जन्म से लेकर 6 माह का होने तक शिशु के लिए मां का दूध सबसे बेहतर होता है. वहीं, कुछ लोग साथ में बोतल के जरिए फॉर्मूला मिल्क भी देते हैं. बोतल से दूध पीना एक उम्र तक तो सही है, लेकिन लंबे समय तक शिशु के बोतल से दूध पीने पर कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. वहीं, बच्चे को दूध की बोतल की ऐसी आदत लग जाती है कि उसे बोतल से दूर करना मुश्किल हो जाता है. अगर बच्चे को दूध की बोतल की जगह कोई गिलास या कप पकड़ाया जाता है, तो वो रोने लगता है. ऐसे में माता-पिता के लिए दूध की बोतल छुड़ाना मुश्किल हो जाता है.

आज इस लेख में आप बच्चे की दूध की बोतल छुड़ाने के कुछ टिप्स के बारे में जानेंगे -

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  1. दूध की बोतल छुड़ाने का सही समय
  2. बोतल से दूध पिलाना क्यों बंद करना चाहिए
  3. बच्चे की दूध की बोतल कैसे छुड़ाएं?
  4. सारांश
दूध की बोतल छुड़ाने का सही समय व तरीका के डॉक्टर

अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार बच्चे को 12 से 24 महीने की उम्र के बीच बोतल से दूध पिलाना बंद कर देना चाहिए. इसके बाद बच्चे को सिप्पी कप का उपयोग करवाना शुरू कर देना चाहिए. 2 साल की उम्र से पहले तक दूध की बोतल का उपयोग पूरी तरह से बंद कर देना सही रहता है. इससे बच्चा कई तरह के संक्रमण से सुरक्षित रह सकता है.

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जैसे-जैसे शिशु की उम्र बढ़ती है, बच्चे को बोतल की जगह सिप्पी कप देना शुरू कर दिया जाना चाहिए. लंबे समय तक दूध की बोतल इस्तेमाल करने से बच्चे के स्वास्थ्य पर निम्न प्रकार के नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं -

  • लंबे समय तक बोतल से दूध पीने से बच्चे के दांतों में सड़न की समस्या हो सकती है. दूध में एक प्रकार की चीनी या मिठास होती है, जिसे लैक्टोज कहा जाता है. जब बच्चे सोते समय बोतल से दूध चूसते हैं, तो इससे उन्हें ओरल कैविटी हो सकती है.
  • बोतल से लंबे समय तक दूध पीने से बच्चे को मोटापे से जुड़ी समस्या हो सकती है.
  • लगातार दूध की बोतल चूसने से बच्चे के दांतों की पोजीशन गलत हो सकती है. यह चेहरे की मांसपेशियों को भी प्रभावित कर सकता है.
  • बच्चे अक्सर लेटकर दूध की बोतल चूसते हैं. इससे कान में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. दरअसल, लेटकर दूध पीने से कुछ दूध गले के पीछे और यूस्टेशियन ट्यूब के पास गिर सकता है. इससे संक्रमण हो सकता है.

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हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार 18 महीने की उम्र से पहले बच्चे को दूध की बोतल का उपयोग करवाना बंद कर देना चाहिए. बोतल को छुड़ाने की प्रक्रिया माता-पिता शिशु के 6 माह का होने से ही शुरू कर सकते हैं, ताकि धीरे-धीरे बच्चा पूरी तरह से बोतल छोड़ सके. जब लगे कि बच्चा खुद बोतल पकड़ने लगा है, तो इस समय उसे कप में दूध देना शुरू किया जा सकता है. दूध की बोतल छुड़ाने के टिप्स निम्न हैं -

  • पहले बच्चे को शुरुआत में कप पकड़ने को दें. इसमें कोई भी पेय पदार्थ न डालें. बच्चे को खाली कप पकड़ाएं. इससे बच्चा कप पकड़ना सीख जाएगा.
  • 8 से 10 महीने की उम्र में बच्चे को दिन में एक बार सिप्पी कप में दूध पीने के दें. बच्चे को कप से दूध ठीक उसी समय पर दें, जिस समय पर बोलत से देते हो.
  • समय-समय पर बच्चे को कप में कुछ अलग-अलग पेय पदार्थ पीने को दें. कप पकड़ने में बच्चे की मदद करें. उसके मुंह में थोड़ी-सी मात्रा में लिक्विड डालें. इससे बच्चे को दूध की बोतल छोड़ने में मदद मिल सकती है.
  • शिशु के 6 माह का होने के बाद दूध के अलावा खाने के लिए अन्य चीजें भी दे सकते हैं. ऐसा करने से भी धीरे-धीरे बोतल की आदत छुड़ाई जा सकती है.
  • लगभग 6 महीने की उम्र में जब बच्चे खाना शुरू करते हैं, तो उन्हें दिन के एक भोजन के दौरान पानी के लिए सिप्पी कप देना शुरू कर दें. इससे वे सिप्पी कप का उपयोग करना सीखेंगे.

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शुरुआत में बच्चे को दूध पिलाने के लिए बोतल का उपयोग किया जाता है, लेकिन लंबे समय तक बोतल से दूध पीने से बच्चे को संक्रमण हो सकता है. इसलिए, उम्र बढ़ने पर बोतल की जगह कप में दूध देने की सलाह दी जाती है. बच्चे को 2 साल की उम्र से पहले बोतल से दूध पिलाना पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए. अगर बच्चा बोतल छोड़ने को तैयार नहीं होता है, तो ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

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