वायु का मतलब हवा होता है। यह योग मुद्रा आपके शरीर में मौजूद हवा के तत्वों का ध्यान रखती है। वायु मुद्रा आपके शरीर में हवा के तत्वों को नियंत्रित करती है और उन्हें चलते रहने में मदद करती है। जिससे आपका शरीर लम्बे समय तक स्वस्थ रहता है। शरीर में हवा अनियंत्रित होने से हाथ की वायु मुद्रा सभी बीमारियों और अनियमितताओं का ध्यान रखने में मदद करती है।

इस लेख में वायु मुद्रा करने के फायदों और उसे करने के तरीको के बारे में बताया है। साथ ही इस लेख में वायु मुद्रा करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी गई है। लेख के अंत में वायु मुद्रा से संबंधित एक वीडियो शेयर किया गया है।

(और पढ़ें - बीमारियों का इलाज)

  1. वायु मुद्रा के फायदे - Vayu mudra ke fayde in Hindi
  2. वायु मुद्रा करने का तरीका - Vayu mudra karne ka tarika in Hindi
  3. वायु मुद्रा का वीडियो - Vayu mudra Video in Hindi

वायु मुद्रा के लाभ कुछ इस प्रकार हैं –

  1. वायु मुद्रा आपके शरीर में हवा के तत्वों को नियंत्रित और विनियमित करती है। 
  2. इससे शरीर में अनियंत्रित हवा का भी इलाज होता है।
  3. इस मुद्रा को करने से पेट और शरीर से अधिक हवा बाहर निकालने में मदद मिलती है। (और पढ़ें - गैस का घरेलू उपाय)
  4. यह मुद्रा आपकी छाती को मजबूत करती है।
  5. ये मुद्रा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। (और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के तरीके)
  6. वायु मुद्रा पैरालिसिस (लकवा) के लिए भी बेहद लाभदायक है।
  7. इस योग मुद्रा से कई अन्य प्रकार का विकार भी ठीक हो जाता है।
(और पढ़ें - अग्नि मुद्रा)
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

वायु मुद्रा करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से बता रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें –

  1. सबसे पहले आरामदायक कपड़े पहन लें।
  2. फिर आराम से किसी सुखद जगह पर बैठ जाएं।
  3. आपका शरीर एकदम आराम की अवस्था में चला जाना चाहिए। बस आपके मस्तिष्क को ध्यान लगाने का कार्य करना है।
  4. फिर अपने दोनों हाथों की तर्जनी उंगलियों को अंगूठे के निचले क्षेत्र पर रखें।
  5. अब आराम से अपने अंगूठे से तर्जनी उंगली को दबाएं। इससे हवा के तत्वों पर दबाव बनेगा।
  6. इस मुद्रा का रोजाना 45 मिनट तक अभ्यास करें।

(और पढ़ें - पृथ्वी मुद्रा के फायदे)

ऐप पर पढ़ें