एंगर मैनेजमेंट या क्रोध पर नियंत्रण एक प्रक्रिया है जिसमें आपको गुस्सा आने के संकेतों को समझना और गुस्से को शांत करना तथा ऐसी स्थिति से अच्छे से निपटना सिखाया जाता है। इसे क्रोध प्रबंधन चिकित्सा या एंगर मैनेजमेंट थेरेपी कहा जाता है।

गुस्से पर नियंत्रण या एंगर मैनेजमेंट का यह मतलब नहीं है कि आप गुस्से को महसूस करना बंद कर दे या गुस्से को अंदर दबा लें। गुस्सा या क्रोध एक सामान्य, प्राकृतिक भावना है, आप केवल ये जान जाए कि इसे कैसे सही तरीके से व्यक्त करें - यही सिखाना एंगर मैनेजमेंट थेरेपी का काम होता है।

क्रोध पर नियंत्रण के उपाय बुक पढ़कर, इंटरनेट या अन्य स्रोतों के माध्यम से आप स्वयं भी सीख सकते हैं। किंतु बहुत सारे लोगों के लिए एंगर मैनेजमेंट थेरेपी के सत्र में शामिल होना या किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से मिलकर इलाज करवाना अधिक लाभदायक होता है।

इस लेख में विस्तार से बताया गया है कि क्रोध प्रबंधन चिकित्सा या एंगर मैनेजमेंट थेरेपी क्या है, क्रोध पर नियंत्रण के लिए थेरेपी कैसे होती है इसके साथ ही ये भी बताया गया है कि क्रोध प्रबंधन के क्या लाभ या फायदे होते हैं।

(और पढ़े - गुस्सा कैसे कम करें)

  1. क्रोध प्रबंधन चिकित्सा क्या है - Anger management therapy kya hai in hindi
  2. क्रोध प्रबंधन चिकित्सा कैसे होती है - Anger management therapy techniques in hindi
  3. क्रोध प्रबंधन चिकित्सा के फायदे - Benefits of anger management therapy in hindi

चाहे आपने अचानक ध्यान दिया हो कि गुस्सा आपकी आदत में शामिल हो चुका है या आपके परिवार के किसी सदस्य या दोस्तों ने आपका ध्यान इस तरफ दिलाया हो, आपने सोचना शुरू कर दिया होगा कि कैसे आप इस पर नियंत्रण कर सकते हैं। आपने ये समझना भी शुरू कर दिया होगा कि आपको गुस्सा क्यों आता है और उन चीजों पर नियंत्रण पाने का प्रयास शुरू कर दिया होगा जो गुस्से को बढ़ावा देती है। यही वह समय है जब एंगर मैनेजमेंट थेरेपी आपकी मदद कर सकती है।

तर्कसंगत गुस्सा हम सभी को कभी न कभी प्रभावित करता है और ये अधिकांश समय एक स्वस्थ दायरे में ही व्यक्त किया जाता है किंतु तर्कहीन गुस्सा और रोष कभी-कभी बहुत ही अनुचित और भयंकर तरीके से फूट पड़ता है। इस तरह का तीव्र और अनियंत्रित गुस्सा आपको शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से परेशान कर सकता है।

शारीरिक रूप से, गुस्सा हृदय और पाचन की परेशानियाँ पैदा कर सकता है और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी हो सकती है।

भावनात्मक रूप से, अधिक गुस्सा चिंता, शर्म, अधिक रोष, संभावित अवसाद, प्रताड़ना, स्वयं को चोट पहुँचाने का कारण हो सकता है और मानसिक थकान का एक चक्र शुरू कर सकता है। हर रोज एक नयी घटना आपका गुस्सा भड़काती है और आपको लगने लगता है कि आप किसी फंदे में फंस गए हैं जहाँ से कभी बाहर नहीं निकल सकते हैं।

इन्हीं परिस्थितियों को सही तरीके से कैसे संभाला जाए यह सिखाना ही क्रोध प्रबंधन कहलाता है।

(और पढ़े - थकान दूर करने के लिए क्या खाना चाहिए)

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कभी-कभी गुस्से को नियंत्रित करने के लिए किसी पेशेवर परामर्शदाता या मनोचिकित्सक से सहायता लेना आवश्यक हो जाता है। एंगर मैनेजमेंट थेरेपी में उपयोग की जाने वाली कुछ तकनीकें निम्नलिखित हैं -

  • स्वयं को जागरूक करना -
    आपको कब गुस्सा आता है यह जानने का प्रयास करें। गुस्से का स्तर कितना कम या अधिक है इसका विवरण रखने के लिए थेरेपिस्ट की तरह 1 से 10 तक नंबर दे सकते हैं। इस तरह का रिकॉर्ड तैयार करने से आपको गुस्से के प्रबंधन में मदद मिलेगी।
     
  • ध्यान लगाना -
    ध्यान आपकी चेतना के स्तर में बदलाव लाकर आपके विचारों को ऊपर उठाता है। इससे आपको नियंत्रण का सही मतलब समझ में आता है और आप दूसरों को सजा देकर नियंत्रण साबित करने वाली खोखली मानसिकता से बाहर आ जाते हैं।
     
  • कुंठा का प्रबंधन -
    कुंठा (फ़्रस्ट्रेशन) को बाहर निकालने के लिए कुछ थेरेपिस्ट डायरी लिखने की सलाह देते हैं। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि एक बार मन के विचार निकल जाने के बाद मन हल्का हो जाता है। थेरेपिस्ट इस प्रकार के कई तरीके जानते हैं और आपको सिखा सकते हैं कि किस तरह से आप अपने गुस्से और कुंठा की भावना से बाहर निकले। (और पढ़ें - डायरी लिखने के फायदे)
     
  • साँस संबंधी तकनीक -
    जब भी आपको गुस्सा आए तो गहरी साँस लेते हुए हवा अपने पेट से खींचे न की छाती से। हर साँस छोड़ने के साथ अपने आपको “शांत” रहने के लिए कहें। ऐसा लगभग 10 बार करें या तब तक जबकि आपको गुस्सा कम होता महसूस न हो।
     
  • रिलैक्सेशन रणनीति -
    जब आपका गुस्सा बढ़ रहा हो तो यह रणनीति उपयोग करें। गहरी साँस वाली क्रिया कर सकते हैं या कोई अच्छा संगीत सुने, डायरी लिखे, कुछ योग करें। कोई भी ऐसी क्रिया जिससे आपको शांति महसूस हो उसे करें। आपके थेरेपिस्ट ऐसी कई क्रिया आपको सीखा सकते हैं।

अलग-अलग पेशेवर अलग-अलग तकनीकों का उपयोग करते हैं और उनकी फीस में भी अंतर होता है किंतु सबका उद्देश्य यही होता है कि आप अपने क्रोध पर नियंत्रण कैसे करें।

यह थेरेपी समूह में भी शुरू की जा सकती है या व्यक्तिगत रूप से भी शुरू की जा सकती है। आपको थेरिपस्ट अक्सर ये कहते होंगे कि गुस्से पर नियंत्रण के लिए सबसे पहला कदम सकारात्मक कदम है मदद हासिल करने की कोशिश करना।

आमतौर पर क्रोध पर नियंत्रण के लिए थेरेपी में 4 से 6 सप्ताह का समय लग सकता है, हालाँकि आपके थेरेपिस्ट इससे अधिक समय भी लगा सकते हैं।

आपके मनोचिकित्सक या परामर्शदाता को अपनी तात्कालिक और पुरानी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में बताएं और अगर आपको कोई लत है तो उसके बारे में भी बताए ताकि आपके गुस्से का इलाज सही से किया जा सके।

आपकी क्रोध का प्रबंधन करने की क्षमता बढ़ने के बहुत सारे लाभ हैं जो निम्नलिखित हैं -

  • आपकी अपनी जरूरत के हिसाब से बात कर पाते हैं। आप ये सीख जाते हैं कि कौनसी बातें आपमें कुंठा या गुस्सा पैदा करती हैं। आप स्थिति को अधिक अच्छी तरह से संभाल लेते हैं।
  • आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है क्योंकि आपको तनाव, सिरदर्द, नींद न आना, पाचन की बीमारी, हृदय की बीमारी और हाई ब्लड प्रेशर जैसी परेशानी होने की संभावना कम हो जाती है। (और पढ़े - पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय)
  • आप क्रोध से जुड़ी मानसिक और सामाजिक परेशानियों से भी बच जाते हैं, जैसे, अवसाद, कार्य स्थल पर परेशानी, क़ानूनी पचड़े और संबंधों में परेशानी इत्यादि। (और पढ़े - रिश्ते सुधारने के उपाय)
  • आप अपने गुस्से को सकारात्मक रूप से उपयोग करने के काबिल हो जाते हैं। जिससे आप एक प्रेरणा के रूप में गुस्से की ऊर्जा का सही उपयोग कर सकते हैं।
  • यह थेरेपी आपको क्रोध की भावना से बचने के लिए नशे की लत का सहारा लेने से बचा सकती है।

नोट - ये लेख केवल जानकारी के लिए है। myUpchar किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है। आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।

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