आपने भी यह बात जरूर महसूस की होगी कि इन दिनों मौसम तेजी से बदल रहा है, गर्मी और उमस भरा मौसम खत्म हो रहा है और सर्दियों का मौसम शुरू होने वाला है। खासकर अहले सुबह और रात के समय तापमान कुछ कम हो जाता है और हल्की ठंडी हवा महसूस होती है। जब भी मौसम या ऋतु में बदलाव होता है तो इस कारण हमारे शरीर में भी कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। आयुर्वेद का मानना है कि बाहरी वातावरण का हमारी आंतरिक सेहत पर सीधा असर होता है। यही वजह है कि आयुर्वेद हमें सलाह देता है कि हमें इस गैप को भरने के लिए ऋतुचर्या या सीजनल रूटीन का पालन करना चाहिए ताकि बदलते मौसम में हम बीमार पड़ने से बच जाएं और स्वस्थ रहें।  

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हमारा वातावरण और हमारी प्रकृति, हमारे शरीर की संरचना और प्रकृति को निर्धारित करती है। तापमान में बदलाव या हवा में नमी में बदलाव का सीधा असर हमारी प्राकृति या दोषों पर भी पड़ता है। उदाहरण के लिए, ठंडी और शुष्क जगह में रहने से शरीर में वात्त बढ़ता है और शरीर में सूखापन भी आता है। गर्म मौसम जहां पित्त दोष को बढ़ाता है, वहीं मानसून का सीजन कफ दोष को बढ़ाने का काम करता है।

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अक्सर बदलते मौसम में बड़ी संख्या में लोगों को सर्दी-जुकाम, बुखार, फ्लू या एलर्जी की समस्या हो जाती है। लिहाजा अगर आप अपनी इम्यूनिटी को बढ़ा लें तो आप बीमार पड़ने से बच सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि बदलते मौसम में बीमार पड़ने से बचने के लिए कैसे आपको सावधानी बरतनी चाहिए और क्या खाना चाहिए, क्या नहीं। साथ ही बच्चों को भी बदलते मौसम में हेल्दी रखने के लिए क्या-क्या करना चाहिए।

  1. बदलते मौसम में क्या खाएं, क्या नहीं? - What to eat during changing weather in hindi
  2. बदलते मौसम में बच्चों को कैसे बचाएं? - Tips for kids during changing weather in hindi
बदलते मौसम में सावधानी, क्या खाएं-क्या नहीं के डॉक्टर

हम जो भी खाते हैं उसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। लिहाजा स्वस्थ और संतुलित भोजन का सेवन करना बेहद जरूरी है, खासकर बदलते मौसम में ताकि आपकी इम्यूनिटी मजबूत बने और आप बीमार पड़ने से बच जाएं। अपने खानपान में बस थोड़ा सा बदलाव करके आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में अभी के मौसम में जब गर्मी जा रही है और सर्दियों का मौसम आ रहा है, आपको क्या-क्या खाना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए, इस बारे में यहां जानें:

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डेली डाइट में सूप को शामिल करें - Daily soup zaroor piye

सूप एक त्वरित, गर्म भोजन है जो सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद माना जाता है। सूप को एक संपूर्ण संतुलित आहार भी माना जाता है क्योंकि सूप में ढेर सारी सब्जियां या चिकन भी डाला जाता है जो आपके शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व प्रदान करने में मदद करता है। सूप पीने से न सिर्फ शरीर की ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है बल्कि काफी देर तक पेट भी भरा हुआ महसूस होता है। खासकर बदलते मौसम में तो गर्म सूप आपके शरीर के तापमान को बढ़ाकर आपको अंदर से गर्म रखने में मदद करता है। इसलिए रोजाना एक बाउल सूप का सेवन जरूर करें। आप चाहें तो अपनी पसंद के अनुसार चिकन सूप, टमेटो सूप, वेज सूप, स्वीट कॉर्न सूप, दाल सूप किसी का भी सेवन कर सकते हैं।

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मौसमी फल और सब्जियां बढ़ाएंगी इम्यूनिटी - Seasonal fruits aur veggies se badhaye immunity

फल और सब्जियां तो संतुलित डाइट का अहम हिस्सा मानी जाती हैं। लेकिन बदलते मौसम में आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप मौसमी फल और सब्जियों का ज्यादा सेवन करें ताकि शरीर की इम्यूनिटी यानी रोगों से लड़ने की क्षमता बनी रहे। अभी अक्टूबर का महीना चल रहा है और सर्दियां शुरू होने वाली हैं, ऐसे में इस मौसम में पपीता, अनार, अमरूद, रसभरी, शरीफा (कस्टर्ड ऐपल), सेब, आदि फल ज्यादा मिलते हैं। वहीं, सब्जियों की बात करें तो पत्ता गोभी, चुकंदर, गाजर, मूली, मटर, पालक, शलगम, कद्दू जैसी सब्जियां इस मौसम की सब्जियां हैं जिसका सेवन आपको करना चाहिए।

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अदरक और शहद का सेवन करें - Ginger aur honey khaye

जैसा कि हमने पहले ही बताया कि बदलते मौसम में सर्दी-खांसी की समस्या बढ़ जाती है। लिहाजा बचाव ही इलाज से बेहतर है और इसलिए आपको बीमार पड़ने से बचने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए। बदलते मौसम के दौरान गले में खराश, गले में दर्द या खांसी की समस्या से बचने के लिए रोजाना दिन में 2 बार अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर खाएं। ऐसा करने से आप गले में होने वाले इंफेक्शन और सर्दी-जुकाम से बचे रहेंगे।

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हल्दी वाला दूध है रामबाण उपाय - Haldi wala doodh piye

बदलते मौसम में आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने में हल्दी वाला दूध रामबाण उपाय का काम कर सकता है। हल्दी में मौजूद कर्क्युमिन एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर आपको बीमार पड़ने से बचा सकता है। लिहाजा रोजाना दिन में एक बार 1 गिलास दूध में 1 चम्मच हल्दी और 1 चम्मच शहद मिलाकर इसका सेवन करें। वैसे तो आप हल्दी वाला दूध सुबह या शाम कभी भी पी सकते हैं, लेकिन अगर आप रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध पिएं तो इससे आपको अच्छी नींद आएगी और शरीर की हीलिंग (रोगों को हराने की) प्रक्रिया भी तेज होगी। बदलते मौसम में भी हल्दी वाला दूध जिसे गोल्डन मिल्क भी कहा जाता है आपको फिट और हेल्दी बनाए रखेगा।

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बासी भोजन का सेवन न करें - Basi khana na khaye

जब मौसम या ऋतु बदलती है तो सर्दी-जुकाम और फ्लू के साथ ही आंत और पाचन से जुड़ी समस्याएं भी तेज होने लगती हैं। लिहाजा बेहद जरूरी है कि इस दौरान आप बासी भोजन का सेवन न करें। जहां तक संभव हो उतना ही भोजन बनाएं जितना आप खा सकें। सुबह का नाश्ता, दोपहर का लंच और रात के डिनर- तीनों टाइम ताजा भोजन ही करें।

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ड्राई फ्रूट्स और नट्स का सेवन करें - Dry fruits aur nuts khaye

ड्राई फ्रूट्स, नट्स और सीड्स पोषक तत्वों से भरपूर भोजन माने जाते हैं और इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाने में मदद करते हैं। खासकर जब भोजन के बीच में लगने वाली छोटी-छोटी भूख की बात आती है तो चिप्स, बिस्किट जैसी चीजों को स्नैक के तौर पर खाने की बजाए आप नट्स, सूखे मेवे और बीजों का सेवन कर सकते हैं। बादाम, अखरोट, पिस्ता, काजू, किशमिश- ये सारे नट्स एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन ई से भरपूर होते हैं जो बीमारियों से आपको दूर रखने में मदद करते हैं।

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विटामिन सी का बहुत ज्यादा सेवन न करें - Avoid too much vitamin c in hindi

जब भी बात इम्यूनिटी बढ़ाने की आती है तो ज्यादातर लोग आपको विटामिन सी इनटेक बढ़ाने की सलाह देते हैं क्योंकि विटामिन सी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है जो बदलते मौसम में हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने में शरीर की मदद करता है। शरीर में विटामिन सी की कमी आपको मौसमी बीमारियां जैसे सर्दी-जुकाम और फ्लू के प्रति संवेदनशील बनाती है। ऐसे में संतरा, शिमला मिर्च, अंगूर, किवी, स्ट्रॉबेरीज आदि का सेवन करके शरीर में विटामिन सी के लेवल को बनाए रखना तो जरूरी है लेकिन बहुत अधिक विटामिन सी सप्लिटमेंट्स का सेवन न करें क्योंकि इससे किडनी स्टोन होने का खतरा रहता है।

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रात में सोने से पहले नमक के पानी से गरारे करें - Raat me salt water se gargle

आप गले में संक्रमण होने के बाद ही गरारे करें, ऐसा जरूरी नहीं है। बदलते मौसम में गले में होने वाली किसी भी तरह की समस्या से बचने के लिए रोजाना रात में सोने से पहले गुनगुने पानी में नमक डालकर उस पानी से गरारा जरूर करें। ऐसा करने से आप गले में खराश, गले में दर्द जैसी समस्याओं से बचे रहेंगे।

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आमतौर पर यह देखने में आता है कि जब भी मौसम बदलता है, बच्चे ही इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसलिए, बदलते मौसम के बीच सही भोजन खिलाकर आप अपने बच्चे को बीमारियों से सुरक्षित रख सकते हैं। बदलते मौसम में होने वाली मौसमी बीमारियों से बच्चे को बचाने के लिए भोजन संबंधी निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • बच्चों को खूब सारा शुद्ध पानी पिलाएं। बच्चों को सुबह उठते के साथ कम से कम एक गिलास सादा पानी पीने की आदत डालें। अगर शरीर अच्छी तरह से हाइड्रेटेड हो तो बीमारियों को दूर रखने में मदद मिलती है। (और पढ़ें- बच्चों की सेहत के इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज)
  • विटामिन, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर साबुत अनाज, दालें, अंडा आदि खाद्य पदार्थों को बच्चे की डाइट में शामिल करें।
  • इसके अलावा बच्चे की डेली डाइट में लहसुन, हल्दी, लौंग, दालचीनी और अदरक जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर खाद्य सामग्रियों को भी शामिल करें ताकि उनका इम्यून सिस्टम मजबूत बने और वायरल बीमारियों से बच्चे की रक्षा हो सके।
  • बच्चों की वृद्धि और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए बदलते मौसम में लिक्विड इनटेक को बढ़ाना भी जरूरी है इसलिए बच्चों को हर दिन कम से कम एक बार फ्रूटजूस, गर्म सूप, हल्दी वाला दूध- ये सारी हेल्दी चीजें जरूर पिलाएं। (और पढ़ें- बच्चों की इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं)
  • बच्चों को नट्स, ताजे फल और सलाद भी जरूर खिलाएं। लेकिन बच्चों को सलाद में इस्तेमाल होने वाली कच्ची सब्जियां या फल खिलाने से पहले सुनिश्चित करें कि वे खाद्य पदार्थ अच्छी तरह से धुले हों और साफ हों।
Dr. Dhanamjaya D

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Dt. Surbhi Upadhyay

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