शीतकारी प्राणायाम आपके तन और मन को ठंडक पहुँचाता है। इसका प्रभाव शीतली प्राणायाम के काफ़ी सामान्य होता है, किंतु दोनो प्राणायाम अलग हैं और अपनी ज़रूरत अनुसार किए जाने चाहिए। शीतली प्राणायाम की तरह ही शीतकारी प्राणायाम के बारे में प्राचीन पाठ "हठ योग प्रदीपिका" में लिखा गया है।

इस लेख में शीतकारी प्राणायाम के आसन को करने के तरीके और उससे होने वाले लाभों ंके बारे में बताया गया है। साथ में यह भी बताया गया है कि इस प्राणायाम को करने के दौरान क्या सावधानी बरतें। लेख के अंत में एक वीडियो भी शेयर किया गया है।

  1. शीतकारी प्राणायाम के फायदे - Pranayama (Hissing Breath) ke fayde in Hindi
  2. शीतकारी प्राणायाम करने से पहले यह आसन करें - Pranayama (Hissing Breath) se pahle ye aasan kare in HIndi
  3. शीतकारी प्राणायाम करने का तरीका - Pranayama (Hissing Breath) karne ka tarika in Hindi
  4. शीतकारी प्राणायाम करने में क्या सावधानी बरती जाए - Pranayama (Hissing Breath) me kya savdhani barte in Hindi
  5. शीतकारी प्राणायाम करने के बाद आसन - Pranayama (Hissing Breath) karne ke baad aasan in Hindi
  6. शीतकारी प्राणायाम का वीडियो - Pranayama (Hissing Breath) Video in Hindi

शीतकारी प्राणायाम के लाभ इस प्रकार हैं:

  1. यह तन और मन को शीतल कर देता है। (और पढ़ें - मेडिटेशन करने के तरीके)
  2. शीतकारी प्राणायाम मस्तिष्क के उन केंद्रों को प्रभावित करता है जो शारीरिक तापमान को केंद्रित करते हैं।
  3. यह सारे शरीर में प्राण-प्रवाह को आसान बनाता है।
  4. शीतकारी प्राणायाम सारे शरीर की मांसपेशियों को आराम पहुँचाता है। (और पढ़ें - मांसपेशियों में दर्द का इलाज)
  5. यह प्राणायाम दिमाग़ और संपूर्ण शरीर को शांत करता है, इसलिए अगर इसे सोने से पहले करें तो यह सुखद नींद पाने में मदद करता है। (और पढ़ें - नींद ना आने पर क्या करें)
  6. शीतकारी प्राणायाम करने से प्यास और भूख पर काबू बढ़ता है। (और पढ़ें - भूख बढ़ाने की दवा)
  7. इसका नियमित अभ्यास रक्तचाप को कम कर सकता है। (और पढ़ें - लो ब्लड प्रेशर ट्रीटमेंट)
  8. दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखता है शीतकारी प्राणायाम। (और पढ़ें - मसूड़ों की बीमारी)
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

शीतकारी प्राणायाम शरीर को ठंडक पहुँचाता है। इसलिए इसे आसन और किसी भी अन्य प्राणायाम अभ्यास के बाद करना चाहिए।

शीतकारी प्राणायाम करने का तरीका इस प्रकार है:

  1. किसी भी सुविधाजनक ध्यान करने की मुद्रा में बैठें। आँखें बंद करें और सारे शरीर को रिलेक्स करें। हाथों को चिन या ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रख सकते हैं।
  2. दांतों को हल्के से जोड़ें, पर होंठ अलग रखें ताकि अगर कोई सामने खड़ा हो तो उसे आपके दाँत दिखाई दें।
  3. जीभ को फ्लैट रख सकते हैं या मोड़ कर मूह के उपरी हिस्से पर टिका कर रख सकता है।
  4. दांतों के माध्यम से धीमे से और गहराई से साँस लें।
  5. जब साँस अंदर ले लें, तो मुंह को बंद कर लें। जीभ को वैसे ही रखें जैसे शुरू में थी।
  6. एक नियंत्रित तरीके से नाक से धीरे-धीरे साँस छोड़ें।
  7. यह एक चक्र है। 9 चक्र करें।
Shilajit Resin
₹1299  ₹1299  0% छूट
खरीदें
  1. यदि आपके संवेदनशील दाँत हों, दाँत कम हों या दाँत ना हों तो शीतकारी प्राणायाम के बजाय शीतली प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए।
  2. निम्न रक्तचाप या कोई भी साँस से संबंधित बीमारी हो तो शीतकारी प्राणायाम का अभ्यास ना करें।
  3. अगर आपको हृदय रोग हो, तो इस प्राणायाम के अभ्यास में साँस ना रोकें।
  4. अगर आपको पुरानी कब्ज की शिकायत हो तो शीतकारी प्राणायाम ना करें।
  5. सामान्य रूप से, इस प्राणायाम को सर्दियों में या ठंडे वातावरण में ना करें।
(और पढ़ें - कब्ज का इलाज)

शीतकारी प्राणायाम करने के बाद आप शवासन करें।

Shilajeet Capsule
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

ऐप पर पढ़ें