गुदा हमारे शरीर का संवेदनशील और अहम अंग है. यह हमारे पाचक नाल के अंतिम छोर का छिद्र द्वार है. इसका मुख्य कार्य मल निष्कासन को नियंत्रित करना और पाचक नली से मल निकलने की प्रक्रिया में सहायता करना है. पाइल्स, फिस्टुला, फिशरगुदा कैंसर जैसी गुदा नली से जुड़ी समस्याओं के कारण हमारे शरीर की क्रिया प्रणाली बुरी तरह प्रभावित हो सकती है.

इन बीमारियों का उपचार दवाइयों के जरिए किया जा सकता है. हालांकि, यदि किसी को गंभीर समस्या है, तो उसके लिए सर्जरी करवाना काफी पीड़ादायक और असुविधाजनक हो सकता है. इसलिए, गुदा जैसे शरीर के कई ऐसे अंग हैं, जिनके लिए सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स इस्तेमाल न करने की बात कही गई है.

वहीं, आयुर्वेद में गुदा से जुड़ी समस्याओं के लिए क्षार सूत्र चिकित्सा को सबसे असरदार बताया गया है. इससे मरीज के शरीर में जख्म भी नहीं बनता और खून भी नहीं निकलता है.

इस लेख में आप क्षार सूत्र चिकित्सा का अर्थ, प्रक्रिया, फायदे, नुकसान, सावधानियां व कीमत के बारे में जानेंगे -

(और पढ़ें - बवासीर के घरेलू उपाय)

  1. क्षार सूत्र चिकित्सा क्या है?
  2. क्षार सूत्र चिकित्सा प्रक्रिया
  3. क्षार सूत्र चिकित्सा के फायदे
  4. क्षार सूत्र चिकित्सा के नुकसान
  5. क्षार सूत्र चिकित्सा में सावधानियां
  6. क्षार सूत्र चिकित्सा की कीमत
  7. सारांश
क्षार सूत्र ट्रीटमेंट के डॉक्टर

क्षार सूत्र चिकित्सा एक पैरासर्जिकल आयुर्वेदिक थेरेपी है, जिसे ब्लडलेस सर्जरी भी कहा जाता है. इस थेरेपी के अंतगर्त फिस्टुला या पाइल्स के मामलों में सर्जरी इंस्ट्रूमेंट्स की जगह क्षार (एल्कली) के माध्यम से की जाती है. यह आयुर्वेद विज्ञान में बताए गए सबसे प्राचीन, प्राकृतिक और सुरक्षित पैरसर्जिकल थेरेपीज में से एक है.

इसके लिए मरीज को छुट्टी लेने की भी जरूरत नहीं होती है. बिना शरीर में जख्म बने और खून निकले ही इन समस्याओं का उपचार क्षार सूत्र चिकित्सा में किया जाता है. क्षार की प्रमुख विशेषता ये है कि यह सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट के बिना किसी भी अंग को काटने, हटाने की क्षमता रखता है.

क्षार यानी एल्कली उन पदार्थों को बोला जाता है, जो जल में आसानी से घुल जाते हैं. क्षार सूत्र चिकित्सा में कुछ औषधीय पौधों का प्रयोग किया जाता है, जैसे यव, अर्क, लटजीरा आदि. जिन पौधों के क्षार बनाए जाते हैं, उनके 5 अंग यानी पत्ती, जड़, तना, फूल और फल को सबसे पहले धोकर सुखा लिया जाता है. इसके बाद इनके छोटे-छोटे टुकड़े कर एक बर्तन में रख उसको जला दिया जाता है.

इसके बाद इस राख को करीब 8 गुना अधिक जल में घोला जाता है. एक महीन कपड़े की मदद से इस पानी को 21 बार छाना जाता है और फिर भाप बनने तक इसे उबाला जाता है. अंत में बर्तन में जो लाल या भूरे रंग का पाउडर शेष रह जाता है, उसे ही क्षार कहते है. इसे हवा के संपर्क से दूर रखने के लिए एक कांच की शीशी में जमा दिया जाता है.

क्षार मूल रूप से दो प्रकार के होते हैं. जिस क्षार का प्रयोग खाने के लिए किया जाता है, उन्हें पानीय (खाने लायक) क्षार कहते हैं. वहीं, जिनका इस्तेमाल घाव या किसी अंग विशेष पर किया जाता है, उन्हें प्रतिसारणीय (शरीर पर लगाने वाले) क्षार कहते हैं. क्षार सूत्र चिकित्सा में प्रतिसारणीय क्षार का ही इस्तेमाल होता है.

(और पढ़ें - पाइल्स का इंजेक्शन से इलाज)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

यहां जानिए कि क्षार सूत्र चिकित्सा की पूरी प्रक्रिया क्या है-

  • क्षार सूत्र चिकित्सा प्रक्रिया में सबसे पहले विशेष औषधि पौधों स्नुही दूध, यव, अर्क, लटजीरा में से एक का क्षार, स्नुही दूध और हल्दी का मिश्रण तैयार किया जाता है. 
  • पक्के धागे पर क्षार की लगभग 21 परतें चढ़ाकर जो सूत्र या धागा बनाया जाता है, उसे ही क्षार सूत्र कहते हैं. इसका इस्तेमाल सर्जरी में किया जाता है.
  • इस धागे या सूत्र को सावधानीपूर्वक गुदा में बनने वाले मस्सों में खास तरह की गांठ द्वारा बांध दिया जाता है. करीब एक हफ्ते में इस सूत्र से मस्से खत्म हो जाते हैं और साथ ही मवाद भी निकल जाता है. 
  • इसके बाद विशेष दवाओं का सेवन करवाया जाता है और विशेष औषधीय तेल लगाया जाता है, जिससे किसी भी प्रकार के शारीरिक नुकसान या कमी को दूर किया जा सके.
  • यह पूरी प्रक्रिया बिना किसी चीड़-फाड़ के और खून निकाले की जाती और इसमें किसी तरह की जटिलता भी नहीं होती है. यह एक प्राकृतिक आयुर्वेदिक थेरेपी जिससे पाइल्स व फिस्टुला जैसी गुदा से जुड़ी समस्याओं के दोबारा न होने की आशंका कम होती है और पूरा आराम मिलता है.
  • यह पूरी प्रक्रिया करीब 1 हफ्ते में पूरी होती है और 2-3 हफ्ते में इसका पूर्ण प्रभाव देखने को मिलता है.

(और पढ़ें - हल्दी से बवासीर का इलाज)

क्षार सूत्र मुख्य रूप से गुदा नली से जुड़ी समस्याओं जैसे पाइल्स, फिस्टुला, फिशर आदि के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है. क्षार सूत्र चिकित्सा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में भी इस्तेमाल होती है, जैसे -

  • गुदा मार्ग में दानों को खत्म करने में क्षार सूत्र चिकित्सा काफी प्रभावी मानी जाती है.
  • पायलोनिडल साइनस के सुरक्षित उपचार के लिए क्षार सूत्र चिकित्सा के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है.
  • गुदा का कैंसर होने पर भी क्षार सूत्र थेरेपी लेने की सलाह दी जाती है, जिससे मरीजों को काफी लाभ मिल सकता है. 
  • गुदा में जलन की समस्या को दूर करने में यह आयुर्वेदिक थेरेपी काफी प्रभावी साबित हो सकती है.

(और पढ़ें - मस्से वाली बवासीर का इलाज)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Bhringraj Hair Oil
₹599  ₹850  29% छूट
खरीदें

क्षार सूत्र चिकित्सा ऐसी आयुर्वेदिक थेरेपी है, जिसे पूरी तरह सुरक्षित और प्राकृतिक माना जाता है. हालांकि, इसको ठीक से न करने के कारण, पुरानी बीमारी के मामलों और कुछ अपवादों में नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं, जैसे -

  • क्षार सूत्र चिकित्सा की प्रक्रिया लेने के बाद निर्धारित दवाइयां और तेल न लेने के कारण गुदा नली में जलन और फोड़े होने की आशंका होती है.
  • इस थेरेपी को करवाने के बाद गुदा में स्कार्स देखने को मिल सकते हैं.
  • यदि गुदा कैंसर की पुरानी समस्या है, तो इस थेरेपी से संक्रमण हो सकता है.
  • यदि आपको गुदा में पहले चोट लगी हो, तो आपको उस हिस्से में जलन या कटाव महसूस हो सकता है.

(और पढ़ें - खूनी बवासीर का इलाज)

क्षार सूत्र चिकित्सा के दौरान और उपरान्त कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है, जिससे कोई शारीरिक और मानसिक परेशानी न हो. आइए जानते हैं क्षार सूत्र चिकित्सा लेने से पहले किन सावधानियों को अपनाने की है जरूरत-

  • मरीजों को थेरेपी के छह घंटे पहले केवल तरल आहार और 3-4 घंटे के बाद हल्का ठोस आहार लेना चाहिए.
  • अगले दिन से रोगियों को कम से कम 3 सप्ताह के लिए कम से कम तीन बार गर्म पानी से स्नान करना चाहिए.
  • जब तक क्षार सूत्र उपचार चल रहा हो, चलने और अन्य गतिविधियों को करते हुए सक्रिय रहें.
  • कब्ज से बचने के लिए रोजाना सामान्य फाइबर युक्त भोजन लें.
  • लंबी दूरी की ड्राइविंग और यात्रा करने से बचें.
  • इलाज के दौरान बहुत देर तक बैठे या खड़े न रहें.

(और पढ़ें - खूनी बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज)

क्षार सूत्र चिकित्सा उपचार बहुत ही लागत प्रभावी है और इसका परामर्श शुल्क केवल 200 रुपये से 300 रुपये होता है. वहीं, इसका वास्तविक उपचार 1500 रुपये से 3000 रुपये में मौजूद है. क्षार सूत्र चिकित्सा आपको निजी और सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर आसानी उपलब्ध हो जाएगी. ध्यान रखें कि समस्या के प्रकार, स्थान और केंद्र के हिसाब कीमत अलग-अलग हो सकती है.

(और पढ़ें - बवासीर में खून रोकने के घरेलू उपाय)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

क्षार सूत्र चिकित्सा एक प्रभावी, सुरक्षित और प्राकृतिक आयुर्वेदिक थेरेपी है, जिसके माध्यम से शरीर के संवेदनशील अंग गुदा से जुड़ी समस्याओं जैसे पाइल्स, फिशर्स व फिस्टुला को दूर करने में प्रभावी मदद मिलती है. हालांकि, गंभीर बीमारियों और पुरानी चोट से ग्रस्त लोगों को इस थेरेपी से परहेज करना चाहिए. क्षार सूत्र चिकित्सा की पूरी प्रक्रिया को सावधानियों के साथ अपनाने से आपको पूर्ण लाभ मिलता है. यदि आप पहली बार इस थेरेपी को करवाने वाले हैं, तो एक बार डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें.

(और पढ़ें - बवासीर की आयुर्वेदिक दवा)

Dr Bhawna

Dr Bhawna

आयुर्वेद
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Padam Dixit

Dr. Padam Dixit

आयुर्वेद
10 वर्षों का अनुभव

Dr Mir Suhail Bashir

Dr Mir Suhail Bashir

आयुर्वेद
2 वर्षों का अनुभव

Dr. Saumya Gupta

Dr. Saumya Gupta

आयुर्वेद
1 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ