शरीर में हार्मोन का स्‍तर बदलता रहता है। हार्मोंस के संतुलित होने पर बॉडी ठीक तरह से काम कर पाती है जबकि हार्मोन असंतुलन के कारण स्‍वास्‍थ्‍य संबंधित समस्‍याएं पैदा होने लगती हैं। शरीर के सभी हार्मोंस में एस्ट्रोजन भी महत्‍वपूर्ण होता है जिसे “फीमेल हार्मोन” भी कहा जाता है। वहीं दूसरी ओर टेस्टोस्टेरोन को “मेल हार्मोन” कहा जाता है। ये दोनों ही हार्मोन महिलाओं और पुरुषों में पाए जाते हैं।

महिलाओं में एस्‍ट्रोजन और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्‍तर ज्‍यादा होता है। पुरुषों की यौन क्रिया में एस्‍ट्रोजन हार्मोन महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। पुरुषों में सेक्‍शुअल ग्रोथ के लिए एस्‍ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन के बीच संतुलन होना जरूरी है। यदि किसी पुरुष में एस्‍ट्रोजन का लेवल बढ़ जाए तो उन्‍हें कई तरह की दिक्‍कतों का सामना करना पड़ सकता है।

अध्ययनों से पता चलता है कि पुरुषों में एस्‍ट्रोजन हार्मोन टेस्टोस्टेरोन को नियंत्रित करने, दिमाग से जुड़े कई कार्यों, हड्डियों और त्‍वचा की सेहत, यौन क्रिया, हृदय के कार्य एवं कोलेस्‍ट्रॉल को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है।

इस हार्मोन के अनियंत्रित होने पर पुरुषों को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, खासकर एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ने पर। कुछ लक्षणों की मदद से पुरुष आसानी से पता लगा सकते हैं कि उनके शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ रहा है या नहीं।

तो चलिए जानते हैं कि पुरुषों में एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ने पर किस तरह के लक्षण सामने आता हैं। 

(और पढ़ें - एस्ट्रोजन हार्मोन टेस्ट कैसे होता है)

प्रजनन क्षमता में कमी

हैल्दी स्पर्म के लिए एस्ट्रोजेन भी जिम्मेदार होता है। एस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ने पर शुक्राणुओं की गुणवत्ता कम हो सकती है। नतीजतन पुरुषों में इंफर्टिलिटी हो सकती है। अत: एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने पर पुरुषों को जल्द अपना इलाज करवाना चाहिए।

(और पढ़ें - बांझपन के घरेलू उपाय)

गाइनेकोमैस्टिया

एस्ट्रोजन के बढ़ने की वजह से पुरुषों के स्तनों के ऊतकों में भी वृद्धि होने लगती है। मतलब यह है कि जिन पुरुषों में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है, उन्हें गाइनेकोमैस्टिया हो सकता है। इसमें स्तन का आकार बढ़ने लगता है। सामान्यत: इसे दवाओं की मदद से ठीक किया जा सकता है। आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर ऑपरेशन की सलाह भी दे सकते हैं।

स्तंभन दोष

जिन पुरुषों में एस्ट्रोजन का स्तर कम होता है, उन्हें स्तंभन दोष की समस्या हो सकती है। स्तंभन दोष को इरेक्टाइल डिसफंक्शन भी कहते हैं। यह पुरुषों द्वारा यौन संबंध बनाने के लिए लिंग में उत्तेजना पाने या उत्तेजना बनाएं रखने में असमर्थता होने की समस्या है।

लिंग में उत्तेजना बढ़ाने के लिए टेस्टोस्टेरोन का स्तर ज्यादा और एस्ट्रोजेन का स्तर कम होना चाहिए। यह पुरुषों के लिए एक गंभीर समस्या है। इस समस्या से निपटने के लिए उन्हें डाॅक्टर से संपर्क करना चाहिए।

(और पढ़ें - नपुंसकता के लिए योग)

एजिंग

उम्र बढ़ने पर टेस्टोस्टेरोन को एस्‍ट्रोजन में तब्‍दील करने वाले एंजाइम एरोमैटेस का स्‍तर बढ़ जाता है। असल में रजोनिवृत्ति पार कर चुकी महिलाओं की तुलना में उम्रदराज पुरुषों में एस्‍ट्रोजन का लेवल ज्‍यादा होता है।

गलत प्रतिक्रिया करना

किसी पुरुष के शरीर में एस्‍ट्रोजन का स्‍तर बिगड़ने पर शारीरिक क्रियाएं भी प्रभावित होती हैं जिनमें मस्तिष्‍क भी शामिल है। एस्‍ट्रोजन बढ़ने पर दिमाग उलझन में रहता है और अंडकोष में टेस्टोस्टेरोन कम बनाता है। ऐसे में एस्ट्रोजन का स्तर और ज्यादा बढ़ जाता है और शरीर में एस्ट्रोजन की प्रबलता बढ़ जाती है।

हाई एस्ट्रोजन लेवल के लिए उपचार

  • जिन पुरुषों का एस्ट्रोजन स्तर बढ़ रहा है, उन्हें अलसी के बीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। इससे पुरुषों में एस्ट्रोजेन का स्तर घटता है। सब्जियां जैसे ब्रोकली, पत्ता गोभी, फूलगोभी, मशरूम, साबुत अनाज भी खाएं।
  • मोटे पुरुषों में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने का ज्यादा खतरा रहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि फैट सेल्स अतिरिक्त एस्ट्रोजन का निर्माण करते हैं। खानपान के साथ-साथ अपने वजन को भी नियंत्रित रखें।
  • किसी दवा की वजह से एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ रहा है, तो इस संबंध में डाॅक्टर से संपर्क कर वैकल्पिक इलाज की सलाह लें। डाॅक्टर आपको एस्ट्रोजन के स्तर को कम करने की दवा भी दे सकते हैं।
ऐप पर पढ़ें