सूर्य पिंगला नाड़ी का परिचायक है और भेद का अर्थ होता है 'भेदन करना' 'होकर निकलना' या 'जागृत करना'। इस प्रकार सूर्यभेद का अर्थ हुआ पिंगला नाड़ी को भेदना या परिष्कृत करना। यह प्राणायाम तंत्रिका तंत्र और पाचन क्रिया की कार्यक्षमता को बढ़ाता है।

इस लेख में सूर्यभेदन प्राणायाम करने का तरीका और इसके लाभों के बारे में जाानकारी दी गई है, साथ ही प्रणायाम से जुड़ी सावधानियों के बारे में भी बताया गया है। लेख के अंत में सूर्यभेदन प्राणायाम से संबधित एक वीडियो भी शेयर किया गया है। 

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  1. सूर्यभेदन प्राणायाम के फायदे - Surya bhedana pranayama ke fayde in hindi
  2. सूर्यभेदन प्राणायाम करने का तरीका - Surya bhedana pranayama karne ka tarika in hindi
  3. सूर्यभेदन प्राणायाम करने में क्या सावधानी बरती जाए - Surya bhedana pranayama savdhaniyan in hindi
  4. सूर्यभेदन प्राणायाम का वीडियो - Surya bhedana pranayama ka video in hindi

सूर्यभेदन प्राणायाम के फायदे इस प्रकार हैं - 

  1. यह प्रणायाम शरीर की क्रियाओं को बढ़ाता है।
  2. इस प्रणायाम से पेट के कीड़े भी मरते हैं।
  3. अगर आप सर्दियों के दौरान पैरों में बेहद ठंडक महसूस करते हैं तो यह प्रणायाम बेहद लाभदायक है। इसे करने से आपके पेरों में गर्माहट पैदा होगी। 
  4. यह प्रणायाम आपकी भूख को बढ़ाता है। (और पढ़ें - भूख बढ़ाने की दवा)
  5. सर्दी और कफ, अस्थमा या अन्य श्वसन समस्याओं के लिए यह बेहद अच्छा प्रणायाम है।
  6. सूर्यभेदन प्राणायाम लो ब्लड प्रेशर की समस्या को भी ठीक करता है।
  7. इस प्रणायाम से पेट में गैस की समस्या भी कम होती है।
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नाड़ी शोधन प्राणायाम करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से बता रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें –  

  1. सबसे पहले किसी आरामदायक आसन में बैठ जाएं। सिर और कमर को सीधा रखें। हाथों को घुटनों पर चिन या ज्ञान मुद्रा में रखें।
  2. आंखों को बंद कर लें और पूरे शरीर को आराम दें।
  3. जब शरीर शांत और आराम की स्थिति में आ जाए, तब कुछ वक्त के लिए अपनी सांस पर ध्यान दें।
  4. फिर दायें हाथ की अनामिका उंगली से बाएं नासिकाछिद्र को बंद कर लें और दायें नासिकाछिद्र से धीरे-धीरे सांस लें।
  5. इसी प्रकार दूसरी नासिकाछिद्र से भी यही प्रक्रिया करें। 
  6. इस प्रक्रिया को 10 से 15 मिनट तक दोहराएं।
  7. धीरे-धीरे अवधि को आप बढ़ा भी सकते हैं।

भोजन के बाद सूर्य भेद प्रणायाम कभी न करें, क्योंकि इससे पाचन क्रिया में परेशानी बढ़ सकती है।

(और पढ़ें - पाचन क्रिया बढ़ाने के उपाय)

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