एलोडीनिया - Allodynia in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

October 26, 2020

November 04, 2020

एलोडीनिया
एलोडीनिया

किसी प्रकार की चोट लगने, त्वचा के खिंचने या कई अन्य स्थितियों के कारण दर्द होना स्वाभाविक है। हालांकि, जब किसी को सामान्य रूप से गैर-दर्दकारक कार्यों के कारण भी दर्द का अनुभव होने लगे तो इस स्थिति को एलोडोनिया कहा जाता है। उदाहरण के लिए एलोडोनिया से पीड़ित लोगों को हल्के से स्पर्श करने या बालों को कंघी करने के दौरान भी दर्द महसूस हो सकता है, जबकि ये सभी कार्य दूसरे लोगों के लिए सामान्य हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक एलोडोनिया एक असामान्य समस्या है जो कई प्रकार की तंत्रिका संबंधी स्थितियों के कारण उत्पन्न हो सकती है। इस बीमारी में कुछ लोगों को बहुत ही मामूली कार्यों से भी अत्यधिक दर्द का अनुभव हो सकता है। बहुत अधिक दर्द को महसूस करना या हल्के दर्द के प्रति संवेदनशील होना हाइपरालेजिया कहलाता है।

एलोडोनिया के कारण व्यक्ति को कई प्रकार की अन्य मानसिक समस्याएं जैसे चिंता, अवसाद, सोने में समस्या का भी अनुभव हो सकता है। यदि आपके माता-पिता को फाइब्रोमाइल्जिया की समस्या हो तो आपको इसके और एलोडोनिया होने का खतरा होता है। फाइब्रोमायल्जिया एक तरह का विकार है, जो मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द उत्पन्न करता है। इसके अलावा जिन लोगों को माइग्रेन, पेरीफिरल न्यूरोपैथी या चिकनपॉक्स हो चुका हो उनमें भी एलोडोनिया विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

इस लेख में हम एलोडोनिया के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

एलोडोनिया के लक्षण - Allodynia symptoms in Hindi

एलोडोनिया का मुख्य लक्षण इंसान को उन कार्यों से दर्द का अनुभव होना जो सामान्य रूप से दर्दकारक नहीं होते हैं। कुछ लोगों को ठंडे या गर्म तापमान के कारण भी दर्द का अनुभव हो सकता है। ऐसे लोगों को छूने, बालों को ठीक करने जैसे कार्यों में भी दर्द महसूस हो सकता है।

एलोडोनिया के अंतर्निहित कारणों के आधार पर आपको निम्न लक्षणों का भी अनुभव हो सकता है। उदाहरण के लिए यदि आपको फाइब्रोमायल्जिया के कारण एलोडोनिया की समस्या हो रही हो तो आपमें निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

  • चिंता
  • डिप्रेशन
  • ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
  • नींद न आना
  • थकान

वहीं यदि किसी व्यक्ति में एलोडोनिया की समस्या माइग्रेन से जुड़ी हुई है तो उसे निम्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है।

  • सिर में बहुत अधि​​क दर्द
  • प्रकाश या ध्वनियों के प्रति संवेदनशीलता
  • दृष्टि में परिवर्तन
  • जी मिचलाना
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एलोडोनिया का कारण - Allodynia causes in Hindi

दर्द, शरीर के सुरक्षात्मक तंत्रों में से एक है। यह व्यक्ति के लिए तुरंत उन कार्यों को रोक देने का संकेत होता है जो उनके लिए हानिकारक हैं। उदाहरण के लिए, दर्द की प्रतिक्रिया ही व्यक्ति को आग से हाथ खींचने का इशारा करती है। हालांकि, एलोडोनिया के मामले में स्थिति बिल्कुल भिन्न है। इस बीमारी में लोगों को उन चीजों के कारण भी दर्द का एहसास होने लगता है जो हानिकारक या दर्दकारक नहीं हैं।

वैसे तो एलोडोनिया का कारण बहुत स्पष्ट नहीं है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ ऐसी स्थितियां हैं जो व्यक्ति में एलोडोनिया विकसित होने के खतरे को बढ़ा सकती हैं।

माइग्रेन

माइग्रेन के कारण व्यक्ति के सिर में दर्द हो सकता है, लेकिन सिरदर्द ही इसका एकमात्र लक्षण नहीं होता है। माइग्रेन के कारण मतली और ध्वनि या प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता का भी अनुभव हो सकता है। अमेरिकन माइग्रेन फाउंडेशन के अनुसार, माइग्रेन के दौरान 80 प्रतिशत लोगों को एलोडोनिया के लक्षणों का अनुभव हो सकता है।

फाइब्रोमायल्जिया

फाइब्रोमायल्जिया एक ऐसी चिकित्सकीय स्थिति है जिसके कारण लोगो को पूरे शरीर में व्यापक दर्द हो सकता है। फाइब्रोमाइल्जिया किन कारणों से होता है यह स्पष्ट नहीं है। हालांकि, कुछ लोगों में इसके आनुवंशिक लिंक देखे गए हैं। इतना ही नहीं विशेषज्ञों ने फाइब्रोमायल्जिया और एलोडोनिया के बीच भी संबंधों का पता लगाया है।

मधुमेह

लंबे समय तक मधुमेह से पीड़ित लोगों के नसों को नुकसान पहुंच सकता है। इसके कारण लोगों में एलोडोनिया का भी खतरा बढ़ जाता है। तंत्रिका तंत्र के लिए नर्व ग्रोथ फैक्टर (एनजीएफ) आवश्यक होता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मधुमेह के कारण एनजीएफ का स्तर कम हो सकता है। हाल में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि एनजीएफ के निम्न स्तर के कारण हाइपरालेजिया और एलोडोनिया दोनों का खतरा बढ़ जाता है।

कॉप्लेक्स रिजनल पेन सिंड्रोम (सीआरपीएस)

सीआरपीएस एक दीर्घकालिक दर्द की स्थिति है जो व्यक्ति के एक लिंब को प्रभावित कर सकती है। किसी प्रकार की चोट या दुर्घटना में प्रभावित अंग में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि तंत्रिका तंत्र की समस्याओं के कारण सीआरपीएस होता है।

एलोडोनिया का निदान - Diagnosis of Allodynia in Hindi

एलोडोनिया के निदान के लिए कोई विशिष्ट परीक्षण नहीं है। रोग के बारे में पता लगाने के लिए डॉक्टर आपसे मेडिकल हिस्ट्री और लक्षणों के बारे में पूछ सकते हैं। चूंकि कई सामान्य स्थितियां भी दर्द का कारण बन सकती हैं, ऐसे में डॉक्टर स्थिति के निदान के लिए चिकित्सा स्थितियों को बारीकी से समझने की कोशिश करते हैं। इसके लिए कई स्तर से तंत्रिका संवेदनशीलता परीक्षण कराने की सलाह दी जा सकती है।

जिन लोगों को गैर दर्दकारक कार्यों से भी दर्द का अनुभव होता हो, उन्हें एलोडोनिया के निदान के​ लिए अतिशीघ्र डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि रोगी में मधुमेह का संदेह हो तो डॉक्टर खून में ग्लूकोज के स्तर को मापने के लिए रक्त परीक्षण कराने की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा थायरॉयड रोग या संक्रमण की जांच के लिए भी रक्त परीक्षण कराने की सलाह दी जा सकती है।हल्के से छूने और सामान्य कार्यों को करने से भी दर्द होने के कारण लोगों को परेशानी और तनाव का अनुभव हो सकता है।

एलोडोनिया का इलाज - Treatment of Allodynia in Hindi

एलोडोनिया का कोई ​विशिष्ट इलाज नहीं है। जीवन शैली में परिवर्तन और दवाओं के माध्यम से दर्द को कम करने का प्रयास किया जाता है। रीढ़ की हड्डी की चोट, मधुमेह जैसी स्थितियों से जुड़े तंत्रिका दर्द के इलाज के लिए कुछ विशेष दवाइयां उपलब्ध हैं। डॉक्टरोंं के मुताबिक कुछ लोगों में यह दवाइयां एलोडोनिया की स्थिति में भी फायदेमंद हो सकती हैं।

इसके अलावा इलाज के दौरान एलोडोनिया की अंतर्निहित स्थितियों को ठीक करने का प्रयास किया जाता है। उदाहरण के लिए जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या है उनमें माइग्रेन के सीधे तौर पर इलाज करने से एलोडोनिया के लक्षणों और जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा मधुमेह को नियंत्रित करना भी फायदेमंद हो सकता है। जीवनशैली में बदलाव जैसे हल्का व्यायाम, पौष्टिक आहार और पर्याप्त नींद लेने से भी कुछ लोगों को मदद मिल सकती है। अनुसंधानों से पता चलता है कि धूम्रपान करने वालों को नॉनस्मोकर्स की तुलना में अधिक दर्द का अनुभव होता है। धूम्रपान को छोड़ना कई स्तर से फायदेमंद हो सकता है।

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