आज के प्रदूषित वातावरण में स्किन का ध्यान रखना एक बड़ा टास्क बन चुका है। फिर सूरज से निकलने वाली यूवी किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचाने को आतुर रहती हैं। स्किन को तंदुरुस्त और ग्लोइंग बनाने के लिए लोशन से लेकर सन स्क्रीन्स तक का इस्तेमाल किया जा रहा है। बाजार में इस तरह के प्रोडक्ट्स की भरमार है। अपनी स्किन की सेहत को ध्यान में रखते हुए लोग महंगे से महंगे सन स्क्रीन खरीदने से भी नहीं हिचकिचाते। स्किन स्क्रीन के भी दुष्प्रभाव हो सकते हैं और यही वजह है कि एक देश ने इस पर पाबंदी लगा दी है।

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पलाऊ खूबसूरत समुद्री किनारों के लिए जाना जाने वाला द्विपीय देश है। ये विश्व का पहला एक ऐसा देश है, जिसने सन क्रीम के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। इस देश को समुद्री स्वर्ग भी कहा जाता है। जिन लोगों को समुद्र में उतरकर अलग तरह की दुनिया देखने का शौक है वो अक्सर यहां जाना पसंद करते हैं। ऐसे में लोग धूप की किरणों से खुद की स्किन को बचाने के लिए सन क्रीम का इस्तेमाल भी करते हैं। समुद्री जीवों और पर्यावरण पर इसके बुरे प्रभाव को देखते हुए पलाऊ ने सन क्रीम पर बैन लगा दिया है।

बैन के कारण
प्रतिबंध में ये साफ हिदायत दी गई है कि जिन सन क्रीम्स में ऑक्सीबैन्जोन, बैंजोफिनोन-1, बैंजोफिनोन-8, 4-मिथाइल बैंजाइलिडीन कैंफर, नैनो - टाइटेनियम डायॉक्साइड, नैनो-जिंक ऑक्साइड होगा, उनका इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।

समुद्री जल जीवन पर स्किन क्रीम के बुरे प्रभाव
पलाऊ के राष्ट्रपति टॉमी रेमेनगेसौ के अनुसार उन्हें जैसे ही पता चला कि स्किन क्रीम का इस्तेमाल जरूरी कोरल रीफ, मछलियों की आबादी को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने तुरंत इस पर काम किया और बैन लगा दिया। समुद्री जीवों में देखे गए दुष्प्रभाव -

  • ग्रीन अल्गी - इन तत्वों की वजह से प्रकाश संश्लेष्ण में परेशानी आ रही है, जिससे अल्गी बढ़ नहीं पा रही है।
  • कोरल - ये तत्व कोरल के टिशूओं में जमा होकर ब्लीचिंग से उसके रंग उड़ा कर डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं। कोरल को शुरुआती स्टेज में उगने से पहले ही खत्म कर देते हैं।
  • मज्जल्स - कैमिकल्स इन्हें पनपने से रोकते हैं।
  • समुद्री अर्चिन्स - इनके इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचा इनके जनन सिस्टम को कमजोर करते हैं।
  • मछलियां - मछलियों की फर्टिलिटी को कम कर नर मछलियों को मादा में बदल देते हैं।

कैसे बचाएं खुद को और समुद्री जीवों को

  • सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर के दो बजे के बीच छांव में रहें।
  • अल्ट्रा वॉयलेट प्रोटेक्शन फैक्टर सनवियर पहनें।
  • समुद्री जीवों पर कोई खतरनाक प्रभाव न डालने वाली सन क्रीम का इस्तेमाल करें। 

सन क्रीम का इस्तेमाल क्यों किया जाता है-
लोगों के द्वारा सन क्रीम इस्तेमाल करने के ये कुछ मुख्य कारण हैं।

  • सन क्रीम लगाने से स्किन कैंसर होने का खतरा कम होता है। ये मेलानोमा जैसे स्किन कैंसर से बचाता है।
  • जवां दिखने में मदद करता है
  • सन क्रीम से स्किन टोन एक समान रहती है
  • ओजोन परत कमजोर हो रही है। ऐसे में हमें खतरनाक यूवी किरणों से बचाने के लिए सन क्रीम मदद करेगी।
  • सन क्रीम से सन बर्न से बचा जा सकता है

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सन क्रीम के साइड इफेक्ट्स

जरूरी फायदों के अलावा कई बार दवाइयां अपने नुकसान भी दिखाती हैं। इन अनचाहे साइड इफेक्ट्स पर ज्यादा ध्यान देना पड़ता है।

  • फूंसी
  • जलन, खुजली के साथ स्किन का लाल होना और साथ ही स्किन पर सूजन आना
  • स्किन पर चकत्ते आना और पानी से भरे छाले जो सूरज के सीधे संपर्क वाले हिस्सों पर आ जाते हैं।
  • बालों वाले हिस्सों पर दर्द होना
  • बालों की जड़ों में पस भर जाना
  • सबसे आम स्किन से जुड़ी परेशानियां
  • स्किन में जकड़न और सूखापन आना

myUpchar से जुड़ी डॉक्टर फातिमा ने बताया कि इंसानों पर सन स्क्रीन का कोई बुरा प्रभाव अभी तक सामने नहीं आया है। लेकिन हां, इनका इस्तेमाल शरीर को खतरनाक यूवी किरणों के संपर्क में आने से बचाता है। ये किरणें शरीर में प्रवेश कर हमारे डीएनए को बदल सकती हैं, जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। सन स्क्रीन परिवेश के हिसाब से भी इंसानों पर अपना असर दिखाती है। फिलहाल इंसानों के लिए ये बहुत जरूरी तो नहीं पर हां धूल भरे प्रदूषित वातावरण से बचाने में कारगर है।

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