मासिक चक्र नियमित रूप से प्राकृतिक परिवर्तन होता है जो महिला प्रजनन प्रणाली (विशेष रूप से गर्भाशय और अंडाशय) में होता है जो प्रेगनेंसी को संभव बनाता है। यह चक्र गर्भावस्था के लिए गर्भाशय (Uterus) की तैयारी और अंडाशय (ovaries) में अण्डों (ovocytes) को बनाने का काम करता है। पीरियड्स इस चक्र का हिस्सा होते हैं।

किशोरावस्था से हम लोग पीरियड्स से जुड़े कई मिथकों को सुनकर बड़े हुए हैं और सही जानकारी न होने के कारण उनका पालन भी कर रहे हैं। सर्वप्रथम मिथक यह है की मासिक धर्म को आमतौर से बीमारी माना जाता है, लेकिन मासिक धर्म कोई बीमारी या समस्या नहीं है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जैसे पसीना आना, टॉयलेट आना इत्यादि।

हाँ, लेकिन यह ज़रूर सच है कि मासिक धर्म से संबंधित कुछ परेशानियाँ ज़रूर होती हैं, जिन पर ध्यान देना बहुत ही आवश्यक है। उदाहरण के लिए, इसका न होना ज़रूर बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकता है। (और पढ़ें - मासिक धर्म या माहवारी सम्बन्धी समस्याएं और उपचार)

माहवारी से जुड़े ऐसे ही अन्य मिथक कुछ इस प्रकार हैं:

  1. मासिक धर्म चक्र होता है 28 दिन लंबा - Periods Start Every 28 Days in Hindi
  2. मासिक धर्म में पूजा नहीं करनी चाहिए - Can We Go Temple During Periods in Hindi
  3. पीरियड ब्लड गंदा होता है - Period Blood is Dirty in Hindi
  4. मासिक धर्म आने के लक्षण वास्तविक नहीं हैं - PMS is Not Real in Hindi
  5. मासिक धर्म मे गर्भधारण नहीं होता है - You Can't Get Pregnant on Your Period in Hindi
  6. माहवारी के दौरान सेक्स करना ठीक है या नहीं - Sex during periods is safe or not in Hindi
  7. पीरियड में योग करे या नहीं - Exercise During Periods is Harmful in Hindi
  8. पीरियड्स के दौरान स्विमिंग नहीं करनी चाहिए - Can We Swim During Periods in Hindi

अधिकतर लोगों का मानना है कि मासिक धर्म चक्र 28 दिनों का ही होता है लेकिन ऐसा नहीं है। ज्यादातर महिलाओं को यह 28 दिन के अंतराल पर होते हैं लेकिन कभी-कभी यह 24 से 35 दिन के अंतराल पर भी होते हैं। इतना अंतराल होना आम बात है, यह कोई समस्या नहीं है।

(और पढ़ें - पीएमएस के लक्षण)

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यह मिथक आज के समय में भी सभी मिथकों में सबसे ज्यादा माना जाने वाला है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को पूजा पाठ, व्रत, मंदिर आदि से दूर रहना चाहिए। लेकिन यह बिलकुल गलत सोच है। लोगों का मानना है कि इस दौरान महिलायें अशुद्ध होती है और वो जिस भी चीज़ को छूती है वो भी अशुद्ध हो जाती है। लेकिन यह भी सोचने वाली बात है कि भगवान् जो कि सर्वोपरि हैं वो किसी स्त्री के छूने से कैसे अशुद्ध हो सकते हैं। नारीत्व प्रकृति का सबसे अनमोल उपहार है जिस पर हमें गर्व होना चाहिए। इस तरह से कुछ जैविक क्रियाओं के कारण महिलाओं को शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए और मंदिर जाने या पूजा, व्रत आदि करने में कोई बुराई नहीं है। 

(और पढ़ें - महिला कंडोम)

कई लोग मासिक धर्म के रक्त को गंदा (अशुद्ध) मानते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। यह गर्भाशय की पुरानी ऊतक कोशिकाओं (tissue cells), योनि (vagina) तथा सर्विक्स (cervix) के स्राव और रक्त का मिश्रण होता है। यह अपनी बनावट और अन्य गुणों (जिसमें अधिक पानी और कम आयरन (लोहा) होता है) के कारण सामान्य रक्त से थोड़ा अलग होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मासिक धर्म का रक्त गंदा या अशुद्ध होता है।

काफी लोग यह मानते हैं कि मासिक धर्म के पूर्व के लक्षण वास्तविक नहीं हैं जबकि ऐसा नहीं है। प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम (PMS) एक वास्तविक स्थिति है जो लगभग 50 प्रतिशत महिलाओं को महसूस होती है। इस स्थिति का अनुभव पीरियड्स होने के एक या दो हफ्ते पहले से होने लगता है, जिनमें चिड़चिड़ापन, पेट में दर्द, बेचैनी, घबराहट, भूख न लगना आदि लक्षण प्रमुख हैं। 

(और पढ़ें - असामान्य मासिक धर्म के लक्षण)

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लोगों का मानना है कि पीरियड्स के दौरान गर्भधारण नहीं किया जा सकता लेकिन इस दौरान गर्भधारण करना थोड़ा मुश्किल है नामुमकिन नहीं। शुक्राणु (sperm) योनि में 5 दिन तक रह सकते हैं इसलिए अगर इस दौरान असुरक्षित सेक्स होता है और अण्डोत्सर्ग (Ovulation in Hindi) थोड़ा जल्दी होता है तो आप गर्भधारण कर सकते हैं क्योंकि स्पर्म को अंडे तक पहुंचने के लिए पर्याप्त समय होता है। 

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी टेस्ट कितने दिन में करे और टेस्ट ट्यूब बेबी कैसे होता है)

बहुत से लोगों को लगता है की मासिक धर्म के दौरान सेक्स नहीं कर सकते लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। पीरियड्स में सेक्स करने में कोई दिक्कत नहीं है। बल्कि अधिकतर महिलाओं को इस समय उत्तेजना का अनुभव होता है। लेकिन पीरियड्स में सेक्स करने से पहले कंडोम का इस्तेमाल ज़रूर करें।

(और पढ़ें - मासिक धर्म के दौरान सेक्स और sex karne ka tarika)

सारे मिथकों में सबसे बड़ा मिथक यह है कि मासिक धर्म में महिलाएं व्यायाम नहीं कर सकतीं। जबकि कुछ लोगों का मानना है कि इस दौरान महिलाओं को चोट लगने की सम्भावना बढ़ जाती है या उनमें कमज़ोरी आ जाती है। लेकिन यह बिलकुल गलत है। अगर आप थोड़ा बहुत व्यायाम करती हैं तो पीएमएस (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम: PMS) से आसानी से निपटा जा सकता है। इस दौरान किसी भी प्रकार का व्यायाम करने के लिए कोई नियम या प्रतिबन्ध नहीं है। 

(और पढ़ें - पीरियड्स के समय एक्सरसाइज)

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लोग मानते हैं कि पीरियड्स के दौरान पानी में या स्विमिंग के लिए नहीं जाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं है। आप स्विमिंग के दौरान टैम्पॉन (tampon) का उपयोग कर सकते हैं इससे आपके स्विमिंग सूट पर दाग नहीं लगते। पानी में पैड की जगह टैम्पॉन का ही उपयोग करना चाहिए क्यूंकि वो अपनी जगह से नहीं हटता। टैम्पॉन (टैम्पॉन कपड़े के टुकड़े का बना होता है जो किसी भी घाव से या मासिक धर्म में होने रक्त स्राव को सोखता है। यह सुई की तरह दिखता है।) का उपयोग व्यायाम और खेलते समय भी कर सकते हैं। 

(और पढें - पीरियड्स में स्विमिंग)

संदर्भ

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