क्षार तेल को संस्कृत में क्षार तेलम भी कहा जाता है. यह एक आयुर्वेदिक दवा है. इस तेल का निर्माण कई दवा बनाने वाली कंपनियों द्वारा किया जाता है. इसका इस्तेमाल कान की परेशानियों जैसे- कान बहना, कान में दर्द, कान का इंफेक्शन, कान में कीड़े पड़ जाना जैसी समस्याओं को दूर करने में प्रभावी होता है. यह तेल कफ और वात दोष को दूर करने में प्रभावी होता है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी सेप्टिक गुण मौजूद होते हैं, जो कान की कई समस्याओं को दूर करने में प्रभावी साबित होते हैं.
आज इस लेख में आप क्षार तेल के फायदे, नुकसान और उपयोग के तरीका जानेंगे -
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किसे कहते हैं क्षार तेल?
क्षार तेल जैसा कि नाम से ही ज्ञात होता है कि यह तेल कई तरह के नमक और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से तैयार तेल है. यह तेल मूली का अर्क, केले के तने का रस, कदली स्वरस, सोंठ, देवदार, रसांजन, हींग, सौवर्च नमक, सेंधा नमक, नागरमोथा, समुद्री नमक, शतपुष्पा, पिपरामूल, कदली, विड लवड, रोमक लवण व नींबू का रस इत्यादि का मिश्रण होता है. इन सभी जड़ी-बूटियों को सरसों के तेल में आयुर्वेदिक पाक विधि से तैयार किया जाता है.
क्षार तेल के फायदे
इस तेल का इस्तेमाल प्रमुख रूप से कान में होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है. खासतौर पर जिन लोगों को प्राणायाम करने से भी कान में होने वाली समस्याओं से राहत नहीं मिलती है, उन्हें इस तेल को इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. यह तेल निम्न प्रकार से प्रभावी है -
- क्षार तेल कान में होने वाले दर्द को दूर करने में प्रभावी हो सकता है.
- इस तेल के इस्तेमाल से कान के संक्रमण को दूर किया जा सकता है.
- यह कान बहना व कान में खुजली इत्यादि को दूर कर सकता है.
- ऊंचा सुनाई देने की समस्या को कम करने के लिए भी इस तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है.
- यह तेल कान से आवाज आना (टिनिटस) के लक्षणों को कम करने में प्रभावी है.
- कान में कीड़े चले जाने पर इस तेल का इस्तेमाल करने से कान से कीड़े निकल सकते हैं.
- इतना ही नहीं, यह तेल कम सुनाई देना और बहरेपन की समस्या से ग्रसित लोगों के लिए भी प्रभावी हो सकता है.
- कान में पस होने पर इस तेल का इस्तेमाल करने से काफी प्रभावी असर हो सकता है.
ध्यान रखें कि अगर इस तेल के इस्तेमाल से कान की परेशानी दूर नहीं हो रही है, तो डॉक्टर से उचित परामर्श लें, ताकि कान में होने वाली गंभीर परेशानी से बचा जा सके.
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कैसे करें क्षार तेल का उपयोग
कान में किसी तरह की समस्या होने पर इस तेल की दो-दो बूंदें कान में सुबह-शाम डाल सकते हैं. यहां इसे इस्तेमाल करने का तरीका बताया गया है -
- कान में तेल को डालने से पहले इसे हल्का-सा गर्म करें.
- तेल को गर्म करने के लिए एक कटोरी में गर्म पानी लें. इस पानी में क्षार तेल की शीशी डाल लें.
- जब तेल हल्का गुनगुना हो जाए, तो इसे अपने कान में डालें. इससे अधिक लाभ हो सकता है. इस तेल का इस्तेमाल सभी उम्र के लोगों द्वारा किया जा सकता है.
क्षार तेल के नुकसान
क्षार तेल के इस्तेमाल से नुकसान होने की आशंका कम होती है. फिर भी क्षार तेल का इस्तेमाल हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए. इसके अलावा, किसी भी आयुर्वेदिक तेल खासतौर से जिन तेल में क्षार यानी नमक का मिश्रण हो, उस तेल को बारिश या फिर नमी वाले मौसम में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
दरअसल, बारिश के मौसम में क्षार युक्त चीजों को कान या नाक में डालने से नमी बढ़ सकती है. इससे कान को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में आपको कान में दर्द, कान का बहना जैसी परेशानी बढ़ सकती है. इसके अलावा क्षार तेल का इस्तेमाल कभी भी और किसी भी उम्र में किया जा सकता है. समस्या बढ़ने पर इसे दिन में तीन-तीन बार भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
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सारांश
क्षार तेल आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से निर्मित तेल है. इसके इस्तेमाल से कान से जुड़ी कई तरह की समस्याएं, जैसे- कान में दर्द, कान बहना, कान में आवाज आना इत्यादि को दूर किया जा सकता है. इस तेल का इस्तेमाल किसी भी उम्र में किया जा सकता है. बस ध्यान रखें कि क्षार तेल का इस्तेमाल बारिश और मौसम में नमी होने पर न करें. इससे कान पर विपरीत असर पड़ सकता है.
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