स्पेन की यूनिवर्सिटी ऑफ सेविले के वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि क्यों बच्चों को विशेष रूप से होने वाले कैंसर न्यूरोब्लास्टोमा का ट्यूमर काफी आक्रामक और गंभीर होता है। अध्ययन से इन शोधककर्ताओं ने जाना है कि वीआरके1 नाम के ह्यूमन प्रोटीन की अधिकता के कारण यह ट्यूमर मरीजों के लिए काफी एग्रेसिव साबित होता है और उनके जीवित बचने की दर इतनी कम होती है। गौरतलब है कि न्यूरोब्लास्टोमा बचपन में होने वाला एक आम गंभीर कैंसर है, जिसके होने पर बच्चों के बचने की संभावना काफी कम होती है। जानकार बताते हैं कि कैंसर के इलाज के मामले में हाल के सालों में काफी उन्नति हुई है, लेकिन एग्रेसिव न्यूरोब्लास्टोमा से ग्रस्त बच्चों में रिकवरी की प्रक्रिया अभी भी धीमी ही है। जानकार कहते हैं कि इस ट्यूमर के लिए नए ट्रीटमेंट और प्रोग्नॉस्टिक टूल्स के विकास के लिए इससे जुड़ी बायोलॉजी की बेहतर तरीके से समझने की जरूरत है।

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इसी कोशिश के तहत यूनिवर्सिटी ऑफ सेविले के वैज्ञानिकों ने न्यूरोब्लास्टोमा ट्यूमर सेल्स में वीआरके1 प्रोटीन के फंक्शन को चित्रित करने का प्रयास किया है और पाया है कि ट्यूमर की कोशिकाओं को बढ़ने या फैलने के लिए इस प्रोटीन की काफी आवश्यकता होती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इसे टार्गेट करके न्यूरोब्लास्टोमा कैंसर के बेहतर इलाज और नई ट्रीटमेंट तकनीकें विकसित की जा सकती हैं। इस बारे में अध्ययन से जुड़े एक शोधकर्ता फ्रांसिस्को वेगा ने कहा है, 'ट्यूमरों में इस प्रोटीन (वीआरक1) की अधिकता का अध्ययन कर हम उन मरीजों को आइडेंटिफाई करने में कामयाब रहे हैं, जिनमें ट्यूमर चिंताजनक रूप से बढ़ने वाला है। यह अनुमान उन (कैंसरग्रस्त) मरीजों में भी लगाया गया है, जिनमें मौजूदा ट्रीटमेंट टूल्स ने पता नहीं चल पाता कि उनका कैंसर ट्यूमर किस प्रकार व्यवहार करेगा।'

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अध्ययन की मदद से इन वैज्ञानिकों को पता चला है कि कैंसर की वजह बनने वाले ओन्कोजीन (जैसे एमवाईसीएन) के साथ संयोजक के रूप में काम करते हुए वीआरके1 प्रोटीन ट्यूमर के विस्तार में अहम भूमिका निभाता है। ये वंशाणु ट्यूमर को शरीर में और फैलाने के लिए इस प्रोटीन की मदद लेते हैं, जिससे वह और आक्रामक हो जाता है। इस जानकारी के आधार पर शोधकर्ताओं ने कहा है कि वीआरके1 के मार्ग में सुरक्षित अवरोध उत्पन्न किया जाए तो न्यूरोब्लास्टोमा से जुड़ी कैंसर थेरेपी के लिए नई रणनीति तैयार की जा सकती है। इस बारे में प्रोफेसर फ्रांसिस्को का कहना है, 'वीआरके1 एक प्रोटीन काइनेस है। लक्षित कैंसर ट्रीटमेंट में ये सबसे अच्छे टार्गेट होते हैं, जिनकी मदद से हम लैब में सक्षम अवरोधक पैदा कर सकते हैं, जो उनकी (कैंसर ट्यूमर) गतिविधि को निरस्त करने का काम करते हैं।'

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क्या है न्यूरोब्लास्टोमा?
यह नवजात बच्चों और छोटे शिशुओं में पाया जाने वाला कैंसर है, जो तंत्रिका कोशिकाओं के न्यूरल क्रिस्ट सेल से संबंधित होता है। मेडिकल जानकार बताते हैं कि न्यूरोब्लास्टोमा पेट से शुरू होता है और सूजनबुखार कारण बनता है। उनके मुताबिक, कैंसर सिप्रेसर जीन में म्यूटेशन (बदलाव) होने के कारण न्यूरोब्लास्टोमा कैंसर उत्पन्न होता है। इस प्रकार के कैंसर भ्रूण के विकास के दौरान ही पैदा हो जाते हैं या आनुवंशिक रूप से बच्चे इससे प्रभावित हो सकते हैं।

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