Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health

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  • विक्रेता: DEEP AYURVEDA HEALTHCARE PRIVATE LIMITED
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    • मूल का देश: India

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    Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health की जानकारी

    Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः कमजोर पाचन शक्ति, खांसी, कमजोर इम्यूनिटी, फेफड़ों के रोग के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health के मुख्य घटक हैं अनंतमूल, काली मिर्च, मुलेठी, पिप्पली, अदरक, तुलसी, इलायची, तालीसपत्र, तेज़पात जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।

    Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health की सामग्री - Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health Active Ingredients in Hindi

    अनंतमूल
    • वे दवाएं जो बुखार के दौरान शरीर के तापमान को कम करने में मदद करती हैं।
    • भूख बढ़ाने वाले एजेंट।
    • ये एजेंट पाचन में सुधार करते हैं और भोजन के अवशोषण में सहायता करते हैं।
    • फेफड़ों और श्वसन मार्ग से बलगम निकालने वाले पदार्थ।
    • ये दवाएं लिवर के कार्य में सुधार करते हैं और इसे संक्रमण से बचाते हैं।
    • शरीर में हीमोग्लोबिन का उत्पाद बढ़ाने वाली दवाएं।
    • ये दवाएं बैक्टीरिया को मारती हैं या उनकी गतिविधियों को रोकती हैं।
    काली मिर्च
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है।
    • नस पर नस चढ़ने के लक्षणों से राहत देने वाली दवाएं।
    • ये दवाएं अवसाद के लक्षणों को नियंत्रित रखने में उपयोगी होती हैं।
    • लिवर के कार्य को बढ़ाने और उसे हुए नुकसान को कम करने वाले पदार्थ।
    • वो दवा जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर कार्य कर इम्यून को बेहतर करती है।
    • बैक्‍टीरिया को बढ़ने से रोकने वाली दवाएं।
    मुलेठी
    • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
    • मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन को रोकने वाली दवाएं।
    • शरीर में संक्रमण और वायरस को बढ़ने से रोकने की दवाएं।
    • श्‍लेष्‍मा झिल्‍ली (म्‍यूकस मेंब्रेन) के ऊपर एक सुरक्षात्मक परत बनाते हुए सूजन को कम करने वाले तत्व।
    • खांसी कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवा।
    • दवाएं जो कफ और बलगम को श्वसन मार्ग से निकालती हैं।
    • वे दवाएं जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर काम कर इम्‍यून की प्रतिक्रिया में सुधार लाती हैं।
    • सूक्ष्म जीवों को खत्म करने और उन्हें बढ़ने से रोकने वाले तत्व।
    पिप्पली
    • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
    • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्री रेडिकल्स के बीच असंतुलन पैदा होना) को कम करने वाली दवाएं।
    • मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन को रोकने वाली दवाएं।
    • डिप्रेशन (अवसाद) के लक्षणों में राहत दिलाने वाली दवाएं।
    • खांसी को नियंत्रित करने वाली दवाएं।
    • ये एजेंट श्वसन पथ से कफ निकलने को बढ़ावा देते हैं।
    • लिवर के कार्य को बढ़ाने और उसे हुए नुकसान को कम करने वाले पदार्थ।
    • ऐसे पदार्थ जो प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य को उत्तेजित करके या कम करके उसे ठीक करता है।
    • वे दवा या तत्व जो रक्त में लिपिड की मात्रा को कम करता है जिससे कोलेस्ट्रोल स्तर को कम करने और हृदय रोगों को रोकने में मदद मिलती है।
    अदरक
    • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्री रेडिकल्स के बीच असंतुलन पैदा होना) को कम करने वाली दवाएं।
    • वो तत्व जो वालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में हैं) और इनवालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में नहीं हैं) मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द के इलाज में इस्तेमाल किये जाते हैं।
    • खांसी को नियंत्रित करने में मदद करने वाली दवाएं।
    • वो दवाएं जो श्वास नली से कफ, बलगम को निकाल बाहर करती है।
    • वो दवा जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर कार्य कर इम्यून को बेहतर करती है।
    • वे एजेंट्स जो सूक्ष्‍म जीवों को नष्‍ट या उनके कार्य को रोक कर माइक्रोबियल रेप्लिका (सूक्ष्‍म जीवों की प्रतिकृति) और इसको बढ़ने से बचाते हैं।
    तुलसी
    • दवा जो श्वास, घरघराहट, खांसी और सीने में जकड़न जैसे अस्‍थमा के लक्षणों को रोकने में मदद करती है
    • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
    • शरीर में संक्रमण और वायरस को बढ़ने से रोकने की दवाएं।
    • पाचन क्रिया और पेट को आराम देने वाले घटक।
    • दवाएं जो कफ और बलगम को श्वसन मार्ग से निकालती हैं।
    • ऐसे पदार्थ जो प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य को उत्तेजित करके या कम करके उसे ठीक करता है।
    • ये एजेंट सूक्ष्मजीवों के विकास और कार्यों के खिलाफ सहायक होते हैं।
    • ये दवा एलर्जी पैदा करने वाले हिस्टाइमाइन (जो धूल-मिटटी जैसे बाहरी तत्वों से शरीर की रक्षा करता है) के कार्य को रोक देती है।
    • एलर्जी के लक्षणों से राहत दिलाने वाले घटक।
    इलायची
    • ऐसी दवाएं जो दर्द को नियंत्रित करने और बेहोशी (सुधबुध खोने) रोकने के लिए इस्‍तेमाल की जाती है।
    • बुखार के उपचार में उपयोग किए जाने वाले एजेंट।
    • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्री रेडिकल्स के बीच असंतुलन पैदा होना) को कम करने वाली दवाएं।
    • वो तत्व जो वालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में हैं) और इनवालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में नहीं हैं) मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द के इलाज में इस्तेमाल किये जाते हैं।
    • ऐसा पदार्थ जो पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और भूख बढ़ाने में फायदेमंद होता है।
    • खांसी को नियंत्रित करने में मदद करने वाली दवाएं।
    • वो दवाएं जो श्वास नली से कफ, बलगम को निकाल बाहर करती है।
    • पेट की गैस को कम करने के लिए इस्‍तेमाल होने वाली दवाएं।
    • सूक्ष्म जीवों को खत्म करने और उन्हें बढ़ने से रोकने वाले तत्व।
    तालीसपत्र
    • ऐसी दवाएं जो दर्द को नियंत्रित करने और बेहोशी (सुधबुध खोने) रोकने के लिए इस्‍तेमाल की जाती है।
    • ये दवाएं शरीर का तापमान कम करती हैं और बुखार के दौरान इनका उपयोग किया जाता है।
    • ये एजेंट सूक्ष्मजीवों के विकास और कार्यों के खिलाफ सहायक होते हैं।
    तेज़पात
    • ये दवाएं ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती हैं।
    • ये दवाएं बैक्टीरिया को मारती हैं या उनकी गतिविधियों को रोकती हैं।
    • वे दवा या तत्व जो रक्त में लिपिड की मात्रा को कम करता है जिससे कोलेस्ट्रोल स्तर को कम करने और हृदय रोगों को रोकने में मदद मिलती है।

    Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health के लाभ - Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health Benefits in Hindi

    Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -



    Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health की खुराक - Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health Dosage in Hindi

    यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health की खुराक अलग हो सकती है।

    आयु वर्ग खुराक
    व्यस्क
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: खाने के बाद
    • अधिकतम मात्रा: 2 Tablespoon
    • दवा का प्रकार: च्यवनप्राश
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार


    Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health Side Effects in Hindi

    चिकित्सा साहित्य में Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।



    Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health से सम्बंधित चेतावनी - Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health Related Warnings in Hindi

    • क्या Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?


      प्रेग्नेंट महिला पर Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health के अच्छे या बुरे प्रभाव के बारे में चिकित्सा जगत में कोई रिसर्च न हो पाने के चलते पूरी जानकारी मौजूद नहीं हैं। इसको जब भी लें डॉक्टर से पूछने के बाद ही लें।

      अज्ञात
    • क्या Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?


      स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health के अच्छे या बुरे प्रभावों के बारे में कोई रिसर्च नहीं की गई है, इसलिए इस बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। अतः आप डॉक्टर की सलाह पर ही इसको लें।

      अज्ञात
    • Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health का पेट पर क्या असर होता है?


      Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health को पेट के लिए सुरक्षित माना जाता है।

      सुरक्षित
    • क्या Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?


      Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health बच्चों के लिए सुरक्षित है इस बारे में कोई शोध न होने की वजह से ये कहना मुश्किल है कि Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health बच्चों के लिए सुरक्षित है या नहीं।

      अज्ञात
    • क्या Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है


      रिसर्च न होने की वजह से पूरी जानकारी के आभाव में Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health से दुष्प्रभाव के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। डॉक्टरी सलाह के बाद ही इसको लेना लाभकर होगा।

      अज्ञात
    • क्या Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?


      Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health लेने के बाद आपको नींद नहीं आएगी। इसलिए आप गाड़ी चलाने या दूसरे कामों को आसानी से कर सकते हैं।

      नहीं
    • क्या Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?


      नहीं, Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health लेने से कोई लत नहीं पड़ती। फिर भी, जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह पर ही Deep Ayurveda Swasani Special Prash for Respiratory Health का इस्तेमाल करें।

      नहीं

    इस जानकारी के लेखक है -

    Dr. Braj Bhushan Ojha

    BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
    10 वर्षों का अनुभव


    संदर्भ

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No - 115 - 117

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 168 - 169

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No - 105 - 106

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 138 -139

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 170 - 176

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 36-37

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No 204-205

    C.K. Kokate ,A.P. Purohit, S.B. Gokhale. [link]. Forty Seventh Edition. Pune, India: Nirali Prakashan; 2012: Page No 1.97-1.98

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 153-154

    C.K. Kokate ,A.P. Purohit, S.B. Gokhale. [link]. Forty Seventh Edition. Pune, India: Nirali Prakashan; 2012: Page No 1.12



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