बुलस पेम्फिगॉइड - Bullous Pemphigoid in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

December 15, 2020

January 31, 2024

बुलस पेम्फिगॉइड
बुलस पेम्फिगॉइड

बुलस पेम्फिगॉइड, त्वचा की एक दुर्लभ स्थिति है जिसकी वजह से शरीर पर पानी से भरे बड़े-बड़े फफोले बन जाते हैं। ये फफोले खासतौर पर शरीर के उन हिस्सों में सकते हैं, जहां त्वचा मड़ती है - जैसे कि पेट के निचले हिस्से में, जांघ के ऊपरी भाग पर और बगल में। बुलस पेम्फिगॉइड एक ऐसी समस्या है जो कि आमतौर पर बुजुर्गों में पाई जाती है। दरअसल यह बीमारी, पेम्फिगॉइड रोग का एक प्रकार है और यह समस्या उस समय आती है जब प्रतिरक्षा प्रणाली व्यक्ति की त्वचा की बाहरी परत के नीचे ऊतकों की एक पतली परत पर हमला करती है। हालांकि, इस असामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का कारण अज्ञात है, लेकिन कभी-कभी कुछ दवाओं के कारण भी यह बीमारी ट्रिगर हो सकती है। वैसे बुलस पेम्फिगॉइड की समस्या अक्सर कुछ महीनों में खुद-ब-खुद ठीक हो जाती है लेकिन कई परिस्थितियों में इसे ठीक होने में पांच साल तक का समय लग सकता है।

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बुलस पेम्फिगॉइड के लक्षण - Bullous Pemphigoid Symptoms in Hindi

बुलस पेम्फिगॉइड के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं -

  • फफोले होने से कुछ हफ्ते या महीने पहले त्वचा पर खुजली होना
  • ऐसे फफोले या छाले जो छूने से भी नहीं फूटते हों
  • फफोले के पास की त्वचा, सामान्य से अधिक लाल या गहरे रंग की होना
  • एग्जिमा या छत्ते के आकार के रैश
  • मुंह या अन्य जगह (चिपचिपी त्वचा) पर छोटे छाले या घाव होना

बुलस पेम्फिगॉइड का कारण - Bullous Pemphigoid Causes in Hindi

बुलस पेम्फिगॉइड के कारण कई हो सकते हैं, लेकिन इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी का होना इस बीमारी की एक बड़ी वजह है। दरअसल शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली आमतौर पर बैक्टीरिया, वायरस या अन्य संभावित हानिकारक पदार्थों से लड़ने के लिए एंटीबॉडी का निर्माण या उत्सर्जन करती है। हालांकि, वे कारण अब भी स्पष्ट नहीं हैं, जिनकी वजह से शरीर में एक विशेष ऊतक के लिए एंटीबॉडी विकसित होते हैं।

बुलस पेम्फिगॉइड में, प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिका (फाइबर) के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन करती है जो स्किन की बाहरी लेयर (एपिडर्मिस) और अगली लेयर (डर्मिस) को जोड़ती है। लेकिन ये एंटीबॉडी सूजन को बढ़ावा (ट्रिगर) देते हैं, जिसके कारण बुलस पेम्फिगॉइड रोग से संबंधित फफोले पड़ते हैं और खुजली होती है।

बुलस पेम्फिगॉइड का निदान - Diagnosis of Bullous Pemphigoid in Hindi

बुलस पेम्फिगॉइड के निदान के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट के लिए बोल सकते हैं। वहीं, लैब टेस्ट के लिए प्रभावित त्वचा (स्किन बायोप्सी) का एक छोटा सा सैंपल लिया जा सकता है। इसके अलावा आपका डॉक्टर आपको स्पेशलिस्ट डॉक्टर के पास भेज सकता है जो आपके लक्षणों और लैब टेस्ट के नतीजों के आधार पर स्किन (डर्मेटोलॉजिस्ट- चर्म रोग विशेषज्ञ) या आंखों (नेत्र रोग विशेषज्ञ) की समस्या को समझने में माहिर हो।

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बुलस पेम्फिगॉइड का इलाज - Bullous Pemphigoid Treatment in Hindi

बुलस पेम्फिगॉइड का इलाज आमतौर पर कोर्टिकोस्टेरोइड दवा से किया जाता है। इस दवा को मौखिक रूप से लिया जाता है। इसके अलावा एक क्रीम भी लगाने को दी जा सकती है। इसके साथ बीमारी के हल्के लक्षणों वाले मामलों में एंटीबायोटिक्स या अन्य एंटी-इंफ्लामेटरी दवाएं भी उपयोगी हो सकती हैं। जबकि गंभीर मामलों में इम्यूनो सप्रेसेंट दवाओं के उपयोग की जरूरत पड़ सकती है। ओरल कॉर्टिकॉस्टिरॉइड्स के गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इसलिए जरूरी है कि आप डॉक्टर के निर्देशों का ठीक से पालन करें। कुछ साइड इफेक्ट्स हैं जो कि इस प्रकार हैं -

शिशुओं में बुलस पेम्फिगॉइड के मामले - Bullous Pemphigoid in Infants in Hindi

शिशुओं में बुलस पेम्फिगॉइड काफी दुर्लभ है, लेकिन इससे जुड़े मामले रिपोर्ट किए गए हैं। एनसीबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक 81 शिशुओं में बुलस पेम्फिगॉइड से जुड़े ऐसे मामलों की पहचान की गई थी, जिसमें पीड़ित बच्चे की औसत आयु 4.5 महीने थी। 84% मामलों में बीमारी के मध्यम और गंभीर बीमारी लक्षण नजर आए।