आमतौर पर प्याज कटता है तो आंसू आते हैं, फिलहाल कुछ महीनों से यह बिना कटे ही आंसू निकाल रहा है। प्याज की महंगाई का आलम यह है कि देश के कुछ इलाकों में यह 200 रुपये किलो तक बिक रहा है। प्याज को लेकर राजनीति भी देश में खूब होती रही है। 1980 के आम चुनाव को 'अनियन इलेक्शन' भी कहा गया था, क्योंकि प्याज की बढ़ती कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन करने के बाद इंदिरा गांधी की सत्ता में वापसी हुई थी। इसी तरह प्याज की बढ़ी हुई कीमतों के चलते ही साल 1998 में दिल्ली से भाजपा सरकार का सफाया हुआ और शीला दीक्षित पहली बार मुख्यमंत्री बनी थीं। प्याज एक बार फिर रोज अखबारों और टीवी चैनलों की सुर्खियों में है। ऐसे में चलिए जानते हैं स्वास्थ्य की दृष्टि से प्याज हमारे लिए कितना जरूरी है और इसमें कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं।

खामोशी से काम करता है प्याज
वैसे तो प्याज कभी भी हमारी किसी भी सब्जी का मुख्य भाग नहीं होता, लेकिन लगभग हर सब्जी के लिए हमें प्याज की जरूरत होती है। सब्जी में प्याज के पोषक तत्वों के बारे में भी बात नहीं होती है। बात होती है तो बस उस सब्जी के बारे में जिसमें प्याज का इस्तेमाल किया गया है, यानि इतने महत्वपूर्ण प्याज को हम नजरअंदाज कर देते हैं। ये है स्वास्थ्य से जुड़ी प्याज की अनसुनी कहानी...

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सलाद में प्याज
सलाद के रूप में प्याज काफी पसंद किया जाता है, खासतौर पर गर्मियों के दिनों में। 100 ग्राम प्याज में लगभग 40 कैलोरी होती हैं, इसमें 89 फीसदी पानी, 9 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट और 1.7 फीसदी फाइबर होता है। प्याज से हमें प्रोटीन और फैट की भी कुछ मात्रा मिल जाती है। ग्लूकोज, फ्रक्टोज और स्क्रोज भी प्याज से मिलते हैं। प्याज प्यार से बनाए आपके पोषक भोजन में स्वाद का तड़का लगाता है। आंसुओं के साथ प्याज को काटने से लेकर उसे अपने भोजन में मिलाने तक आप, जितनी अलग-अलग तरह से इसे इस्तेमाल करते हैं उतने ही अलग-अलग स्वाद प्याज से मिलते हैं। इसमें ज्यादा कैलोरी भी नहीं होतीं, इसलिए आप बिना चिंता के प्याज का सेवन कर सकते हैं।

आंत के कैंसर का खतरा कम करे प्याज
यह सर्वमान्य तथ्य है कि प्याज में बेहद महत्वपूर्ण प्रीबायोटिक फाइबर होता है। यह पेट में जाने के बाद हेल्दी बैक्टीरिया (प्रोबायोटिक्स) को बढ़ने में मदद करता है। हेल्दी बैक्टीरिया हमारे पेट की सेहत को सुधारता है। साल 2018 में हुई एक स्टडी के अनुसार प्याज में पाया जाने वाला प्रीबायोटिक फाइबर फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से मिलने वाले फाइबर से भी ज्यादा लाभदायक हो सकता है। प्याज में पाया जाने वाला प्रीबायोटिक फाइबर बड़ी आंत के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है और इससे आंत के कैंसर (कोलन कैंसर) का खतरा कम होता है।

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प्याज को उसके एंटीऑक्सीडेंट गुणों और सल्फर कंटेंट के लिए जाना जाता है। प्याज में पाए जाने वाले क्यूरसेटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट को उच्च रक्तचाप और हार्ट हेल्थ के लिए उपयोगी माना जाता है। प्याज में मौजूद कई तरह के सल्फाइड कई किस्म के कैंसर के खतरों को कम करने के लिए जाने जाते हैं। प्याज में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण भी होते हैं।

विटामिन और मिनरल्स से भरपूर है प्याज
प्याज विटामिन सी, बी6, बी9 (फोलेट) और पोटैशियम का प्रमुख स्रोत है। यह सभी तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने, हृदय स्वास्थ्य और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने जैसे स्वास्थ्य लाभों के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, अभी तक इस बारे में तस्वीर स्पष्ट नहीं है कि इन तत्वों को शरीर कैसे ग्रहण करता है, इसलिए इनके फायदों को लेकर किसी स्पष्ट निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता। हालांकि, माना जाता है कि पकाने से कुछ तत्व नष्ट हो जाते हैं या उनके गुण कम हो जाते हैं, इसलिए प्याज को कच्चा खाना अच्छा माना जाता है। कटने के 10 मिनट बाद कच्चा प्याज खाने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।

डायबिटीज में फायदेमंद प्याज
माना जाता है कि डायबिटीज के मरीजों को प्याज के सेवन से फायदा होता है, हालांकि अभी इस पर रिसर्च की जरूरत है। टाइप 2 डायबिटीज पर हुई एक स्टडी में पता चला कि प्रतिदिन 100 ग्राम प्याज के सेवन से ब्लड शुगर के स्तर को नीचे लाने में मदद मिलती है। एक ऑब्जरवेशनल स्टडी के अनुसार प्याज का सेवन महिलाओं में हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।

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ऐसे काटेंगे तो प्याज कटने पर नहीं निकलेंगे आंसू
महंगा होने के बावजूद अगर आपने प्याज खरीदने की हिम्मत दिखा ही दी है तो बता दें कि इसे पानी में काटने से आंसू कम निकलेंगे। दरअसल प्याज को काटने पर उसमें मौजूद लैक्रमैट्री फैक्टर हवा में उड़ता है और आंसू निकालता है। पानी इस गैस के बड़े हिस्से को खुद में घोल देता है, जिससे आंसू कम निकलते हैं। 

ऐस लोग सस्ता होने पर भी न खाएं प्याज
फिलहाल लोगों ने महंगाई की वजह से प्याज से दूरी बना रखी है। कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें सस्ता होने पर भी प्याज से दूर ही रहना चाहिए। हालांकि, प्याज से जुड़ी एलर्जी आम बीमारी नहीं है, लेकिन जिन्हें यह परेशानी है उन्हें प्याज नहीं खाना चाहिए। इसमें एफओडीएमएपी (FODMAP) होता है। यह एक शॉर्ट चेन कार्बोहाइड्रेट है जो उन लोगों के पेट के लिए घातक हो सकता है, जो इसे पचा नहीं पाते। जिन लोगों में इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) होता है, उनमें एलर्जी और एफओडीएमएपी की आशंका ज्यादा है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं

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