कैंसर, नाम से ही बीमारी की भयावहता और उसके दर्द को महसूस किया जा सकता है। कैसे कैंसर के कारण लाखों-करोड़ों लोग एक प्रकार की असहनीय पीड़ा को सहन करते हैं और इलाज के अभाव में मृत्यु की चौखट तक पहुंच जाते हैं।

डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक अनुमान के तौर पर देखा जाए तो कैंसर दूसरी ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसकी वजह से साल 2018 में दुनियाभर के अंदर 90 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। मतलब कैंसर के कारण 6 में से एक व्यक्ति की मौत हुई। इसमें कैंसर के सभी प्रकार यानि स्तन कैंसर, कॉलन कैंसर, मुंह का कैंसर व अन्य शामिल थे।

खैर कैंसर का इलाज उपलब्ध है और समय के साथ अगर बीमारी के लक्षणों को पहचाना जाए तो बेहतर इलाज की संभावना होती है। यहां आपको बता दें कि सभी तरह के कैंसर का इलाज अलग तरह से होता है, लेकिन हाल ही में की गई एक रिसर्च के जरिए शोधकर्ताओं ने सभी तरह के कैंसर का एक और बेहतर इलाज ढूंढ निकाला है।

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सभी तरह के कैंसर का एक इलाज
नेचर इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन की कार्डिफ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने वेल्स के एक ब्लड बैंक से खून लिया औ उसमें बैक्टीरिया से लड़ने वाले प्रतिरोधक सेल्स की जांच कर रहे थे। इस दौरान उन्हें एक बिल्कुल नए तरह के टी-सेल का पता चला। 

अध्ययनकर्ताओं ने जिस टी-सेल की खोज की है, उसमें एक अलग तरह का सेल रिसेप्टर मौजूद होता है, जो इंसानों में पाए जाने वाले ज्यादातर कैंसर की पहचान कर इस बीमारी की कोशिकाओं का खात्मा करता है, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि यह टी-सेल इस दौरान स्वस्थ कोशिकाओं को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता है।

अध्ययनकर्ताओं ने जब लैब में इन टी-कोशिकाओं का इस्तेमाल किया तो पता चला कि यह कोशिकाएं या सेल्स लंग कैंसर, स्किन कैंसर, ब्लड कैंसर, कॉलन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, हड्डियों का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, ओवेरी समेत किडनी और सर्वाइकल कैंसर को खत्म या नष्ट कर सकती हैं।

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कैसे की गई रिसर्च?
दरअसल हमारे शरीर का इम्युनिटी सिस्टम यानि प्रतिरोधक क्षमता ही कई प्रकार के संक्रमणों से हमारी रक्षा करती है। यह इम्युनिटी सेल्स हमारे शरीर में खराब बैक्टीरिया से लड़ सकती हैं, लेकिन अभी शोधकर्ताओं ने कैंसर रोगी में इसका परीक्षण नहीं किया गया है, मगर उनके पास बड़ी क्षमता है, जिसके जरिए शोधकर्ताओं ने कैंसर के बेहतर इलाज का दावा किया है।

रिसर्च की शुरुआत में अध्ययनकर्ता एक ऐसा तरीका ढूंढने की कोशिश कर रहे थे, जिसमें इम्यूनिटी सिस्टम प्राकृतिक रूप से ट्यूमर पर हमला कर उसे नष्ट करें और इस तरह उन्हें इंसान के खून में टी-सेल का पता चला। यह एक इम्युनिटी सेल (प्रतिरक्षा कोशिका) है जो कि हमारे शरीर को स्कैन कर यह पता लगा सकती है कि हमारे शरीर को किसी प्रकार का नुकसान तो नहीं हो रहा, जिसे ठीक करने की जरूरत है।

रिसर्च से जुड़े शोधकर्ता प्रोफेसर एंड्रयू सेवेल ने बताया कि कैंसर का यह उपचार “वन साइज फिट ऑल” कहावत की तरह है। इस एक टी-सेल के जरिए ही कैंसर से ग्रसित बड़ी जनसंख्या में भी सभी तरह के कैंसर को ठीक या नष्ट करने में मदद मिलेगी।

कैसे काम करता है टी-सेल?
शोधकर्ताओं की टीम ने पाया है कि टी-सेल और रिसेप्टर अपने आप शरीर के अंदर कैंसर कोशिकाओं की तलाश करेंगे और इसके बाद उनको नष्ट करेंगे। इसमें कैंसर के सभी प्रकार शामिल हैं। इसके अलावा अगर मोटे तौर पर देखें तो यह टी-सेल रिसेप्टर एमआर1 के साथ मिलकर कैंसर के लक्षणों को खत्म करेंगे। यह मानव शरीर में हर कोशिका की सतह पर मौजूद होता है। एमआर1 कैंसर सेल के अंदर जाने वाले खराब मैटाबॉलिज्म को प्रतिरक्षा प्रणाली में जाने से रोकता है।

रिसर्च के सदस्य गैरी डोल्टन का कहना है “हमने शोध के दौरान पहले एक टी-सेल की व्याख्या की, जो कैंसर कोशिकाओं में एमआर1 का पता लगाती है। यह सब इससे पहले नहीं किया गया था और यह अपनी तरह की पहली कोशिश हो सकती है।”

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खैर इस रिपोर्ट के आधार पर देखा जाए तो अगर शोधकर्ताओं की यह रिसर्च असल जीवन में सफल होती है तो यह कैंसर के इलाज में एक मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि अभी तक अलग-अलग प्रकार के कैंसर का इलाज अलग-अलग ढंग से ही किया जाता है। ऐसे में इस प्रक्रिया से सभी प्रकार के कैंसर का इलाज एक ही जरिए से किया जा सकेगा, जो कि काफी आसान हो जाएगा। साथ ही वैज्ञानिकों की इस कामयाबी के बाद कैंसर से होने वाली मृत्यु दर को कम करने में भी मदद मिलेगी।

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