स्लिम हिप्स और स्लिम जांघ हर महिला का सपना होता है पर सुस्त जीवनशैली और व्यायाम की कमी से वसा सारी जाँघों और कूल्हों में जमने लगती है। इसकी वजह से आप बदसूरत दिखने लगते हैं। लेकिन चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे योगासन बताने वाले हैं जिनको करके आप अपने जाँघों और कूल्हों में जमा फैट दूर कर पाएंगे। डाइट और योग के संयोजन से इन क्षेत्रों का फैट तेज़ी से खत्म हो सकता है।

(और पढ़ें - हिप्स को कम करने के टिप्स)

तो चलिए आपको बताते हैं कुछ आसन जो जाँघों और कूल्हों की वसा को खत्म करने के लिए बने हैं - 

 

  1. कूल्हों को स्लिम करने के लिए योग हैं अधोमुख श्वानासन - Adho mukha svanasana steps for slim hips in hindi
  2. हिप्स कम करने का योगासन है उत्कटासन - Utkatasana for hip fat in Hindi
  3. वीरभद्रासन II से करें कूल्हों की चर्बी कम - Virabhadrasana II reduces hip fat in Hindi
  4. नटराजासन से करें हिप्स कम - Natarajasana helps reduce fat in hip in Hindi
  5. कूल्हों कम करने के योगासन में करें उष्ट्रासन - Ustrasana helps to get rid of hip fat in Hindi
  6. हिप्स को स्लिम करने के लिए योग में करें उपविष्ट कोणासन - Upavistha Konasana for slim hip fat in Hindi
  7. कूल्हों कम करने के योग में रोज़ाना करें जानुशीर्षासन - Janu sirsasana reduces excess fat on hips in Hindi
  8. हिप्स को शेप करने के लिए योग है बद्ध कोणासन - Baddha konasana for hip fat in Hindi
  9. कूल्हों की चर्बी घटने के लिए योग है मालासन - Malasana pose makes hip in shape in Hindi
  10. हिप्स की चर्बी घटने के लिए योग है नावासन - Navasana benefits for hip fat in Hindi
  11. हिप्स कम करने के लिए करें शलभासन योग - Salabhasana for hip fat in Hindi
  12. सेतुबंधासन से करें कूल्हों को कम - Setu bandhasana keeps hips in shape in Hindi
  13. आनंद बालासन पोज़ करता है हिप्स को स्लिम - Ananda Balasana for hip fat in Hindi

अधोमुख श्वानासन कंधों, हैमस्ट्रिंग, पिंडली और बाज़ुओं में खिचाव लाता है। साथ साथ बाज़ुओं और टाँगों को मज़बूत बनाता है। यह आसान आपके कूल्हों और जांघों को आकार देता है और उन्हें स्लिम और आकर्षक बनता है। इसको करने की पूरी विधि और अन्य स्वास्थ्य लाभ जानने के लिए यह पढ़ें: अधो मुख श्वानासन करने का तरीका और फायदे

नोट : गर्भवती महिलाओं को तीसरे तिमाही के बाद इस मुद्रा को नहीं करना चाहिए। उच्च बीपी या सिरदर्द वाले लोग या दस्त से पीड़ित लोगों को अपने सिर के निचे किसी प्रकार का सहारा देने के बाद इस आसन को करना चाहिए।

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अन्य नाम - चेयर पोज़।

उत्कटासन करने के फायदे - इस आसन को करने से आपके पैरों की मांसपेशियां उत्तेजित होती हैं खासकर कुल्हें और जाँघों की। चेयर पर बैठना बहुत ही आसान है लेकिन काल्पनिक चेयर पर बैठने से शरीर को इस अवस्था बनाये रखने से आपकी मांसपेशियां खींचती हैं। इसको करने से आपके शरीर का वज़न पैरों पर पड़ेगा खासकर कूल्हों और जाँघों की मांसपेशियों पर। इससे न ही आपके पैर टोन होंगे बल्कि उस पूरे क्षेत्र की मांसपेशिया भी मजबूत होंगी और वसा भी कम होगी।

(और पढ़ें - उत्कटासन करने का तरीका और फायदे)

कैसे करें - सबसे पहले सीधा ताड़ासन में खड़े हो जाएँ। फिर अपनी टांगों को हल्का मोड़ें और अपने कूल्हों को भी  थोड़ा मोड़ लें जैसे आप चेयर पर बैठते हैं वैसे। अब सांस लें और अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर लेकर जाएँ। कुछ मिनट के लिए इस अवस्था को बनाये रखें और साँस को छोड़ते और लेते रहें।

ज़रूरी टिप्स - अगर आप इस अवस्था को करने के लिए नए हैं तो सबसे पहले फिर अपने शरीर की सुने यानी आपसे जितना हो उतना अपने कूल्हों को झुकाएं। लेकिन धीरे धीरे अपने कूल्हों को झुकाना शुरू करें। एक बार जब आप इस अवस्था में आराम महसूस करने लगेंगे तो इस प्रक्रिया का समय और करने की क्षमता को बढ़ाते रहें।

(और पढ़ें - जांघो को पतला करने के लिए व्यायाम)

अन्य नाम - वारियर पोज़ II 

वीरभद्रासन II करने के फायदे - ये आसन पैरों के लिए कार्य करता है लेकिन खासकर जाँघों पर। ये अवस्था बाहर से तो बहुत आसान लगेगी लेकिन ये इसे करते समय हमारी मांसपेशियां अंदर से बेहतरीन काम कर रही होती हैं। इस आसन में दोनों पैरों को लाभ एक ही समय पर अलग अलग ढंग से मिलता है। इस आसन की मदद से आपके जाँघों और कूल्हों की वसा कम करने में मदद मिलती है। 

(और पढ़ें - वीरभद्रासन 2 करने का तरीका और फायदे)

कैसे करें – सबसे पहले अपने पैरों को जितना हो सके उतना खोल लें। अब अपने दाएं पैर की एड़ी को मोड़ें और उसके पंजे को बाहर की तरफ रख दें और अपने बाएं पैर को ऐसे ही रखें रहने दें। आपके बाएं पैर की एड़ी दाएं पैर से बिल्कुल सीध में होनी चाहिए। अब अपने कूल्हों को झुकाएं और फिर अपने हाथों को स्ट्रेच करें। अपनी गर्दन को दाएं तरफ घुमाकर रखें और अवस्था को बनाएं रखें। अवस्था में साँस को धीरे धीरे लेते रहें। यही प्रक्रिया दूसरी तरफ भी करें।

अन्य नाम - लार्ड ऑफ़ द डांस पोज़। 

नटराजासन करने के फायदे - इस आसन में स्ट्रेच करने से आपके कूल्हे उत्तेजित होते हैं। जाँघों की अंदर और बाहर की मांसपेशियां टोन होना शुरू कर देती हैं। इस आसन में शरीर का भार पैरों पर पड़ता है जिससे पैरों को मजबूती मिलती है। पेल्विस से पैर और टांगों की मांपेशियाँ टोन और स्ट्रेच होना शुरू हो जाती हैं। आपके कूल्हों की मांसपेशियां खुलती हैं। आपके पैरों में रक्त परिसंचरण बढ़ने लगता है जिसकी मदद से ताज़ा ऑक्सीजन और पोषण जाँघों और कूल्हों को मिलना शुरू हो जाता है। इस आसन की मदद से आप अपने जाँघों और कूल्हों की चर्बी को कम कर सकते हैं। 

कैसे करें - सबसे पहले ताड़ासन में खड़े हो जाएँ। फिर अपने दाएं पैर को ऊपर उठाते हुए पीछे की तरफ लेकर जाएँ। अब दाएं पैर के घुटनों को मोड़ लें और दाएं हाथ को सीधा ले जाते हुए दाएं पैर के पंजे को पकड़ लें। जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो अपने बाएं हाथ को आगे की तरफ स्ट्रेच करें। अब इस हाथ से ज्ञान मुद्रा बना लें। अपनी निगाहें बाएं हाथों की उँगलियों पर रखें। कुछ सेकेंड्स के लिए इस अवस्था को बनाएं रखें और तेज़ तेज़ सांस लेते रहें। फिर यही प्रक्रिया दूसरे पैर से भी दोहराएं।

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अन्य नाम - कैमल पोज़।

उष्ट्रासन करने के फायदे - इस आसन को करने से आपकी छाती और कूल्हे की मांसपेशियों को बेहद लाभ पहुंचेगा। इस आसन से आपके सभी अंग टोन होते हैं खासकर जांघों के। ये आसन आपके शरीर के सामने वाले अंगों को लाभ पहुंचाता है जिससे आपके जाघों के आगे की मांसपेशियां उत्तेजित और टोंड हो। उष्ट्रासन करने से जाँघों और कूल्हे की चर्बी बर्न होना शुरू हो जाती है। 

(और पढ़ें - उष्ट्रासन करने की विधि और फायदे)

कैसे करें - सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएँ। अब अपने कूल्हों और शरीर को ऊपर की तरफ उठायें। अब अपनी छाती को खोलें और पीछे की तरफ मुड़ जाएँ। फिर आपने कंधे को पंजे तक लेकर जाएँ जिससे आपके कंधे स्ट्रेच हो। अब धीरे धीरे सिर को पीछे की तरफ लेकर जाएँ। जितना आपसे हो सके उतना इस अवस्था को बनाये रखें और गहरी सांस लेते रहें।

अन्य नाम - सीटेड वाइड लेग्ड फॉरवर्ड फोल्ड।

उपविष्ट कोणासन करने के फायदे - ये आसन आपके पैरों के ऊपरी भाग के लिए बेहद लाभदायक होता है। ये जाँघों की मांसपेशियों को मजबूती और लचीलापन देता है। इनके साथ साथ उपविष्ट कोणासन करने से जाँघों और कूल्हों से वसा कम होने लगती है। 

कैसे करें - सबसे पहले दण्डासन में बैठ जाएँ। फिर अपने पैरों को जितना हो सके उतना स्ट्रेच करें। फिर अपने हाथों की हथेलियों को सामने लेकर आएं। अगर आप इस अवस्था में ठीक हैं तो थोड़ा अपने शरीर को आगे की तरफ झुकाएं। अगर नहीं हैं तो अपनी कोहनी को मोड़ें और सिर को ऐसे ही सीधा रहने दें। जब तक संभव हो तब तक सांस लेते और छोड़ते रहें। फिर धीरे धीरे पीछे की तरह जाएँ और अपने दोनों पैरों को एक साथ मिला लें।

अन्य नाम - हेड टू नी पोज़।

जानुशीर्षासन करने के फायदे – जानुशीर्षासन जांघों और कूल्हों के जोड़ों के लचीलेपन को बढ़ाता है। मांसपेशियां स्ट्रेच होने से रक्त परिसंचरण बढ़ता है। इससे मांसपेशियां को पोषण मिलता है जिससे वो क्षेत्र स्वस्थ रहता है। ये आसन पैरों को मजबूत करने में मदद करता है।

(और पढ़ें - जानुशीर्षासन करने का तरीका और फायदे)

कैसे करें - सबसे पहले दण्डासन में बैठ जाएँ। अब अपने बाएं पैरों को मोड़कर दाएं पैर की जाघों से मिला लें। अब अपने हाथों को स्ट्रेच करें, धड़ को मोड़ें और फिर हाथों से दाएं पैर को पकड़ लें। यही प्रक्रिया दूसरी तरफ से भी करें।

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अन्य नाम - कोब्लर पोज़, बटरफ्लाई पोज़, बाउंड एंगल पोज़।

बद्ध कोणासन करने के फायदे – ये आसान कूल्हों की मासपेशियां खोलने के लिए बहुत बेहतरीन है। आपकी जाँघों की मांसपेशियां मजबूत और टोंड होती हैं। ये आसन आपके हिप और जाँघों दोनों के लिए कार्य करता है जिससे वहां की चर्बी कम होती नज़र आती है।

(और पढ़ें - बद्ध कोणासन करने का तरीका और फायदे)

कैसे करें - सबसे पहले एक चटाई पर बैठ जाएँ और अपने पैरों को स्ट्रेच कर लें। फिर अपने घुटनों को मोड़ते हुए पैरों को सामने लेकर आएं और कमर को एकदम सीधी रखें। फिर पैरों को हाथों की हथेलियों से पकड़ लें। अब जितना हो सके उतना अपने घुटनों को ज़मीन पर टिकाने की कोशिश करें। कुछ सेकेंड्स तक अपनी अवस्था को बनाये रखें।

अन्य नाम - गारलैंड पोज़।

मलासन करने के फायदे – मलासन एक और अन्य योग है जो पैरों के लिए कार्य कार्य करता है खासकर जाँघों और कूल्हों के लिए। इस अवस्था को करने से आपका रक्त परिसंचरण बढ़ता है। इससे आपके कूल्हों की माँसपेशियाँ खुलती हैं और पैरों को मजबूती मिलती है। इसके साथ ही उस क्षेत्र की वसा भी कम होती है। 

कैसे करें - सबसे पहले खड़े हो जाएँ और पैरों को खोल लें फिर इसी तरह बैठे और अपने हाथों से दोनों पैरों को जितना और हो सके उतना खोलें। हाथों को एक साथ जोड़ लें और निगाहें एकदम सामने रखें। इस अवस्था को तीन सांस लेने तक बनाये रखें।

अन्य नाम - नौकासन, बोट पोज़।

नावासन करने के फायदे – जब आप इस आसन को रोज़ाना करेंगे तो इससे आपके अंग, तंत्रिकाएं, हड्डियां और मांसपेशियां कोर होंगी। इसमें आप अपना शरीर का वज़न कूल्हों पर रखते हैं जिसकी वजह से आपका शरीर बहुत जल्दी कांपने लगता है लेकिन कुछ मिनट तक इस अवस्था को बनाये रखने से आपको परिणाम बेहद अच्छा मिलेगा। इस आसन को करने से आपका रक्त परिसंचरण सुधरता है और पैरों को मजबूती मिलती है।

(और पढ़ें - नावासन करने का तरीका और फायदे)

कैसे करें - सबसे पहले दण्डासन में बैठ जाएँ। फिर अपने पैरों को ज़मीन से ऊपर उठायें। जब आप संतुलन बनालेंगे तब अपने हाथों को भी ज़मीन से ऊपर उठायें और उन्हें एकदम सीधा रखें। जितना सम्भव हो उतना इस अवस्था को बनाये रखें और गहरी सांस लेते रहें।

अन्य नाम - लोकस्ट पोज़, ग्रासशोपर पोज़।

शलभासन करने के फायदे – जाँघों और कूल्हों की वसा दूर करने के लिए ये एक प्रभावी आसन है। इसके साथ ही ये शरीर के अन्य अंगों के लिए भी कार्य करता है। इस अवस्था को करने से आपके पैर मजबूत होते हैं और रक्त का प्रवाह बढ़ता है। आपके जाँघों और कूल्हों को मजबूती, लचीलापन मिलता है। 

(और पढ़ें - शलभासन करने की विधि और फायदे)

कैसे करें - सबसे पहले अपने पेट के बल लेट जाएँ और पेरो को ऊपर की तरफ उठायें। फिर अपनी छाती को भी ऊपर की तरफ उठायें और हाथों को एकदम स्ट्रेच कर लें। निगाहें एकदम सामने रखने और कुछ सेकेंड्स के लिए इस अवस्था को बनाये रखें।

अन्य नाम - ब्रिज पोज़।

सेतुबंधासन करने के फायदे – इस आसन को करने से रक्त परिसंचरण बढ़ता है। बढ़ते कूल्हों की वसा कम होती है। इससे जांघों की मांसपेशियां उत्तेजित और टोंड होती हैं।

(और पढ़ें - सेतुबंधासन करने का तरीका और फायदे)

कैसे करें - सबसे पहले कमर के बल लेट जाएँ और घुटनों को मोड़ लें। अब धीरे धीरे अपने कूल्हों को ऊपर की तरफ उठायें। हाथों को सीधा रखें। गहरी सांस लें। कुछ सेकेंड्स के लिए इस अवस्था को बनाये रखें।

अन्य नाम - हैप्पी बेबी पोज़, डेड बग पोज़।

आनंद बालासन करने के फायदे – ये आसन जाँघों और कूल्हों के लिए सबसे अच्छे आसनों में से एक है। ये कूल्हों की मांसपेशियों को खोलने में मदद करता है। इससे जाँघों की मांसपेशियां स्ट्रेच और उत्तेजित होती हैं। ये आसन आपकी कमर की मांसपेशियों के लिए भी कार्य करता है।

(और पढ़ें - बालासन करने का तरीका और फायदे)

कैसे करें - सबसे पहले अपने कमर के बल लेट जाएँ। अब अपने पैरों को ज़मीन से ऊपर उठायें और घुटनों से मोड़ लें। अब अपने हाथों को स्ट्रेच करें और उनसे पैरों के पंजों को पकड़ें। फिर अपने पैरों को हाथों की मदद से स्ट्रेच करें। घुटनों को मोड़ें रखें। जितना संभव हो कुछ सेकेण्ड तक इस अवस्था को बनाये रखें।


हिप्स और जांघों को स्लिम बनाने के लिए योगासन सम्बंधित चित्र

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