डॉक्टर, मेडिकल विशेषज्ञ और प्रसूति विज्ञानी कहते रहे हैं कि गर्भधारण से पहले महिला ही नहीं, बल्कि पुरुष का स्वास्थ्य भी अच्छा होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर प्रेग्नेंसी से जुड़े कॉम्प्लिकेशन्स का सामाना मां को करना पड़ सकता है। अब इस तथ्य की पुष्टि करता एक नया अध्ययन सामने आया है। दरअसल, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कर्मचारी बीमा संबंधी डेटाबेस के रिकॉर्ड का विश्लेषण कर यह जाना है कि पिता का खराब स्वास्थ्य मां के प्रेग्नेंसी लॉस का कारण बन सकता है। डेटा में 2007 से 2016 के बीच दर्ज हुए नौ लाथ 58 हजार से ज्यादा प्रेग्नेंसी के रिकॉर्ड भी शामिल थे। साथ में उनमें माता-पिता के स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी दी गई थी। इन्हीं जानकारियों का अध्ययन परिणामों सहित 'ह्यूमन प्रॉडक्शन' में प्रकाशित किया गया है, जो ऑक्सफोर्ड द्वारा प्रकाशित की जाने वाली एक विज्ञान पत्रिका है।

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अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार दि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अध्ययन में वैज्ञानिकों ने मेटाबॉलिक सिंड्रोम से जुड़े एलिमेंट्स के आधार पर  कॉन्सेप्शन (महिला का गर्भधारण करना) से चार साल पहले तक पिताओं के स्वास्थ्य का आंकलन किया है। इसमें देखा गया कि ये पुरुष पत्नी या जीवनसाथी के प्रेग्नेंट होने से पहले हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, डायबिटीज या किसी सामान्य क्रोनिक डिजीज से डायग्नॉस थे अथवा नहीं। इस विश्लेषण में शोधकर्ताओं ने जाना कि करीब 20 प्रतिशत प्रेग्नेंसी के मामले अस्थानिक गर्भावस्था (एक्टोपिक प्रेग्नेंसी, जिसमें निषेचित अंडा गर्भाशय के अलावा किसी और ट्यूब से जुड़ा जाता है), अपनेआप होने वाले गर्भपात या मृत जन्म के साथ खत्म हुए।

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उपरोक्त मेडिकल संकेतकों (बीमारियां) में से किसी एक से ग्रस्त या प्रभावित पुरुषों की तुलना जब उन पुरुषों से की गई, जिनमें इनमें से कोई भी मेडिकल कंडीशन नहीं थी तो पता चला कि खराब स्वास्थ्य वाले प्रजनक पुरुषों से जुड़ी प्रेग्नेंसी के लॉस होने का खतरा दस प्रतिशत अधिक होता है। वहीं, इन्हीं बीमारियों में से दो से पीड़ित पुरुषों से जुड़ी प्रेग्नेंसी के लॉस होने का खतरा 15 प्रतिशत अधिक होता है। तीन बीमारियों से डायग्नॉस होने पर यह जोखिम 19 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इस पर अध्ययन के एक वरिष्ठ लेखक और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में यूरोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर माइकल ईजनबर्ग ने कहा, 'हमें पिता की सेहत के बारे में विचार करना चाहिए, गर्भधारण करने से पहले भी। हम (पुरुष प्रेग्नेंसी में) अपना आधा डीएनए देते हैं। यह सहज ही है कि इससे प्रेग्नेंसी पर असर पड़ सकता है।'

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