीरियड्स के समय ऐंठन की समस्या से परेशान रहती है, तो उसे निम्न प्रकार के योगासन करने से फायदा हो सकता है. उससे पहले हम यह स्पष्ट कर दें कि अगर कोई महिला पहली बार योगासन कर रही है, तो उसे योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही इसे करना चाहिए. साथ ही अगर कोई शारीरिक समस्या है, तो योगासन करने से पहले डॉक्टर की समस्या जरूर लेनी चाहिए -

सुप्त बद्ध कोणासन

सुप्त बद्ध कोणासन योगासन को करने का तरीका इस प्रकार है -

  • सबसे पहले समतल जगह पर योगमैट बिछाकर शवासन की अवस्था में लेट जाएं.
  • अब धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ लें और दोनों पैरों को आपस में मिलाते हुए अंदर की तरफ लेकर आएं. इससे दोनों तलवे आपस में मिल जाएंगे.
  • इसके बाद दोनों घुटनों को जमीन के साथ लगाने का प्रयास करें. सपोर्ट के लिए आप घुटनों के नीचे तकिया भी रख सकते हैं.
  • दोनों हथेलियों को हिप्स के पास रखकर नीचे की तरफ दबाएं.
  • फिर गर्दन और रीढ़ की हड्डी का ऊपरी हिस्सा जमीन से उठाएं.
  • साथ ही सांस को छोड़ते हुए पेट की निचली मांसपेशियों को भीतर की तरफ खीचें.
  • कुछ देर इसी अवस्था में रहें और सामान्य गति से सांस लेते व छोड़ते रहें.
  • इसके बाद सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं.

(और पढ़ें - मासिक धर्म का बंद होना)

सेतुबंधासन

आइए, जानते हैं कि सेतुबंधासन को किस प्रकार किया जाता है -

  • जमीन पर योग मैठ बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं.
  • फिर पैरों को मोड़ते हु़ए एड़ियाें को कूल्हे के पास ले आएं.
  • इसके बाद दोनों हाथों से एड़ियों को पकड़ लें.
  • अब सांस लेते हुए कूल्हों को ऊपर की तरफ उठाएं.
  • कुछ देर इसी मुद्रा में रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें.
  • फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं.

(और पढ़ें - पीरियड ज्यादा दिन तक आने के कारण)

पश्चिमोत्तानासन

नीचे पश्चिमोत्तानासन को करने का तरीका बताया गया है -

  • सबसे पहले योग मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं.
  • लंबी गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की तरफ उठाएं.
  • अब सांस छोड़ते हुए आगे की तरफ झुकना शुरू करें.
  • जितना संभव हो आगे की तरफ झुकें और सिर को घुटनों के साथ स्पर्श करने का प्रयास करें.
  • साथ ही हाथों से पैरों को पकड़ने का प्रयास करें.
  • ध्यान रहे कि घुटनों को नहीं मोड़ना है.
  • कुछ देर ऐसे ही बने रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें.
  • इसे बाद सांस लेते हुए ऊपर उठें और हाथों को ऊपर की तरफ ले जाएं.
  • फिर सांस छोड़ते हु़ए हाथों को नीचे ले आएं.

(और पढ़ें - पीरियड जल्दी लाने के लिए टेबलेट)

विपरीत करनी

यहां हमने क्रमवार तरीके से बताया है कि विपरीत करनी को किस प्रकार किया जाता है -

  • योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और पूरे शरीर को शिथिल अवस्था में रखें.
  • अब धीरे-धीरे दोनों टांगों को ऊपर की तरफ उठाएं.
  • जब टांगें 45 डिग्री के एंगल तक आए जाएं, तो हाथों के जरिए कमर को सहारा दें.
  • फिर टांगों को और ऊपर उठाकर बिल्कुल सीधा कर दें.
  • इस दौरान कोहनियां बिल्कुल सीधी रहेंगी और शरीर का पूरा भार उन पर रहेगा.
  • कुछ देर इसी मुद्रा में रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें.
  • इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं.

(और पढ़ें - पहली बार पीरियड्स आने की सही उम्र)

कोई भी महिला मासिक धर्म को आने से नहीं रोक सकती, लेकिन इसके कारण होने वाली समस्याओं को जरूर कम किया जा सकता है. इस काम में योगासन सबसे बेहतर तरीका है, जो पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन को दूर करने में फायदेमंद साबित हो सकता है. कुछ वैज्ञानिक अध्ययन में भी पुष्टि की गई है कि पीरियड्स क्रैम्प्स के लिए योगासन सबसे फायदेमंद है.

(और पढ़ें - पीरियड कितने दिन लेट हो सकता है)

Dr Sujata Sinha

Dr Sujata Sinha

प्रसूति एवं स्त्री रोग
30 वर्षों का अनुभव

Dr. Pratik Shikare

Dr. Pratik Shikare

प्रसूति एवं स्त्री रोग
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Payal Bajaj

Dr. Payal Bajaj

प्रसूति एवं स्त्री रोग
20 वर्षों का अनुभव

Dr Amita

Dr Amita

प्रसूति एवं स्त्री रोग
3 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें