आंख में सूजन होने की समस्या आम है. बड़ों की तरह शिशुओं को भी आंख में सूजन की समस्या हो सकती है. शिशुओं को सूजी हुई आंख में अधिक दर्द भी महसूस हो सकता है. शिशु अपने दर्द को रोकर व आंख पर हाथ लगाकर जाहिर कर सकते हैं. इसके साथ ही माता-पिता को भी शिशु की आंख में सूजन, रेडनेस व आंसू जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि शिशु की आंख में आई सूजन के पीछे कई कारण छिपे हो सकते हैं. कई मामलों में ये कारण सामान्य, तो कुछ में गंभीर भी हो सकते हैं.

आज इस लेख में आप शिशु की आंख में सूजन आने के कारण व इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. शिशु की आंख में सूजन के कारण
  2. शिशु की सूजी हुई आंख का इलाज
  3. सारांश
शिशु की सूजी हुई आंख के कारण व इलाज के डॉक्टर

शिशु की आंख में कई कारणों से सूजन आ सकती है. कई बार तो नवजात शिशु सूजी हुई आंख के साथ ही जन्म लेता है, लेकिन फिर ये सूजन धीरे-धीरे कम हो जाती है. इसके अलावा, रोने व आंख मलने की वजह से भी शिशु की आंख पर सूजन आ सकती है. इतना ही नहीं ब्लड फ्लो बढ़ने से उसके शरीर में वॉटर रिटेंशन हो सकता है, जिससे आंख के टिश्यू में सूजन आ सकती है. आइए, शिशु की एक आंख या दोनों आंखों में आने वाली सूजन के कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

सोने की वजह से

आंखों को साफ करने के लिए शरीर आंसू का उत्पादन करता है. दिन के समय आंखों से पानी निकल जाता है, लेकिन रात में आंसू आंखों के आसपास के टिश्यू में जमा हो जाते हैं. इसलिए, रात में जब शिशु सोता है, तो उसकी आंखों में रातभर तरल पदार्थ बनता है. इससे सुबह के समय उसकी आंखें सूजी हुई लग सकती हैं, लेकिन शिशु के जागने के बाद सूजन जल्दी ही दूर हो जाती है.

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एलर्जी

पालतू जानवरों की रूसी या पराग से शिशु को एलर्जी हो सकती है. इसकी वजह से शिशु की आंखें सूजी और लाल नजर आ सकती हैं. इस दौरान शिशु में छींक व नाक बहने जैसे लक्षण दिख सकते हैं. कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस भी शिशु की आंखों में सूजन का कारण बन सकता है. यह एलर्जी तब होती है, जब एलर्जी पैदा करने वाली चीज शिशु के संपर्क में आती है.

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आंख मलने

जब शिशु की आंख में कुछ चला जाता है या उसे असहज महसूस होता है, तो वो अपनी आंख को मलता है. इसकी वजह से शिशु की आंख या पलक लाल और सूजी हुई नजर आ सकती है.

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चालाजियन

चालाजियन यानी पलक की ग्रंथि में गांठ. शिशु के पलक की ग्रंथि में गांठ बनना भी आंख में सूजन का कारण हो सकता है. यह गांठ छोटे से शुरू होती है और धीरे-धीरे बढ़ सकती है. कुछ समय बाद यह समस्या खुद ही ठीक होने लगती है. इसमें माता-पिता को घबराने की जरूरत नहीं है.

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कंजक्टिवाइटिस

कंजक्टिवाइटिस को पिंक आई भी कहा जाता है. यह झिल्ली की सूजन है, जो आंख की पलकों और सफेद हिस्से में होती है. यह समस्या काफी संक्रामक होती है. यह एक या दोनों आंखों को प्रभावित कर सकती है. इस दौरान शिशु के आंख से पानी निकल सकता है व आंख में सूजन आ सकती है.

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कीड़े के काटने से

किसी कीड़े के काटने से भी शिशु के आंख में सूजन आ सकती है. खासकर, आंख के आसपास, जहां टिश्यू आसानी से सूज जाते हैं. शिशु के लिए यह स्थिति असहज हो सकती है.

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पेरिऑरबिटल सेल्युलाइटिस

इसे प्रीसेप्टल सेल्युलाइटिस भी कहा जाता है. यह पलक और आईबाल के आसपास के टिश्यू का एक गंभीर संक्रमण होता है. इस स्थिति में पलक बहुत लाल व दर्दनाक हो सकती है. यह समस्या आमतौर पर एक आंख को प्रभावित करती है. प्रीसेप्टल सेल्युलाइटिस में शिशु की आंख में सूजन आ सकती है, साथ ही शिशु को बुखार भी हो सकता है.  

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एडिमा

शिशु की आंख में सूजन होने का एक कारण एडिमा भी हो सकता है. यह एक गंभीर स्थिति है, जो हृदय, लिवर और किडनी फेलियर का कारण बनती है. इस दौरान शिशु के चेहरे और आंख पर सूजन आ सकती है.

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माता-पिता अक्सर शिशु की सूजी हुई आंख से परेशान रहते हैं, लेकिन यहां हम स्पष्ट कर दें कि ये समस्या कुछ ही स्थितियों में गंभीर होती है. इस समस्या को आसानी से ठीक किया जा सकता है, जिसके बारे में नीचे बताया गया है - 

  • अगर शिशु की आंख में सूजन आ गई है, तो ठंडी सिकाई करना असरदार हो सकता है. सिकाई से सूजी हुई आंख को कम किया जा सकता है. एलर्जी के लिए ठंडी सिकाई कारगर होती है.
  • अगर बैक्टीरिया के कारण आंख सूजी है, तो गर्म सिकाई फायदेमंद हो सकती है.
  • अगर शिशु की आंख में सूजन ब्लेफेराइटिस की वजह से हुई है, तो इस स्थिति में आंख के आसपास की जगह पर मालिश की जा सकती है. इसके लिए डॉक्टर की सलाह पर मलहम ले सकते हैं. साथ ही डॉक्टर से पूछ सकते हैं कि शिशु के आंख की मालिश किस प्रकार करनी है. 
  • डॉक्टर आंख की सूजन को कम करने के लिए एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल या फिर एंटीहिस्टामाइन आई ड्राप्स या मलहम लिख सकते हैं. इससे शिशु को आराम मिल सकता है. 
  • शिशु को आंख को हाथ से न रगड़ने दें. इसके लिए साफ वाशक्लाथ का यूज किया जा सकता है.

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शिशु की सूजी हुई आंख के पीछे कई आम और गंभीर कारण जिम्मेदार हो सकते हैं. इसलिए, इस स्थिति को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. सूजी हुई आंख शिशु के लिए दर्दनाक हो सकती है. शिशु की आंख सूजने पर ठंडे पानी से सिकाई की जा सकती है या फिर डॉक्टर की सलाह पर एंटीबायोटिक्स दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है. आंख पर रेडनेस, खुजली व जलन महसूस होने पर शिशु को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं. आंख सूजने पर शिशु आंख को रगड़ सकता है या आंख पर हाथ लगाकर रो सकता है.

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