हार्मोन थेरपी कैंसर का उपचार है जो हार्मोन का उपयोग करके बढ़ने वाले कैंसर की वृद्धि को धीमा कर देता है या रोक देता है। हार्मोन थेरेपी को हार्मोनल थेरपी, हार्मोन उपचार या एंडोक्राइन थेरेपी भी कहा जाता है।

इस लेख में विस्तार से बताया गया है कि हार्मोन थेरेपी क्या है, हार्मोन थेरेपी से ब्रैस्ट कैंसर का उपचार कैसे किया जाता है इसके साथ इसमें यह भी बताया गया है कि हार्मोन चिकित्सा के क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं।

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  1. हार्मोन चिकित्सा कैसे होती है - Hormones therapy kaise hoti hai in hindi
  2. हार्मोन चिकित्सा क्या है - Hormone therapy kya hai in hindi
  3. हार्मोन चिकित्सा के लाभ - Hormonal therapy benefits in hindi
  4. हार्मोन चिकित्सा के नुकसान - Hormonal therapy side effects in hindi

हार्मोन चिकित्सा का उपयोग अक्सर ब्रैस्ट या प्रोस्टेट कैंसर के उपचार के लिए किया जाता है, क्योंकि कई क्लिनिकल ट्रायल में यह इन मामलों में उपयोगी रही है। इस बात पर अभी शोध चल रहा है कि हार्मोन जोड़-तोड़ की यह प्रणाली अन्य किसी प्रकार के कैंसर में प्रभावी हो सकती है या नहीं।

हार्मोन चिकित्सा को निम्न तरीकों से दिया जा सकता है -

  • ओरल मेडिकेशन - कुछ तरह के उपचार मुँह के द्वारा दिए जाते हैं।
  • इंजेक्शन - कुछ उपचार शरीर की त्वचा या मांसपेशियों में इंजेक्शन के द्वारा दिए जाते हैं।
  • सर्जिकल इंटरवेंशन - उदाहरण के लिए महिलाओं में अंडाशय को निकाल देना, पुरुष में टेस्टिकल्स निकाल देना, जिसके परिणामस्वरूप कुछ निश्चित हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है।

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कुछ रोगियों को लगता है कि हार्मोन चिकित्सा, कीमोथेरपी जितनी प्रभावशाली नहीं है किंतु कुछ ब्रैस्ट और प्रोस्टेट कैंसर में यह उतनी ही प्रभावी हो सकती है।

हार्मोन थेरेपी को एक “सिस्टमिक” थेरेपी माना जाता है, यानी यह पूरे शरीर में पहुँचती है। सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी को “लोकल” थेरेपी माना जाता है क्योंकि ये एक निश्चित जगह पर केंद्रित होती हैं।

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हार्मोन हमारे शरीर में केमिकल संदेशवाहक का कार्य करने वाले तत्व होते हैं। ये शरीर में कई जगहों पर कोशिकाओं और ऊतक के कार्य को प्रभावित करते हैं, अक्सर रक्त धारा के साथ ये अपने लक्ष्य तक पहुँचते हैं।

एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन महिलाओं में रजोनिवृत्ति से पहले अंडाशय द्वारा तथा पुरुष और महिलाओं में रजोनिवृत्ति से पहले और बाद में कुछ अन्य ऊत्तक, फैट और त्वचा द्वारा होता है। एस्ट्रोजन फीमेल सेक्स गुणों को विकसित करने और बनाये रखने तथा लंबी हड्डियों के विकास को बढ़ावा देने का काम करता है। प्रोजेस्टेरोन माहवारी और गर्भावस्था में भूमिका निभाता है।

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एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन कुछ स्तन कैंसर को भी बढ़ावा देते हैं, जिन्हें हार्मोन सेंसिटिव या हार्मोन पर निर्भर स्तन कैंसर कहते हैं। किंतु कुछ मामलों में हार्मोन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर सकते हैं, धीमा कर सकते हैं या रोक सकते हैं।

हार्मोन चिकित्सा कैंसर की वृद्धि को रोकने या धीमी करने के लिए शरीर से हार्मोन निकालने, जोड़ने या उनकों अवरुद्ध करने की एक चिकित्सा प्रणाली है।

हार्मोन चिकित्सा में आमतौर पर उन दवाओं को शामिल किया जाता हैं जो कैंसर कोशिकाओं को वृद्धि के लिए जरुरी हार्मोन लेने से रोकती हैं। कुछ मामलों में, आपके डॉक्टर हार्मोन के उत्पादन के लिए जिम्मेदार ग्लैंड को सर्जरी से काट कर निकाल देते हैं। आपके डॉक्टर हार्मोन थेरेपी को अन्य कैंसर उपचार के साथ-साथ उपयोग कर सकते हैं जैसे कि कीमोथेरपी या रेडिएशन थेरेपी इत्यादि।

ब्रैस्ट कैंसर के लिए हार्मोन थेरेपी और रजोनिवृत्ति संबंधी हार्मोन थेरेपी या एमएचटी (menopausal hormone therapy or MHT) - रजोनिवृत्ति के लक्षणों के इलाज के लिए एस्ट्रोजन या फिर प्रोजेस्टेरोन के साथ मिला कर उपचार करना, दोनों में अंतर होता है इसलिए इनमें कंफ्यूज न हों।

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ये दोनों प्रकार की थेरेपी एकदम विपरीत प्रभाव उत्पन्न करती हैं, ब्रैस्ट कैंसर के लिए हार्मोन चिकित्सा ब्रैस्ट कैंसर को बढ़ावा देने वाले हार्मोन की वृद्धि को रोक देती है वहीं दूसरी और एमएचटी ब्रैस्ट कैंसर को बढ़ावा देने वाले हार्मोन की वृद्धि में मदद कर सकती है। इसीलिए, जब कोई महिला जो एमएचटी करवा रही हो, तो ब्रैस्ट कैंसर का टेस्ट करवाने से पहले उन्हें एमएचटी बंद करने की सलाह दी जाती है।

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सभी ब्रैस्ट कैंसर में से 80% “एस्ट्रोजन पॉजिटिव” (ER-positive) होते हैं। इसका मतलब है कि कैंसर कोशिकाएं एस्ट्रोजन की मदद से बढ़ती हैं। इनमें से 60% “प्रोजेस्टेरोन पॉजिटिव” (PR-positive) भी होती हैं। यानी कि वे प्रोजेस्टेरोन से मदद लेकर बढ़ती हैं।

जो ट्यूमर्स ER/PR पॉजिटिव होते हैं उन पर हार्मोन थेरेपी का प्रभाव ER/PR नेगेटिव की तुलना में अधिक होता है।

सर्जरी, कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी के समाप्त होने के बाद आप हार्मोन थेरेपी ले सकते हैं। ये उपचार एस्ट्रोजन को अवरुद्ध करके बीमारी के फिर से होने की संभावना को रोक सकता है।

टेमोक्सीफेन (tamoxifen) दवाएँ हार्मोन रिसेप्टर्स को अवरुद्ध करके उन्हें हार्मोन से जुड़ने से रोक देती हैं। इससे वे कैंसर को फिर से नहीं होने देती हैं। ये दवाएँ कभी-कभी ब्रैस्ट कैंसर के इलाज के बाद 5 वर्ष तक ली जाती हैं।

दवाओं का एक वर्ग जो "अरोमाटेस इन्हिबिटर्स" (aromatase inhibitors) कहलाता है वो एस्ट्रोजन के उत्पादन को रोक देता है। इसमें अनस्ट्रोज़ोल, एक्सेमेस्टेन्स और लेट्रोज़ोल इत्यादि शामिल हैं। ये केवल उन महिलाओं में उपयोग की जाती है जो रजोनिवृत्ति से गुजर चुकी हैं। 

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साइड इफ़ेक्ट होने का कारण किसी हार्मोन को अवरुद्ध करना या निष्क्रिय करना हो सकता है। महिलाओं के लिए ये प्रभाव रजोनिवृति में होने वाले प्रभावों के समान ही होते हैं, जो उम्र के साथ महिलाओं के एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में प्राकृतिक गिरावट के कारण होता है। 

हार्मोन थेरेपी से होने वाले साइड इफेक्ट्स निम्नलिखित हैं -

हार्मोन में कमी करने से पुरुष और महिला दोनों को ऑस्टियोपोरोसिस होने का जोख़िम बढ़ जाता है। इस साइड इफ़ेक्ट को कम करने के लिए बिसफ़ॉस्फ़ोनेट थेरेपी (Bisphosphonate therapy) का प्रयोग किया जा सकता है।

साथ ही, आपके डॉक्टर ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करने के लिए उपाय करने की सलाह भी दे सकते हैं। जिसमें डाइट या सप्लीमेंट से कैल्शियम और विटामिन डी लेना, वजन उठाने वाली एक्सरसाइज करना और तंबाकू और शराब को छोड़ना शामिल हैं।

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नोट - ये लेख केवल जानकारी के लिए है। myUpchar किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है। आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय लें।

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