नटराज आसन भगवन शंकर का मुख्य आसन माना जाता है। शिव का एक और नाम नटराज भी है इसलिए इसे नटराज आसन कहा जाता है। इस योग मुद्रा से शरीर को संतुलित करने में मदद मिलती है। इस योग का अभ्यास खड़े होकर किया जाता है।

इस लेख में नटराज आसन के फायदों और उसे करने के तरीको के बारे में बताया है। साथ ही इस लेख में नटराज आसन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी गई है। लेख के अंत में नटराज आसन से संबंधित एक वीडियो शेयर किया गया है।

(और पढ़ें - एनर्जी बढ़ाने के उपाय)  

  1. नटराज आसन के फायदे - Natarajasana (Dancer Pose) ke fayde in Hindi
  2. नटराज आसन करने का तरीका - Natarajasana (Dancer Pose) karne ke tarike in Hindi
  3. नटराज आसन करने में क्या सावधानी बरती जाए - Natarajasana (Dancer Pose) me kya savdhani barten in Hindi
  4. नटराज आसन का वीडियो - Natarajasana (Dancer Pose) Video in Hindi

नटराज आसन के लाभ कुछ इस प्रकार हैं –

  1. यह आसन तंत्रिका तंत्र में संतुलन लाता है।
  2. इस आसन को नियमित करने से शरीर पर नियंत्रण का विकास होता है।
  3. यह आसन मानसिक एकाग्रता प्रदान करता है।
  4. नटराजन आसन को करने से पैरों में लचीलता आती है।
  5. मन को शांत करने के लिए यह आसन बहुत फायदेमंद है।
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नटराज आसन करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से दे रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें –

  1. सबसे पहले खड़े हो जाएं। पंजों को एक साथ रखें और आंखों की सीध में किसी बिंदु पर दृष्टि केंद्रित करें। दाएं घुटने को मोड़ें और शरीर के पीछे दाहिने हाथ से टखने को पकड़ लें। 
  2. दोनों घुटनों को एक साथ रखते हुए संतुलन बनाये रखें। 
  3. धीरे-धीरे दाहिने पैर को उठाते हुए पीछे की ओर तानें और जितना संभव हो ऊंचा उठायें। यह जांच लें कि दायां कुल्हा बिल्कुल न मुड़े और पैर शरीर के ठीक पीछे ऊपर की ओर उठे। 
  4. बाएं हाथ की तर्जनी के आगे वाले भाग और अंगूठे को ज्ञान मुद्रा में लाकर बाएं हाथ को शरीर के सामने ऊपर की ओर उठायें। नजरे बाएं हाथ पर केंद्रित करें। 
  5. जितनी देर तक संभव हो इस अवस्था को बनाये रखें। 
  6. बाएं हाथ को एक साथ रखें। फिर दाहिने टखने को छोड़ दें और पंजे को नीचे जमीन पर ले आएं। 
  7. दाएं हाथ को नीचे कर बगल में ले आएं। 
  8. आराम करें और फिर से बाएं पैर से आसन को दोहराएं। 

नटराज आसन में बरतने वाली सावधानियां कुछ इस प्रकार हैं –

  1. इस आसन को करते समय अगर आपको कमर में कोई तकलीफ महसूस होती है तो आपको इस आसान को नहीं करना चाहिए।
  2. अगर इस आसन से आपको कंधे में दर्द, कूल्हों में दर्द या घुटनों में दर्द होता है तो इस अभ्यास को वही रोक दें।
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