क्या आपके माता-पिता बुजुर्ग हो चुके हैं? उनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है? अगर हां, तो आप उनके लिए सजग हो जाएं। दरअसल बुजुर्ग लोग प्रौढ़, युवा और बच्चों की तुलना में ज्यादा गिरते हैं। जाहिर है इस उम्र में गिरने से उन्हें चोट लग सकती है, हड्डियों में फ्रैक्चर हो सकता है। बढ़ती उम्र में फ्रैक्चर होना एक गंभीर समस्या बन जाता है। डब्लूएचओ के अनुसार गिरने की प्रवृत्ति में बढ़ती उम्र और कमजोरी की वजह से बढ़ोत्तरी होती है। जो वृद्ध व्यक्ति अकेला रहता है, वह समुदाय में रहने वाले बुजुर्गों की तुलना में ज्यादा गिरता है। एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि विटामिन डी सप्लीमेंट की मदद से बुजुर्गों के गिरने में कमी आ सकती है।

क्यों गिरते हैं बुजुर्ग
बुजुर्गों के गिरने को रोकने का कोई क्विक फिक्स फाॅर्मूला नहीं है। आपको बुजुर्गों के गिरने की वजह का पता होना चाहिए। ज्यादातर बुजुर्गों के गिरने के पीछे जैविक, व्यवहार, पर्यावरणीय और सामाजिक आर्थिक कारक जिम्मेदार होते हैं। पर्यावरणीय कारक जैसे जमीन का स्लीपरी होना, कमरे में रोशनी कम होना आदि है। अगर आप अपने बुजुर्ग हो चुके मां-बाप को गिरने से बचाना चाहते हैं, तो इन कारकों को गहराई से समझें। उदाहरण स्वरूप जैविक कारक को कम करना है तो उन्हें विशेषज्ञों की सलाह पर विटामिन डी के सप्लीमेंट देना शुरू करें।

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विटामिन डी क्यों है जरूरी
विटामिन डी हड्डियों के विकास और संतुलन के लिए उपयोगी है। इसके साथ ही विटामिन डी शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है और मांसपेशियों को प्रभावित करता है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि विटामिन डी मांसपेशियों को मजबूती देता है और मांसपेशियों की अच्छी तरह काम करने में मदद करता है। इस तरह विटामिन डी बुजुर्गों में गिरने और फ्रैक्चर होने की आशंका में 20 फीसदी तक कमी लाता है। हालांकि कुछ वजहों से बुजुर्गों में विटामिन डी की काफी कमी हो जाती है। कुछ बुजुर्ग घर से बाहर निकलना बंद कर देते हैं, इस वजह से भी उनमें विटामिन डी की कमी हो जाती है। विशेषज्ञों की मानें तो एक 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग व्यक्ति को विटामिन डी सप्लीमेंट के 800 से 1000 आईयू प्रति दिन लेने चाहिए।

विटामिन डी के सप्लीमेंट सिर्फ बुजुर्ग लोगों के लिए ही जरूरी नहीं है। बुजुर्ग के अलावा भी जो लोग अक्सर गिरते रहते हैं, उन्हें भी विटामिन डी के सप्लीमेंट लेने चाहिए। दरअसल जो लोग हृदय, मस्तिष्क और रक्तचाप के मरीज हैं, वे भी खुद ब खुद गिर जाते हैं। अगर आप यह जांचना चाहते हैं कि कहीं आप उन लोगों में शामिल तो नहीं जो अपने आप गिर जाते हैं, तो इसके लिए एक टेस्ट कर सकते हैं। यह टेस्ट आप घर में ही कर सकते हैं। इस टेस्ट को गेट-अप-एंड-गो के नाम से जाना जाता है। इस टेस्ट के तहत सबसे पहले आप एक आर्म चेयर पर बैठें। कुछ देर बाद चेयर से उठें और आगे की ओर दस कदम चलें। फिर पीछे की ओर मुड़ें और चेयर पर बैठ जाएं। अगर इस प्रक्रिया में आपको दस सेकेंड से ज्यादा समय लग रहा है तो समझ लीजिए कि आपमें भी गिरने की आशंका काफी ज्यादा है।

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कितनी मात्रा में लें विटामिन डी
यूं तो विटामिन डी कितना लेना है, इस संबंध में विशेषज्ञों से बात करना ही सही रहता है। फिर भी आपको बताते चलें कि एक सामान्य व्यक्ति को 700 से 1000 यूनिट तक विटामिन डी प्रतिदिन लेना चाहिए। हालांकि व्यक्ति दर व्यक्ति यह बात निर्भर करती है कि उसे एक दिन में कितनी मात्रा में विटामिन डी लेना चाहिए।

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ओवर डोज लेने से हो सकते हैं नकारात्मक प्रभाव भी
विटामिन डी फ्रैक्चर होने के रिस्क को कम करता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि विटामिन डी का ओवर डोज लेना भी सही नहीं है। इससे मांसपेशियों को नुकसान पहुंच सकता है।

कुला मिलाकर कहने की बात यह है कि आपके बुजुर्ग हो चुके मां-बाप की परवाह करते हैं, तो उन्हें गिरने से रोकें। इसके लिए उन्हें विशेषज्ञों की सलाह पर विटामिन डी के सप्लीमेन्ट्स दे सकते हैं। इसके साथ ही विटामिन डी के डोजेज को लेकर आप सतर्क भी रहें।

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