सीआईसी एंटीजन-एंटीबॉडी काम्प्लेक्स विभिन्न विकारों के दौरान रक्त में पाए जाते हैं। एंटीबॉडी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा बनाया जाने वाला एक विशेष प्रकार का प्रोटीन है। यह हानिकारक एंटीजन, जैसे एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थ, संक्रमण फैलाने वाले सूक्ष्म जीव, विषाक्त पदार्थ और कैंसर प्रोटीन की पहचान करके उन्हें नष्ट करता है।

हर बार जब शरीर में कोई बाहरी पदार्थ या एंटीजन प्रवेश करता है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली कुछ विशेष एंटीबॉडीज बनाती है, जो कि इन एंटीजन से जुड़ जाती है। हालांकि, एंटीजन को नष्ट करने के लिए उत्तेजित करने से पहले सीआईसी के एंटीबॉडीज को प्रतिरक्षा प्रणाली के अन्य तत्व (कॉम्प्लीमेंट प्रोटीन) से जुड़ना होता है, इनमें विशेषकर C1q और सी3 होते हैं।

सीआईसी टेस्ट सीआईसी कॉम्प्लीमेंट बाइंडिंग की सीमा का पता लगाता है, जिससे विभिन्न रोगों और संक्रमणों पर नजर रखी जा सकती है।

सीआईसी काम्प्लेक्स की उपस्थिति मुख्य रूप से सिस्टमिक लुपस एरीथेमाटोसस (एसएलई) नामक बीमारी से जुड़ी होती है। एसएलई एक ऑटोइम्यून विकार है, जिसमें एंटीबॉडीज गलती से स्वयं के शरीर के ऊतकों और कोशिकाओं को नष्ट करने लग जाती है। सीआईसी को मुख्य रूप से एसएलई से जुड़े लक्षणों व इसकी जटिलताओं जैसे किडनी और त्वचा में क्षति पैदा करने के लिए जाना जाता है।

  1. सीआईसी टेस्ट क्यों किया जाता है - CIC Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. सीआईसी टेस्ट से पहले - CIC Test Se Pahle
  3. सीआईसी टेस्ट के दौरान - CIC Test Ke Dauran
  4. सीआईसी टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - CIC Test Ke Parinam Ka Kya Matlab Hai

डॉक्टर प्राथमिक तौर पर इस टेस्ट की सलाह एसएलई के मरीजों में बीमारी के बढ़ने पर नजर रखने के लिए देते हैं। यह टेस्ट रूमेटाइड आर्थराइटिस और कुछ विशेष ट्यूमर जैसे एक्यूट ल्यूकेमिया जैसी स्थितियों के विकास पर नजर रखने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा सीआईसी टेस्ट कुछ विशेष प्रकार की एलर्जी, सूजन संबंधी बिमारियों और संक्रमणों की पहचान करने में भी मदद करता है। सीआईसी के उच्च स्तर इन बिमारियों की सक्रिय अवस्था में अधिक होते हैं।

हालांकि, यह टेस्ट विशेष तौर पर यह नहीं बताता कि आपको कौन सी बीमारी है। यह तभी किया जाता है जब डॉक्टर को पहले पता हो कि आपको कोई विशेष बीमारी है, जिसमें सीआईसी की पहचान की जानी है।

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आमतौर पर इस टेस्ट के लिए किसी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती। यदि किसी भी तरह की तैयारी की जरूरत होगी तो इसके बारे में डॉक्टर आपको बता देंगे। आप जो भी लक्षण महसूस कर रहे हैं, उनके बारे में डॉक्टर को बता दें क्योंकि टेस्ट के परिणामों को डॉक्टर लक्षणों से जोड़कर देखेंगे और समझाएंगे। इसके अलावा यदि आप कोई भी दवा या सप्लीमेंट ले रहे हैं तो इसके बारे में भी डॉक्टर को बता दें।

इस टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल लेने की जरूरत होती है। डॉक्टर आपकी बांह की नस में सुई लगाकर रक्त की पर्याप्त मात्रा ले लेंगे और इसे एक विशेष कंटेनर में डाल देंगे।

इस टेस्ट से कोई अन्य खतरा नहीं होता है। सुई लगने से आपको हल्का सा दर्द हो सकता है। सुई लगी जगह पर हल्का सा नील भी पड़ सकता है। हालांकि, ये लक्षण जल्द ही ठीक हो जाते हैं। यदि दर्द और नील ठीक नहीं होता है तो इसके बारे में डॉक्टर से बात करें।

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सामान्य परिणाम

सीआईसी टेस्ट के परिणाम को दो अलग-अलग वैल्यू में दिखाया जाता है एक वैल्यू C1q बाइंडिंग के लिए और दूसरी सी3 के लिए।

C1q बाइंडिंग के लिए :

  • नेगेटिव या सामान्य - 4.4 µg Eq/mL (माइक्रोग्राम एक्विवैलेन्ट प्रति मिलीलीटर) से कम
  • जिसमें आगे की जांच करने की जरूरत पड़े - 4.4-10.7 µg Eq/mL

सी3 के लिए :

  • नेगेटिव या सामान्य - 15.1 µg Eq/mL से कम
  • जिसमें आगे की जांच करने की जरूरत पड़े - 15.1-19.9 µg Eq/mL

यदि टेस्ट के परिणाम नेगेटिव या नार्मल आते हैं तो इसका मतलब है कि ब्लड सैंपल में जो इम्यून काम्प्लेक्स सर्कुलेट कर रहे हैं, वो किसी भी बीमारी की स्थिति होने के लिए कट ऑफ रेंज से कम हैं। इसका मतलब है कि वे इतनी मात्रा में नहीं हैं कि रोग का संकेत दे सकें। हालांकि, रिजल्ट को सामान्य ही लिखा जाता है, लेकिन इस टेस्ट से किसी बीमारी के होने की पुष्टि पूरी तरह से नहीं की जा सकती।

चूंकि, इस टेस्ट को करने के बहुत से तरीके हैं और हर तरीके में वैल्यू अलग आ सकती है। यहां दी गई संदर्भ वैल्यू अन्य लैब से अलग हो सकती है। आपके लक्षणों के आधार पर परिणामों की अलग-अलग व्याख्या की जा सकती है। इसीलिए अपने परिणामों की सही जानकारी के लिए रिपोर्ट डॉक्टर को दिखाएं।

असामान्य परिणाम

सीआईसी टेस्ट के असामान्य परिणामों को पॉजिटिव लिखा जाता है। पॉजिटिव रिजल्ट के लिए निम्न वैल्यू होती है :

  • C1q बाइंडिंग के लिए - 10.7 µg Eq/mL से अधिक
  • सी3 के लिए - 19.9 µg Eq/mL से अधिक

रक्त में सीआईसी के बढ़े हुए स्तर से जुड़ी हुई स्थितियां निम्न हैं :

संदर्भ

  1. Methods in Molecular Biology. Tests for Circulating Immune Complexes In: Wener MH. Systemic Lupus Erythematosus: Methods and Protocols. Springer Science+Business Media New York. 2014, (1134), Pp 47–57, 321-338.
  2. Abbas AK, Lichtman AH, Pillai S. Antibodies and antigens. In: Abbas AK, Lichtman AH, Pillai S, eds. Cellular and Molecular Immunology. 9th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2018:chap 5.
  3. National Heart, Lung, and Blood Institute [Internet]. Bethesda (MD): U.S. Department of Health and Human Services; Blood Tests
  4. National Jewish Health [internet]: Denver (US); Circulating Immune Complexes (C1q-binding and C3d) (CIC)
  5. Wener MH. Tests for circulating immune complexes. Methods Mol Biol. 2014;1134:47-57. PMID: 24497353
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