अनचाहे गर्भ को लेकर अक्सर कई लोग बड़ी समस्या में घिर जाते हैं। हालांकि, वर्तमान में गर्भनिरोध के कई विकल्प मौजूद हैं। बावजूद इसके कभी उचित सुरक्षा नहीं बरतने या फिर दवाई लेना भूल जाने से गर्भ की आशंका बनी रहती है, क्योंकि ज्यादातर गोलियां ऐसी हैं, जिन्हें रोजाना खाना होता है और छोटी सी भूल आशंका को दोगुना और समस्या को चार गुना तक बढ़ा देती है। अब इस समस्या का हल भी वैज्ञानिकों ने निकाल लिया है। जी हां, शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक ऐसी दवा (पिल) बनाई है, जो महीने में सिर्फ एक बार लेने पर अनचाही प्रेग्नेंसी की चिंता को दूर कर देगी।

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क्या कहती है रिसर्च?
साइंस ट्रांसलेशनल मेडिशन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में एमआईटी (मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) और ब्रिघम एंड वुमन हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं की टीम ने एक ऐसी दवा या गोली बनाई है, जो महीने में एक बार लेने से बर्थ कंट्रोल में सहायक होगी। शोधकर्ता अब इस गर्भनिरोधक गोली के परीक्षण की योजना बना रहे हैं। इन “गोलियों को स्लो रिलीज पिल्स” कहा जाता है, क्योंकि ये धीरे-धीरे खून में घुलती हैं और लंबे समय तक इनका असर बना रहता है।

  • यह नई गोली ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव के साथ-साथ आईयूडी (Intrauterine contraceptive pills) जैसी लंबे समय तक गर्भनिरोध का विकल्प उपलब्ध कराने वाली टेक्नोलॉजी का मिश्रण है। ये गोली हार्मोन्स को धीरे-धीरे खून में स्रावित करेगी और शरीर से बाहर निकलने से पहले लगभग एक महीने तक पाचन तंत्र में मौजूद रहेगी।
  • शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि नई गोली, रोजाना ली जाने वाली गर्भ निरोधकों की तुलना में अधिक सुविधाजनक विकल्प होने के अलावा, बर्थ कंट्रोल में ज्यादा प्रभावी साबित होगी, क्योंकि जो दवाई रोजाना ली जाती है उन्हें एक बार भी नहीं लेने पर उनका प्रभाव कम हो जाता है।
  • रिसर्च में शामिल शोधकर्ताओं की टीम ने पिछले साल सुअरों पर नई गोली का पहला परीक्षण किया। इस पहले ट्रायल से मिले रिजल्ट साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन में छापे गए हैं।
  • शोधकर्ताओं का कहना है कि प्राइमरी ट्रायल के बाद ही हम इस गोली के सफल परीक्षण का दावा करेंगे और इसके बाद ही गोली का इस्तेमाल इंसानों पर किया जा सकेगा। हालांकि, इस दवा को लोगों तक पहुंचने में अभी कुछ साल लग सकते हैं।

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कैसे काम करेगी नई दवा?
ये नई गोली जिलेटिन कैप्सूल के रूप में आएगी, जो एक बार पेट में जाने के बाद ही घुल जाती है। इसके घुलने के बाद सिलिकॉन स्टार खुलेगा और ये हार्मोनल चक्र के पूरे 29 दिनों तक शरीर में बना रहेगा।

  • यह एक प्रकार की लेवोनोर्जेस्ट्रेल की एक स्थिर खुराक देती है। लेवोनोर्जेस्ट्रेल वही हार्मोन होता है, जो सुबह के समय ली जाने वाली गर्भनिरोधक गोली (Morning after pill) और कुछ आईयूडी (Intrauterine contraceptive pills) में इस्तेमाल किया जाता है।
  • इस दौरान स्टार स्वाभाविक रूप से समय के साथ पेट में घुल जाता है और चक्र समाप्त होने के बाद पाचन तंत्र से गुजरता है।
  • गौरतलब है कि एमआईटी शोधकर्ता पहले भी इसी तरह के ड्रग डिलिवरी सिस्टम का उपयोग मलेरिया और एचआईवी के इलाज के लिए कर चुके हैं।

एक बार दवाई खाने से कम होगा बर्थ रिस्क
एमआईटी के अनुसार पुरानी रिसर्च भी इस ओर इशारा करती है कि हफ्ते या महीने में एक बार ली जाने वाली दवा की बजाय रोजाना ली जाने वाली दवा को भूलने की आशंका ज्यादा है।

शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि महीने में एक बार लेने के कारण लोग इस दवा को पसंद करेंगे और नियमित तौर पर इसका सेवन करेंगे। इसके परिणामस्वरूप दवा की सफलता की संभावना भी अधिक रहेगी।

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क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
एमआईटी में डेविड एच. कोच इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर रॉबर्ट लेंगर का कहना है कि हमें आशा है कि ये दवाई काम करेगी, क्योंकि ये पहली बार है जब महीने में एक बार ली जाने वाली गोली (monthly birth control pill) या कैप्सूल समारे संज्ञान में आयी है। ये गोली महिलाओं के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकती है।

निष्कर्ष
वैज्ञानिक अब भी इस पर काम कर रहे हैं। हालांकि, इसे जानवरों पर टेस्ट किया जा चुका है, लेकिन इंसानों में इस गोली के इस्तेमाल के लिए अभी और लंबा वक्त लग सकता है। शोध के निष्कर्ष उत्साहवर्धक हैं और उम्मीद की जानी चाहिए कि भविष्य में गर्भनिरोध का एक बेहतर विकल्प हम सबके पास होगा। 

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